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उत्तराखंडी ई-पत्रिका

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Tuesday, July 7, 2015

सीएम जीजा जी ! जरा कश्मीरी राजमा की प्लेट सरकै दियां

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                             सीएम जीजा जी ! जरा कश्मीरी राजमा की प्लेट सरकै दियां 

                                 चबोड़ , चखन्यौ , चचराट   :::   भीष्म कुकरेती 

उत्तराखंडौ मुख्यमंत्री - पीए जी !  खाणौ मा कु कु आणा छन ?
पीए - सर आपक पारिवारिक लोग इ छन।  आक तीन सड्डु भै , जड़ज्यू अर द्वी स्याळि अर ऊंक बच्चा। तकरीबन पंदरा -सतरा लोग तो होला ही। 
मुख्यमंत्री - मतलब इनफॉर्मल ही च ना ?
पीए - जी हाँ , क्वी भाषण भीषण , औपचारिकता कुछ नी च। 
डाइनिंग रूम से जनानी आवाज - पीए साब सीएम साब तै चौड़ भेज।  इख जीजा जी अर द्वी जंवै टेबल पर बैठ्याँ छन , जग्वाळ करणा छन। 
पीए - जी जरा फॉर्मल ड्रेस पैरणा  छन बस आदि छन।  सर चलो। 
(डाइनिंग रूम म लम्बी मेज  मा भोजन धर्युं च चारों तरफ लोग )
मुख्यमंत्री को प्रवेश - अरे भई क्षमा ! जरा देर ह्वे गे।  
सबि -नै नै सब चलदो च।  आप खाणक टैम पर ऐ गेवां स्यु कम च। 
मुख्यमंत्र्याणी - अच्छा चलो अब सूप से शुरू करे जावो। 
मु .मं. की जड़ज्यू - सूप मा क्या च ? 
मुख्यमंत्र्याणी- नेपाली मशरूम सूप च ,  हिमाचली जख्याको तड़का लग्युं मिक्स्ड वेजिटेबल सूप च अर सब भुजी मीन दिल्ली से मंगाईं छन।  
जड़ज्यू - मि तै त मशरूम सूप भौत पसंद च।  जंवाई जी क्या मशरूम उखण्ड मा नि हून्दन जु मशरूम नेपाल से मंगाण पड़दान ?
मुख्यमंत्र्याणी- अरे सब पहाड़ी अळगसि छन।  क्वी काम नि करण चांदन बस फोकट मा मिल जावो बस। 
बड़ी स्याळी - दीदी फ्लेक्स मा क्या च ?
मुख्यमंत्र्याणी- अरे तीन किस्मौ रागी फ्लेक्स छन (मंडुवा , कोदा फ्लेक्स ) . 
बड़ी स्याळी -अच्छा एक्सलेंट ! म्यार बच्चा तो रागी फ्लेक्स का दीवाना छन।  इख उत्तराखंडी मंडुवा मिल जांदो क्या ?
मुख्यमंत्र्याणी- पहाड्यूं औकात  क्वाद उगाणो ? खाणो सब्युं तै चयेणुं च अर करणो नाम  दारु पेकि गदनों गदन टुंड पड्यां रौंदन। 
बड़ी स्याळी -  तो फिर रागी फ्लेक्स ?
मुख्यमंत्र्याणी- अरे  यु सब तो कर्नाटक अर तामिलनाडु से मंगाण पड़द।  मि त डाइरेक्ट फैक्टर्युं से कुरियर द्वारा रागी फ्लेक्स मंगै लींदु -द्वी तीन मैनों कुण इकछुटि। 
जीजा - स्याळी जी ! पराठों बड़ी सुगंध आणि च।  क्यांक भर्यां रुटि बणी छन ?
मुख्यमंत्र्याणी- जीजा जी  छोटी तुवर की भरीं रुटी अर आधा प्रदेश का घी का साथ मजा आलो। 
एक जवान नौनु - आंटी ! तुवर कुमाऊं की च कि गढ़वाल की ?
मुख्यमंत्र्याणी- ऊँ ! कुम्म्या -गढ़वळि क्या छुटि तोर उपजाला ? पॉलिटिक्स से फुरसत मीलो तो तुवर उगाला ना ? मि त पालमपुर हिमाचल से डाइरेक्ट छुटि तोर मंगांदु।  यी हिमाचली तुवर का परांठा छन। 
एक युवा - आंटी ! टेबल में जो भी खाना है उसके बारे में बता दो तो हम अफिक उठा लेंगे अर आप लोग फिर छ्वीं बथ बि लगा सकते हो। 
मुख्यमंत्र्याणी- हाँ उ भूटानी  मूळा की भुजी च , स्यु पंजबा की उड़दो दाळ च ,    …बिहार की मज्जफरपुरी लीचीक जाम च , ड्राई फ्रुटुं मा लातूर महारष्ट्र कु बेडू अर सतारा का तिमालो ड्राई फ्रुट्स  छन , मध्यप्रदेश , महाराष्ट्र , गुजरात का भिन्न  भिन्न अचार छन, अमूल दही का रायता च।  तमिलनाडु बासमती कु भात। धूलिया महाराष्ट्र की मिर्च   …… 
एक सड्डू भाई - क्वी गढ़वळि -कुम्मया चीजुं भोजन ?
मुख्यमंत्र्याणी-अरे यूँ पहाड्यूं तै सींप फुंजणो तमीज हो तो गढ़वाल -कुमाऊं की क्वी चीज पकौवां हम ?
स्याळी - अच्छा दीदी ! पैल त्यार इक पहाड़ी नौकर हूंदाछा।  अब क्या हाल छन ?
मुख्यमंत्र्याणी- अरे अब सब गढ़वाली -कुमाउनी बड़े आलसी हो गए।  मैदान में मजदूरी  कर लेंगे पर देहरादून में भण्डंमजा नही बनेंगे।  खानसामा नही बनेंगे। 
स्याळी - त फिर काम कनकैक चलांदी ?
मुख्यमंत्र्याणी- अरे बंगलादेशी,  बिहार्युं या नेपाल्युं भरवस पर ड्यार चलाण पड़द अब। 
बड़ो साडु भाय - भाई साब !
मुख्यमंत्री की जड़ज्यू - सीएम साब बुल्दु जीबी छुटि ह्वे जालि  क्या ?
बड़ो साडु भाइ - सॉरी सीएम साब ! पैल पांच साल आप केंद्रीय मंत्री रैन अर अब चार साल से उत्तराखंड का मुख्यमंत्री छंवां।  अगनैकि रणनीति क्या च ? अपणी कंस्टीच्वंसी से चुनाव या ?
मुख्यमंत्र्याणी- अरे यी पहाड़ी कैक बि ह्वेन क्या ?  पहाड़ी मेहमान किसके अर भात खाए खिसके।  मि त युंकुंण बुलणु छौं कि निशंक जीक तरां अबै दैं मैदान से चुनाव लडो , यूँ पहाड्यूं क्वी भरवस नी च। 
[बड़ो सड्डो भै हंसद ]
मुख्यमंत्र्याणी- जीजा जी आप क्यों हंस रहे हो ?
बड़ो सड्डो भै - हम सब पहाड्यूं आदत पर।  हम एक पहाड़ी दुसर पहाड़ी  पर फब्ती कस्दां कि -पहाड़ी मेहमान किसके अर भात खाए खिसके। 
छुटि स्याळी -यार जीजाओ ! बंद कारो राजनीति की बात।  भात खाण पर ध्यान द्यावो।  उत्तराखंडी का सीएम  जीजा जी ! जरा कश्मीरी राजमा इना तो पकड़ावो तो । 


8 /7  /15 ,Copyright@ Bhishma Kukreti , Mumbai India 
*लेख की   घटनाएँ ,  स्थान व नाम काल्पनिक हैं । लेख में  कथाएँ चरित्र , स्थान केवल व्यंग्य रचने  हेतु उपयोग किये गए हैं।
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