इन्टरनेट प्रस्तुति : भीष्म कुकरेती
मूल स्रोत्र : केशव अनुरागी
डा शिवा नन्द नौटियाल : गढ़वाल के लोक नृत्य-गीत
ह्युंचळी डांड्यु की चली हिंवाळी कन्कोर
रंगमतु ह्व़े , नचण लगे मेरा मन का मोर
धौळी गंगा का छाल़ू पाणी
भगीरथी कजोळ
देवप्रयाग रघुनाथ मन्दिर
नथुली सि पंवोर
ह्युंचळी डांड्यु की चली हिंवाळी कन्कोर
रंगमतु ह्व़े , नचण लगे मेरा मन का मोर
आरू, घिंघारू , बांज , बुरांस
सकिनी झका झोर
लखिपाखे बण मांग बिरड़ी
चकोरी की चकोर
ह्युंचळी डांड्यु की चली हिंवाळी कन्कोर
रंगमतु ह्व़े , नचण लगे मेरा मन का मोर
डांड का रसूली कूळईं
झुप झुपा चंवोर
ऊंची डांडी चौडंडी बथों
गैरी गंगा भंवोर
ह्युंचळी डांड्यु की चली हिंवाळी कन्कोर
रंगमतु ह्व़े , नचण लगे मेरा मन का मोर
बसुधारा को ठंडो पाणी
केदार को ठौर
त्रिजुगी नारेण तख
बद्री सिर मौर
ह्युंचळी डांड्यु की चली हिंवाळी कन्कोर
रंगमतु ह्व़े , नचण लगे मेरा मन का मोर
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