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क्या मैं भुंदरा बौ की पकाई खीर खा पाऊँगा ? पढ़िए इस एपिसोड में !
चबोड़ , चखन्यौ , चचराट ::: भीष्म कुकरेती
मि -ये बौ कन छे ? सिमनैन !
भुंदरा बौ -चरंजी रौ रे खब्ती ! ये वर्ड्सप मा बात किलै नि करणु छै रै ?
मि -वु स्मार्ट फोन खराब हुयुं च तो मि पुरण मोबाइल लेकि ऐ ग्यों।
भुंदरा
बौ -अर म्यार लैंडलाइन पर किलै फोन करणु छै रै ? त्वै तै मि तै तंग करण मा
भोत मजा आंद। त्वै पता च ना कि मंज्यूळ आणा पड़ता है लैंड लाइन कॉल लेने
के लिए।
मि -हाँ पर त्यार मोबाइल तो मृत घोषित कर्याणु च --यह नंबर अभी बंद है।
भुंदरा बौ -औ मी बि बिसर ग्यों कि टावर की ब्वे मर गयी है।
मि -टावर की ब्वे मर गयी है ?
भुंदरा
बौ -हाँ मोबाईल टावर ब्याळि रात से भ्युं पड़ा है न तो मोबाइल कख चल रहे
हैं। अरे बगैर वर्डस्प का मि कथगा बोर हूणु छौं। गाँव मा मनोरंजन का साधन
बि नि छन वर्डसप छोड़िक। कब तक गूणी बांदरों के साथ इंटरटेनमेंट करेंगे
हम गाँव वाले ?
मि -हाँ या बात बि सै च।
भुंदरा बौ -अच्छा तू कख बिटेन बुलणु छे ?
मि -कोटद्वार बिटेन।
भुंदरा बौ -औ पौंचि बि गे ?
मि -हाँ।
भुंदरा बौ -त ड्यार त आणि इ होली ना ?
मि - उत्तराखंड औं अर त्वै नि भेंटु ? इन ह्वै च कबि ?
भुंदरा बौ -ना ना. प्यारो द्यूर जि छे तू।
मि
-अच्छा सूण सौणक मैना च तो मीन ड्यार ऐका सौणा मैनाक तेरी हतुं पकाईं खीर
खाण। सौणा का मैना दूध हूंद भौत ! स्वामी जी तुम बि घौर ऐई जयां खीर
खैइ जयाँ ! खीर खैइ जयाँ !
भुंदरा बौ - दाळ भात , मीट मटन , दारु सारू से काम नि चौलल ?
मि -ना मीन तो तेरी हतुं पकाईं खीर खाण।
भुंदरा बौ -ठीक च त इन कौरी -दगड़म जरा अमूल का टैट्रा पैक मा बंद दूध लये।
मि -दूध अ ? गाँव मा गौड़ी सब बांज छन क्या ?
भुंदरा
बौ -गौड़ि कलोड़ बांज नि छन बल्कण मा सन्नी , गौशाला बांज पड़ी गेन। कैको
बि अब गौड़ि नि पळी छन। अब त श्राद्ध मा गौड़ी तै पुड़की दीणो या बग्वालि दिन
पींड खलाणो बाण तीन मील दूर जाण पड़द अर वु बि बीस रुपया फीस देकि पुड़की
-पींडु खलाणो दीण पड़दन। अब तो गाउँ मा अमृत मिल जान्दो पर गौडि दिखणो नि
मिल्दन।
मि -ठीक च दूध बि लयोलु।
भुंदरा बौ -अर सूण एक पाव घी बि लये।
मि -मतलब खीर बणाणो सब साजो सामान लाण पोड़ल।
भुंदरा बौ -हाँ अर साग भुज्जी इख तलक कि प्याज अल्लू, हरी मर्च बि लये हाँ। अब अल्लू -प्याज लगाण बि बंद ह्वे गेन।
मि -समजि ग्यों। कुछ न कुछ सबि सेज लयौल।
भुंदरा बौ -अच्छा सूण !
मि -सुणा। चलती क्या खंडाला ?
भुंदरा बौ -अपणी बैणि लीजा खंडाला। सूण त सैई।
मि -सुणा त सैई।
भुंदरा बौ -अरे ऊ खाणक बनाणो विषय पर संजीव कपूरै कुकिंग की किताब लये जरा।
मि -खीर बणाणो बान संजीव कपूरै कुकिंग की किताब ?
भुंदरा
बौ -हाँ उ क्या च कि पता नी कथगा साल ह्वे गेन धौं मीन खीर नि पकाई , सब
बिसर ग्यों तो खीर पकाण सिखण पोड़ल कि ना ? उन त मोबाइल मा गूगल सर्च से बि
सीख सकदु पर कामौ बगत पर मोबाईल टावरो मुर्दा मरी जांद तो तू हाउ टु कुक
खीर की किताब जरूर लये।
मि - जब इन हाल छन तो तू गाँव छोड़िक अपण कोटद्वारो मकान मा किलै नि रौंदि ?
भुंदरा बौ -अरे द्यूर दिल लगा गधी पर तो हूर क्या चीज वळि बात च। पहाड़ु से प्रेम जि च। निथर परदेसम रौणै कमि च क्या ?
20/7 /15 ,Copyright@ Bhishma Kukreti , Mumbai India
*लेख की घटनाएँ , स्थान व नाम काल्पनिक हैं । लेख में कथाएँ , चरित्र , स्थान केवल व्यंग्य रचने हेतु उपयोग किये गए हैं।
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