Best Harmless Garhwali Literature Humor Uncompleted , Closed Irrigation Project ; Garhwali Literature Comedy Skits Uncompleted , Closed Irrigation Project ; Garhwali Literature Satire Uncompleted , Closed Irrigation Project ; Garhwali Wit Literature ; Garhwali Sarcasm Literature Uncompleted , Closed Irrigation Hy-drum Project; Garhwali Skits Literature ; Garhwali Vyangya Uncompleted , Closed IrrigationHy-drum Project ; Garhwali Hasya
उत्तरकाशी मा मृत सिंचाई योजनाओं वास्ता इतिहासविद अर पुरात्ववेता चयेणा छन -शीघ्र अप्लाई करें !
चबोड़ , चखन्यौ , चचराट ::: भीष्म कुकरेती
जी ना ना ! उत्तरकाश्यौ इतिहास खुज्याणो बान इतिहासकार अर पुरात्ववेता नि
चयेणा छन। गढवळौ इतिहसौ बान जु बि करण छौ स्यु डा शिव प्रसाद डबरालन करि
याल , आजौ इतिहासकार डबराल जीक पिस्युं आटु तै दुबर , तिबारो , फिर से
पीसीक पीएचडी अर डिलीट डिग्री छपणा अर मै सरीखा नौसिखिया बि डबराल जीक
नकल करिक यीं सदी कु हिस्टोरियन बण्युं च। अब हमन इतिहास खुजण बंद कर
याल।
डबराल जीक किताबों से पता चौल कि हमर राजाओं अर ठोक्दारों तै पता इ नि छौ
कि भोळ , भविष्य , अगनै विश्वविद्यालयों मा हिस्ट्री सब्जेक्ट बि पढ़ाये
जालो , तो राजाओं अर थोकदारुंन इतिहास लिखण लैक कुछ नि छवाड़।
पर आजै उत्तराखंडी सरकार नामका मामला मा सुपरसेंसिटिव च। काम कारो या ना
अपण इतिहास सुरक्षित रखणो बान हद से अधिक संवेदनशील च। सब नेता नेहरू
खानदान से सीख लेकि अपण नाम इतिहास मा दर्ज कराणो उतावला छन। सरकार चांदी
कि भोळ इतिहासकारों तै क्वी समस्या , दिक्क्त , औसंद नि आवो तो सरकार
वर्तमान मृत योजनाओं , बंद पड़ीं योजनाओं कु लिपबद्ध अग्रिम इतिहास लिखणो
बान पुरात्ववेता अर इतिहासविदों की भर्ती करणी च।
फिलहाल वर्तमान मा उत्तरकाशी की यमुना घाटी का नौगांव -पुरोला क्षेत्र मा
मंजियाली II , कुंवा , गोना , डेलडा , कुमारकोट , गैंड अर तलवाड़ मा
हाइड्रम योजना बिलकुल मृत योजना ह्वे गेन। यांक अलावा ये ही क्षेत्र मा
कोटियालगांव , नौगांव , विनगधेरा , इड़क ,थली , कांडी , भंकोली , हुडोली ,
ठढुंग , स्वील , खलाड़ी , खरसाड़ी , पिपलासू , भदरासु , कोटि सिंचाई योजना
बंद योजना छन अर सरकार तै पूरा भरवस च कि कुछ समय बाद यी योजना बि मृत
योजनाओं की गणत मा अवश्य आई जाला।
वर्तमान बच्युं रावो इ ना किन्तु नेहरू खानदान की तर्ज पर सरकारों सुरम्य ,
सुनहरा , गोल्ड़न इतिहास बच्युं रावो योजना का तहत उत्तरकःसी का यमुना घाटी
मृत अर बंद सिंचाई योजनाओं का वास्ता पुरात्ववेताओं और इतिहाविदों तै
अप्वाइंट करणो वाट्स निविदा प्रकाशित करणी च।
पुरात्ववेताओं और इतिहासकारों कु बस एक इ काम च कि चारण शैली मा निम्न
कामों का लेख जोखा लिख दीण कि भविष्य मा सरकार की जै जै कार होवै।
१- हरेक योजना का विवरण कम सरकार का नेताओं कु स्तुति अधिक हूण
चयेंद कि सरकार छूटा कास्तकारों का हितैषी छे इलै इ बाइस योजनाओं का
शिलान्यास ह्वै।
२- शिलान्यास का बगत राजनेताओं का वक्तव्यों तै इ वरीयता दिए जाओ जांसे राजनेता इतिहास मा अमर ह्वै जैन।
३- मृत योजनाओं का ठीकरा सिंचाई विबहग का चपड़ासी , क्लर्कों पर फोड़े
जाय कि यूँना सही देखबहल नि कार जन कि मध्यप्रदेश मा दसक से हूणु च।
नेताओं की जगह क्लर्क अर चपडास्युं तै गुनाहगार साबित करेणु च। कखि बि
उच्च पदासीन अधिकारी अर मंत्री पर अभियोग नि लगाये जावो कि यूंकि बदखोरी ,
बदमाशी , लापरवाही से 7 सिंचाई योजना मृत ह्वेन अर 15 योजना बंद ह्वेन।
४- जकम राजनेताओं अर अधिकार्युं पर भगार , लांछन , लगाण आवश्यक ही ह्वे
जावो तो विरोधी दल का नेताओं अर सेवानिवृत अधिकारिओं की बुगठ्या जन बेहिचक
बलि चादहए जाए।
बकै सिंचाई योजनाओं का मृत व बंद हूणो कारणों मा जनता द्वारा समुचित सहयोग नि दीण तै उच्च प्राथमिकता दिए जावो।
५- अंतिम अर पैलो कारण प्राकृतिक आपदा तै दिए जाय।
पुरात्ववेता एवं इतिहासविदों तै चारण शैली का हिसाब से अग्रिम इतिहास
लिखणो हिसाब से वेतन भत्ता भुगतान होलु। याने सरकार व सरकारी राजनेताओं की
जथगा अधिक बड़ै उथ्गा अधिक वेतन अर भत्ता।
कखि बि इन नि लिखे जावो कि जै क्षेत्र का कास्तकार कैश क्रॉप -टमाटर ,
सब्जी की कृषि से लाखों कमान्दा छया अब 22 सिंचाई योजना बंद पड़न से किसान
बदहाल छन। यदि बदहाली का ठीकरा फुड़न आवश्यक ही हो तो विरोधी दल का सर पर
ठीकरा ही ना फोड़े जावो अपितु विरोधी दल का नेताओं को बदनाम भी करे जावो ।
पुरात्ववेता व इतिहासविदों तै सावधान करे जांद कि उत्तरकाशी जाणै जरूरत नी
च। अपितु देहरादून मा इ मजे से नौगॉंव क्षेत्र को इतिहास लिखे जावो।
इतिहास लिखद दे ध्यान रखे जावो -
विषय -चापलूसी भरा
शब्द विन्यास -चमचागिरी का !
शैली - चारण शैली !
( देहरादून डिस्कवर की एक रिपोर्ट पर आधारित )
19/7 /15 ,Copyright@ Bhishma Kukreti , Mumbai India
*लेख की घटनाएँ , स्थान व नाम काल्पनिक हैं । लेख में कथाएँ , चरित्र , स्थान केवल व्यंग्य रचने हेतु उपयोग किये गए हैं।
Garhwali
Vyangya , Garhwali Hasya, Garhwali skits; Garhwali short skits,
Garhwali Comedy Skits, Humorous Skits in Garhwali, Wit Garhwali Skits
No comments:
Post a Comment
आपका बहुत बहुत धन्यवाद
Thanks for your comments