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Sunday, July 26, 2015

कुणिंद राज्य में सामाजिक मान्यताएं

Social Norms in Kuninda (Srughna Reference ) Era Haridwar,  Bijnor,   Saharanpur

                                                कुणिंद राज्य में  सामाजिक मान्यताएं 
                            Ancient  History of Haridwar, History Bijnor,   Saharanpur History  Part  -149                       
                           
                     हरिद्वार इतिहास ,  बिजनौर  इतिहास , सहारनपुर   इतिहास  -आदिकाल से सन 1947 तक-भाग -149                      

                                               इतिहास विद्यार्थी ::: भीष्म कुकरेती  


          जैनमत व बुद्धमत प्रचार के पश्चात भी पारम्परिक मान्यताएं समाप्त नही हो पाई थीं। 
बौद्ध धर्म में जातीय विभाजन को मान्यता नही होने के बाद भी जातीय भेद उनमे भी चलता आ रहा था। बुद्ध वयम भी जातीय उच्चता या निम्नता पर विश्वास करते थे (संयुत्त निकाय पृ  ४९९ ). बौद्ध क्षत्रियों को ब्राह्मणो से उच्च जाति का मानते थे क्योंकि बुद्ध क्षत्रिय वंशी थे।  मंझिम निकाय में कुछ जातियों को निम्न श्रेणी का बताया गया है (पृ ५३४ ) और संयुत्त में भी (पृ ८३ ) . 
 जैनों में भी क्षत्रियों को ब्रह्मणो से उच्च मन गया था किन्तु जनसाधारण में ब्राह्मणो की उच्चता बरकरार थी।
                                                  ब्राह्मण 
ब्राह्मणों का स्थान सभी कल में उच्च माना जाता रहा है।  बौद्धवालम्बि राजा भी ब्राह्मण परमर्शदातों को परिश्रय देते  उनकी सलाह का आदर होता था। 
         शुंग काल में तो ब्राह्मणो को और भी ऊंचा स्थान प्राप्त हो गया था। 
   उस समय ब्राह्मणों का रंग गोरा था या पितला /पीला। व वे कपिलकेशी व सदाचारी होते थे (महाभाष्य , २/२/६ )। 
   ब्राह्मण प्रायः तप व स्वाध्याय  रहते थे।  ब्राह्मणों का शिक्षण कार्य व कर्मकांड कार्य निरंतर चल  रहा था। 
                              शिष्ट ब्राह्मण 
शिष्ट बब्राह्मण  जाता था जो दो दिन से अधिक धान्य नही रखते थे। और इन्द्रियों के गुलाम नही होते थे (अग्निहोत्री ) ।.
                              सामान्य  ब्राह्मण 
 जो इन्द्रियों व धन  पिपासा बंद नही कर पाते थे उन्हें सामान्य ब्राह्मण खा जाता था।
        समाज में ब्राह्मणो का आदर था व बालक ब्राह्मण को भी गुरुवत आदर दिया जाता था व उनका भी अभिनन्दन किया जाता था ।  विशेष अवसरों  ब्राह्मणो को भोजन व दक्षिणा हेतु  निमंत्रण दिया जाता था। 
कुछ ब्राह्मण नमक नही खाते थे। 
कुछ श्राद्ध भोजन नही करते थे। 
कई पयोब्रत ब्राह्मण केवल फल फूलों पर जीवन बिताते थे। 
                       




Copyright@
 Bhishma Kukreti  Mumbai, India 24/7/2015 
   History of Haridwar, Bijnor, Saharanpur  to be continued Part  --150

 हरिद्वार,  बिजनौर , सहारनपुर का आदिकाल से सन 1947 तक इतिहास  to be continued -भाग -150



         Social Norms in Kuninda  & Ancient History of Kankhal, Haridwar, Uttarakhand ; Social Norms in Kuninda  &   Ancient History of Har ki Paidi Haridwar, Uttarakhand ;  Social Norms in Kuninda  & Ancient History of Jwalapur Haridwar, Uttarakhand ;  Social Norms in Kuninda  & Ancient  History of Telpura Haridwar, Uttarakhand  ;  Social Norms in Kuninda  & Ancient  History of Sakrauda Haridwar, Uttarakhand ;  Social Norms in Kuninda  & Ancient  History of Bhagwanpur Haridwar, Uttarakhand ; Social Norms in Kuninda  &   Ancient   History of Roorkee, Haridwar, Uttarakhand  ; Social Norms in Kuninda  & Ancient  History of Jhabarera Haridwar, Uttarakhand  ; Social Norms in Kuninda  &  AncientHistory of Manglaur Haridwar, Uttarakhand ;  Social Norms in Kuninda  & Ancient  History of Laksar; Haridwar, Uttarakhand ;  Social Norms in Kuninda  &   Ancient History of Sultanpur,  Haridwar, Uttarakhand ; Social Norms in Kuninda  &    Ancient  History of Pathri Haridwar, Uttarakhand ;  Social Norms in Kuninda  &  Ancient History of Landhaur Haridwar, Uttarakhand ;  Social Norms in Kuninda  & Ancient History of Bahdarabad, Uttarakhand ; Haridwar;   Social Norms in Kuninda  &   History of Narsan Haridwar, Uttarakhand ;   Social Norms in Kuninda  & Ancient History of Bijnor;  Social Norms in Kuninda  &  Ancient  History of Nazibabad Bijnor Social Norms in Kuninda  &   AncientHistory of Saharanpur; Social Norms in Kuninda  &  Ancient  History of Nakur , Saharanpur; Social Norms in Kuninda  &   Ancient   History of Deoband, Saharanpur;  Social Norms in Kuninda  &   Ancient  History of Badhsharbaugh , Saharanpur;  Social Norms in Kuninda  & Ancient Saharanpur History,   Social Norms in Kuninda  &  Ancient Bijnor History;
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