उत्तराखंडी ई-पत्रिका की गतिविधियाँ ई-मेल पर

Enter your email address:

Delivered by FeedBurner

उत्तराखंडी ई-पत्रिका

उत्तराखंडी ई-पत्रिका

Monday, July 6, 2015

पारम्परिक कृषि क्रांति

पारम्परिक कृषि क्रांति तब शुरू हुई जब मानव जाति  ने जमीन से उपज लेना शुरू लिया। तब अपने भरण पोषण के लिए अनाज उगना भर का आशय था।  धीरे धीरे जैसे जैसे गैर खेती की उपज वाली की वस्तुओं की जरूरत पड़ने लगी , जैसे खेती के औजार, कपड़ा, नमक , मीठा, इत्यादि, वैसे  वैसे  पारिवारिक आवश्यकता से अधिक अनाज पैदा  करना जरूरत बनता गया ताकि अतिरिक्त अनाज के बदले गैर कृषि से उत्पादित जरूरी वस्तुएं ली जा सकें. , पैसे के अविष्कार के बाद  कृषि उपज का व्यापार शुरू हुवा , लेकिन कृषि से आय को अन्य व्यवसायों के बराबरी पर ले जाना केवल उन किसानो के बस की बात रही जिनके पास  जमीन बहुतायत से थी।  पीढ़ी दर पीढ़ी पिता की जमीन बेटों में बंटते बंटते  आज हालात यह  है की कि उत्तराखंड में  कुल कृषको का ९० % से अधिक सीमान्त किसान हैं जिनकी जोत का आकार इतना छोटा है कि चकबंदी के बाद भी वे परिवार की अनाज की साल भरकी जरूरत नही उगा पाएंगे। तो क्या किया जा सकता है की ऐसे परिवार भी अच्छी आय कमा   सकें?
व्यावसायिक आर्थिकी मे किन्ही स्थिर परिस्तिथियों में समुचित आय कमा सकने  के व्यवसाय का एक निर्धारित आकर होता है, जिसमे प्रति इकाई उपादन की लागत न्यूनतम होती है .  उस आकार से ऊपर या नीचेेे  के आकार में प्रति इकाई लागत बढ़तीं जाती है।  सीमान्त और लघु जोतों के  किसानो के लिए अब  देश में प्रति व्यकि आय के बढ़ने  से बिभिन्न उत्पादों की मांगें भी बढ़ती जा रही हैं। ऐसी प्रेरक स्तिथि के  साथ साथ कृषि टेक्नोलॉजी और प्रबंधन शात्र  के मिले जुले लाभ से इनको भी सम्मान जनक आय हो सकती है। इसके लिए अग्र लिखित कदम सिलसिले  से उठाये जाने  से उत्तराखंड की कृषि और सीमान्त किसानों की काया पलट हो सकती है :-  १. कृषि उत्पादक कम्पनियों का गठन , २. क्षेत्र विशेष की सम्भावनाओं के अनुरूप, बाजार में अच्छी मांगों वाली नकदी फसलों का चयन , ३. इनको ऊगाने , मानकीकृत प्रसंस्कृत करने  और विपणन का प्रशिक्षण, ४. प्रसंस्करण इकाइयों की स्थापना और उत्पाद बनाने और बेचने का प्रबंध। ** 
 -- लेखक डॉ. बलबीर सिंह रावत, प्रमुख सलाहकार, गरीब क्रांति अभियान। 
 **अगळे लख में नंबर १,  उत्पादक कंपनियों से लाभ और उनके गठन, पर चर्चा होगी।

No comments:

Post a Comment

आपका बहुत बहुत धन्यवाद
Thanks for your comments