चबोड़्या -चखन्यौर्या -भीष्म कुकरेती
एक भूत - वेरी डेड इवनिंग
दुसर भूत -वेरी डेड इवनिंग टु यूं टू
भूत १- क्या बात त्यार मुक सुज्युं च दिन मा निंद नि आयि ?
भूत २- अरे ये कलजुग मा इ मनिख ना त आफु चैन मा छन अर ना हि हम भूतुं तैं चैन से सीण दींदन। त्यार क्या च ! तु त भांगै गोळि खैक फकोरिक से जान्दि त त्वै क्या पता आज दिनम इख श्मशान पर क्या क्या स्वांग , कना -कना नाटक ह्वेन !
भूत १- अरे भै जब श्मशान स्थल पर बि यि मनिख कुत्ता -बिरळो तरां लड़दन त इन मा निंद आन्दि नी च त मि भंगुल पेक से जांदु। अछा बथादि कि आज दिनम क्या ह्वाइ जो त्वै तै निंद नि आयि ?
भूत २ - हूण क्या छौ ! एक बुडड़ि क डेड बौडी आयि त वींक चार नौनु मादे क्वी बि मुंड मुंड्याणो तयार नि छौ
भूत १- अरे भै जब श्मशान स्थल पर बि यि मनिख कुत्ता -बिरळो तरां लड़दन त इन मा निंद आन्दि नी च त मि भंगुल पेक से जांदु। अछा बथादि कि आज दिनम क्या ह्वाइ जो त्वै तै निंद नि आयि ?
भूत २ - हूण क्या छौ ! एक बुडड़ि क डेड बौडी आयि त वींक चार नौनु मादे क्वी बि मुंड मुंड्याणो तयार नि छौ
भूत १- किलै क्वी बि अपण ब्वे कुण मुंड्याणो तैयार नि ह्वे ?
भूत २ - अरे हरेक बुलणु कि मीन ब्वे पर सबि भायुं से जादा खर्च कार त मि किलै मुंड्यौ ? हरेकक अपण ब्वे पर कर्युं खर्चाक बही खाता लेक आयुं छौ। पट्ठोंन एक सर दर्द की गोळि क बि हिसाब लिख्युं छौ। चार घंटा तलक मुर्दा बिचारि घाम मा सुखणु राइ , इख तलक कि जादा से जादा मड्वै मुर्दा तैं बगैर लखड़ दियां वापस चलि गे छा पण यूं चार भायुं झगड़ा नि निपट।
भूत १- फिर क्वी नि मुंड्याइ? बिचरि ! बरखी बाद हमर दगड़ भूतुं गाणी मा ऐइ जालि !
भूत १- फिर क्वी नि मुंड्याइ? बिचरि ! बरखी बाद हमर दगड़ भूतुं गाणी मा ऐइ जालि !
भूत २ - ना फिर ऊंन अपण मुंडीतौ एक गरीब तै पैसा देक पटाई अर फिर वो वीं बुडड़ि कुण मुंड्याइ अर वी ध्याड़ी (दैनिक वेतन ) हिसाब से क्रिया मा बि बैठल।
भूत १- अब बथावो ध्याड़ि (दैनिक भत्ता ) पर मृतक -क्रिया मा भुर्त्यौ बैठणो दिन बि ऐ गेन। या त एक मुर्दा बात ह्वे त तू बुनु छौ सरा दिन भर काईं काईं हूणु राई ?
भूत २ -हाँ एक हैंक मुर्दा आइ त वु पुरुष मुर्दा तीन घंटा तलक घाम मा सुकणु राइ अर तीन भाई लड़णा रैन। इख तलक कि तिन्युं मा हाथा -पाई बि होइ। पुलिस आयि त तौंकि हाथापाइ -मारामारी बंद ह्वे।
भूत १- कनो क्वी बि नौनु अपण बुबाकुण मुंडेणौ तयार नि ह्वाइ ? क्या तौं तैं मृतक-क्रिया मा बैठणौ भुर्त्या नि मील ?
भूत २ -नै रे नै ! हरेक नौनु चाणो छौ कि वु बुबाक बान मुंड्यावो अर केवल अर केवल वु इ मृतक क्रिया मा बैठो !
भूत १- वाह ! क्या आज ये कलजुग मा इन बुबा प्रेमी पुत्र पैदा हूणा छन ?
भूत २ -ना रै ! बुबा प्रेमौ बान वो नि मुंड्याण चाणा छा। बलकणम बात कुछ हौरि छे।
भूत १- क्या ?
भूत २ -वो क्या च ! बुड्या मोरद दै बोलि ग्यायि कि जु पुत्र वैक बान मुंड्याल अर मृतक -क्रिया मा बैठल वै नौनु तैं फ़्लैट को अतिरिक्त स्टोर रूम मीलल !
भूत १- औ त स्टोर रूमौ बान सबि भाइ बुबाकुण मुंड्याण चाणा छा अर मृतक -क्रिया मा बैठण चाणा छा।
भूत २ -हाँ ! निथर क्वा च अचकाल जो ब्वे बुबौं बान मुंड्याणु ?
भूत १- फिर कु मुंड्याई ? कैन लगाइ चिता पर आग ?
भूत २ -कैन बि ना !
भूत १- त ?
भूत २ -त क्या जब तिन्युं मा मारामारी -हाथापाई ह्वे अर पलिस आयि त पुलिस केस बणी गे अर अब केस न्यायालय मा चलि गे कि स्टोर रूम कै तैं मीलल।
भूत १- अरे पण चिता पर आग कैन लगाइ ?
भूत २ -कैन लगाण छौ ? पुलिस का एक सिपाहीन चिता पर आग लगाई अर क्या ?
भूत १- हाँ ! हम भूतुं मा एक आण (मुहावरा ) च बल -भायुं झगड़ा मा पंच कुखड़ खावन अर परधान बुगठ्या !
भूत २ - हाँ
भूत १- अब बथावो ध्याड़ि (दैनिक भत्ता ) पर मृतक -क्रिया मा भुर्त्यौ बैठणो दिन बि ऐ गेन। या त एक मुर्दा बात ह्वे त तू बुनु छौ सरा दिन भर काईं काईं हूणु राई ?
भूत २ -हाँ एक हैंक मुर्दा आइ त वु पुरुष मुर्दा तीन घंटा तलक घाम मा सुकणु राइ अर तीन भाई लड़णा रैन। इख तलक कि तिन्युं मा हाथा -पाई बि होइ। पुलिस आयि त तौंकि हाथापाइ -मारामारी बंद ह्वे।
भूत १- कनो क्वी बि नौनु अपण बुबाकुण मुंडेणौ तयार नि ह्वाइ ? क्या तौं तैं मृतक-क्रिया मा बैठणौ भुर्त्या नि मील ?
भूत २ -नै रे नै ! हरेक नौनु चाणो छौ कि वु बुबाक बान मुंड्यावो अर केवल अर केवल वु इ मृतक क्रिया मा बैठो !
भूत १- वाह ! क्या आज ये कलजुग मा इन बुबा प्रेमी पुत्र पैदा हूणा छन ?
भूत २ -ना रै ! बुबा प्रेमौ बान वो नि मुंड्याण चाणा छा। बलकणम बात कुछ हौरि छे।
भूत १- क्या ?
भूत २ -वो क्या च ! बुड्या मोरद दै बोलि ग्यायि कि जु पुत्र वैक बान मुंड्याल अर मृतक -क्रिया मा बैठल वै नौनु तैं फ़्लैट को अतिरिक्त स्टोर रूम मीलल !
भूत १- औ त स्टोर रूमौ बान सबि भाइ बुबाकुण मुंड्याण चाणा छा अर मृतक -क्रिया मा बैठण चाणा छा।
भूत २ -हाँ ! निथर क्वा च अचकाल जो ब्वे बुबौं बान मुंड्याणु ?
भूत १- फिर कु मुंड्याई ? कैन लगाइ चिता पर आग ?
भूत २ -कैन बि ना !
भूत १- त ?
भूत २ -त क्या जब तिन्युं मा मारामारी -हाथापाई ह्वे अर पलिस आयि त पुलिस केस बणी गे अर अब केस न्यायालय मा चलि गे कि स्टोर रूम कै तैं मीलल।
भूत १- अरे पण चिता पर आग कैन लगाइ ?
भूत २ -कैन लगाण छौ ? पुलिस का एक सिपाहीन चिता पर आग लगाई अर क्या ?
भूत १- हाँ ! हम भूतुं मा एक आण (मुहावरा ) च बल -भायुं झगड़ा मा पंच कुखड़ खावन अर परधान बुगठ्या !
भूत २ - हाँ
भूत ३- वेरी डेड इवनिंग टु आल ! अरे यूं मनिखों क क्या ह्वाल ?
भूत १- औ त बिजि गेवां ?
भूत ३- अरे बिजिक बि क्या फैदा ? वो हमन सोचि छ्यायि कि चूंकि यु श्मशान हम लैक नि रै ग्यायि त हम अब शहरी श्मशान छोड़ि ग्रामीण श्मशान मा डाळळा। वांक क्या ह्वाइ ?
भूत २- हाँ यार जथगा जळदि ह्वावो हम तै शहर छोड़ी ग्रामीण श्मशान चलि जाण चयेंद !
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कल पढिये कि भूत शहरी श्मशान छोड़ ग्रामीण श्मशान क्यों जा रहे हैं ?
Copyright@ Bhishma Kukreti 3/9/2013
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