चबोड़्या -चखन्यौर्या -भीष्म कुकरेती
भाइयो अर म्यार हौर्युं बैणियो !
कुछ अभिभावक अर राजनेता कुछ सामजिक कार्यकर्ताओं भकलौणम ऐक स्कूल अर कौलेजुं ड्रेस बंद कराण चाणा छन। यूंक बुलण च बल गरीबु बुबा कखन ड्रेस लाला ? जब सरकार लैपटॉप बाँटि सकद त द्वी जोड़ि झुल्ला नि दे सकदि ?
कल्पना कारदि बल स्कूलम या कॉलेजम ड्रेस कोड नि ह्वाल अर हम अपण अपण ड्रेस पैरिक कॉलेज औला त हम तै लगल बल हम अपण घौरम छंवां। अरे हमर घौरौ माहौल इ जि ठीक होंद त फिर भारत का कुहाल किलै हूंद ? हम नि चांदा बल हमर कॉलेज या स्कूलुं माहौल बि हमर घौर जन ह्वावो। इलै ड्रेस जरुरी च।
जरा घड्य़ावदि हमम कॉलेज -स्कूल ड्रेस नि ह्वालो त लोग -बाग़ रस्ता मा हमसे कनकै डौरल ?
हमारी ड्रेस देखिक त सरकारी -गैरसरकारी बस मा जनान्युं अर बुड्यों सीट मा हम बेशरमी से बैठ सकदवां कि ना ? हमर ड्रेस देखिक इ त बस का पैसेंजर बुल्दन बल ," बैठण दया जखि बैठणा छन। कख लगण यूं चिमुल्ठुं दगड़ !". बगैर ड्रेस का हम जनान्युं अर बुड्यों सीट मा बैठला त क्वी बि हम तै दनकैक सीटुं से उठै दींदन। ड्रेस हमकुण बेशरमी करणों तगमा च।
हमारी ड्रेस काबदौलत हम बेटिकट कखि बि बसुं -रेलुं से ऐ जै सकदां !
ड्रेस रौंदी त हम मेल ट्रेनुं मा स्लीपर क्लास मा कैक बि रिजर्ब सीट मा इन रौब -दाब से बैठ जांदा जन या सीट हमर ब्वे -बाबुन बणै ह्वावो अर हम तैं डौरौ मारन क्वी तू बि नि बोलि सकुद ! ड्रेस मा हम रेल मा कैकि बि बेटि -ब्वारि तैं ऊंक बुबा या ससुर -पति क समणि बेहयायि से घूर सक्दां ! ड्रेस हमकुण बेहयायि को पहचान पत्र च।
ड्रेस पैरीं रावो तो हम बिजली -पानी बिल भरणो पंगत या रेल-सिनेमा का टिकेट पंगत मा खड़ हूणै जरूरत नि रौंदि। ड्रेस अनुशासित अनुशासनहीनता को एक सर्टिफिकेट च। कॉलेज ड्रेस हमकुण पंगत तोड़णो लाइसेंस च।
बगैर ड्रेस का यदि हम कैक बगीचा या किचेन गार्डेन से अमरुद -आम -लीची चोरि करदवां त बगीचा मालिक पुलिस बुलै दींदन। पण जब हम कॉलेज ड्रेस या स्कूल ड्रेस मा अमरुद -आम -लीची चोरि करदवां त बगीचा मालिक अपण कूण्यो कमरा पुटुक मुसदुळ जन बैठ जांदो। भ्रष्टाचार करणों बान राजनैतिक पार्टी की सदस्यता एक अलिखित सुरक्षा किला च त विद्यार्थ्युं वास्ता कॉलेज ड्रेस चोरी -जारी करणों एक कवच -कुंडल च।
आप बगैर ड्रेस का कैं छोरि या ब्वारि तै छेड़िक दिखावो ज़रा ? पुलिस सब्युं समिण तुमर पैथरा हिसा लाठन सुजै देलि पण कॉलेज ड्रेस मा जब तुम कै जवान छोरि तै छ्याड़ो त पुलिस वाळ बि शिकायतकर्ता से बुल्द बल जवानी दिनों मा छोरि नि छेड़न त नारायण दत्त जीक उमर मा छोरि छिड़ण ? स्कूल -कौलेजौ ड्रेस से आप खुलेआम छोरि छेड़ि सकदां !
इलै मेरी दरख्वास्त च कि स्कूल अर कॉलेज माँ ड्रेस बंद नि हूण चएंद !
Copyright@ Bhishma Kukreti 20 /9/2013
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