अ.- भीष्म कुकरेती
(द्वी डाक्टर एक बेहोस मरीजs बेड समणि )
डाक्टर 1 (मरीजौ पुटुक जपकांद -जपकांद ) -ओ इखमि चीरा लगाण रालो। मांस गदगदो च अर जादा बि च।
डाक्टर 2 - चीरा जरा जादा लम्बो लगै हाँ ! जां से घाव भर्याणम जादा दिन लगन !
डाक्टर 1 - तुम पर पूरी बणिया बुद्धि च। जख इंजिनियर समाधान वास्ता छवटु से छवटु खुज्यांदन उख डाक्टर समाधान का वास्ता लम्बु से लम्बु रस्ता खुज्यांदन। इलै डाक्टरों कमै इंजीनियरों से जादा च।
डाक्टर -2 - हाँ वू क्या च मि ब्यापार करण चाणु छौ अर बुबा जी मि तैं डाक्टर बणाण चाणा छा। इलै मीन यु नर्सिंग होम खोलि।
डाक्टर 1 -वा भलो ! भलो !
मरीज - जरा इन सुणो !
मरीज - पण सुबेर बिटेन बेहोश करणों क्वी नि आयि।
डाक्टर 1 -हैं ! तुम कनकै बिज्याँ छंवाँ ?
डाक्टर -2 - चिंता नि कारो ! बस गिणदा -गिणदा तुम से जैल्या। बेहोशी दवा अपण काम करणी होलि।
डाक्टर 1 -मि अनेस्थिया वाळ तैं भटयांदु !
डाक्टर -2 - सर ! आप महान छन जु आप किडनी दान दीणा छन
मरीज - पण मि त अपेंडिक्सौ ओपरेसन कराणों भर्ती हों !
डाक्टर 1 -डाक्टर साब आप बढ़िया मजाक करदन हाँ ! अपेंडिक्स ! (रिपोर्ट दिखद ) ! अपेंडिक्स ? अच्छा तुम पोड़ि जावो। अनेस्थिया वाळ ऐ ग्यायि।
(द्वी डाक्टर एक कूण्या मा जांदन )
डाक्टर 1 - दा ल्या ! मरीज ऐ छौ अपेंडिक्स निकाळणो अर हम त किडनी निकालण वाळ छया डाक्टर 2 -यां पण हम दुयुं तै अपेंडिक्स निकाळणो क्वी अनुभव नी च ! मीन त डाक्टरी पढै बगत बि कबि अपेंडिक्स नि द्याख !
डाक्टर 1 - त क्या ह्वाइ ! गूगल सर्च कब काम आलो !
डाक्टर 2 -ठीक च मि गूगल सर्च करदो तू वै तैं बेहोश कौर
डाक्टर 1 -मि तैं अनेस्थिया दीण त नि आंद। निन्दै गोऴयुं से काम चलाण पोड़ल।
डाक्टर 2 - अरे सूण ! हमन दुसर कमरा क मरीज तैं बचन दियुं च बल वै तै नै किडनी मील जालि। त ?
डाक्टर 1 - हाँ त ! अपेंडिक्स क दगड़ किडनी बि भैर गाडण। तो निन्दै गोळी जादा खिलै हाँ !
( द्वी डाक्टर औपरेसन करदन )
(मरीजौ डिसचार्ज हूणों दिन )
मरीज -जुगराज रयां डाक्टर साब !
डाक्टर 1 - अरे नै धन्यवाद त हम तुम तै द्योंला
मरीज - किलै ?
डाक्टर 2 - भै ओपरेसनौ बगत तुम बड़ा शांत जि छया।
मरीज - मि भौति हळकु महसूस करणु छौं।
डाक्टर 1 - ये भै इथगा बड़ु अपेंडिक्स शरीर से जु अलग ह्वै !
मरीज - नै मि वाँ से जादा हळकु महसूस करणु छौं।
डाक्टर 2 - हमर फीस भारो त तुम हौर बि हळका महसूस करिल्या !
मरीज - एक बात बताओ तुम पागल लोगुं इलाज करदां ?
डाक्टर 1 - कनो ?
मरीज - वो दुसर कमरा को मरीज रोज मि तैं किडनी ब्रदर ! किडनी ब्रदर कौरिक भट्याणु रौंद !
डाक्टर 2 - हाँ वो जरा पागल ही च।
मरीज - अब बताओ ! मेरि अपण एकि किडनी काम करदी अर म्यार दिमाग खराब हुयुं च कि मि अपण वा किडनी बि कै तैं दान दे द्यूं ? भूखु बि कबि जीमणो न्यूत ( भोज आमंत्रण ) दींदु ?
डाक्टर 1 - क्या ? तुमर एकि किडनी काम करदी ?
मरीज- हाँ ! हैंकि किडनी त कबि कबि ही काम करदी।
डाक्टर २- नर्स ! तै मरीज को हिसाब जल्दी जल्दी कौर अर जल्दी जल्दी फीस लेक रवाना कौर ! हौर बि मरीज छन !
[गढ़वाली हास्य -व्यंग्य, सौज सौज मा मजाक मसखरी दृष्टि से, हौंस,चबोड़,चखन्यौ, सौज सौज मा गंभीर चर्चा ,छ्वीं;- जसपुर निवासी के जाती असहिष्णुता सम्बंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; ढांगू वाले के पृथक वादी मानसिकता सम्बन्धी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;गंगासलाण वाले के भ्रष्टाचार, अनाचार, अत्याचार पर गढ़वाली हास्य व्यंग्य; लैंसडाउन तहसील वाले के धर्म सम्बन्धी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;पौड़ी गढ़वाल वाले के वर्ग संघर्ष सम्बंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; उत्तराखंडी के पर्यावरण संबंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;मध्य हिमालयी लेखक के विकास संबंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;उत्तरभारतीय लेखक के पलायन सम्बंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; मुंबई प्रवासी लेखक के सांस्कृतिक विषयों पर गढ़वाली हास्य व्यंग्य; महाराष्ट्रीय प्रवासी लेखक का सरकारी प्रशासन संबंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; भारतीय लेखक के राजनीति विषयक गढ़वाली हास्य व्यंग्य;सांस्कृतिक मुल्य ह्रास पर व्यंग्य , गरीबी समस्या पर व्यंग्य, आम आदमी की परेशानी विषय के व्यंग्य, जातीय भेदभाव विषयक गढ़वाली हास्य व्यंग्य; एशियाई लेखक द्वारा सामाजिक बिडम्बनाओं, पर्यावरण विषयों पर गढ़वाली हास्य व्यंग्य श्रृंखला जारी ...]
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