चबोड़्या -चखन्यौर्या -भीष्म कुकरेती
सासु -ए जवैं ! खाणक मा क्या खैल्या ? भात कि झंग्वर ?
जवैं -भात चौलल !
सासु -वो कन बिसरंत ह्वाइ ! घौरम चौंळ त कुट्यां इ नीन !
जवैं - ठीक च झंग्वर इ चल जाल !
सासु -बड़ दाणु झंग्वर या छुट दाणु झंग्वर बणाण ?
जवैं -बड़ दाणु झंग्वर!
सासु -ये बुरळ पोड़ि गेन यिं स्मृति पर ! झंग्वरक त एक बि दाणि नी च ड्यारम। कौणि चौललि ?
जवैं -हाँ !
सासु -अछा कम पीलि कौणि या चिट्ट पीली कौणि ?
जवैं -कम पीलि कौणि?
सासु -गुरा लग जैन ये दिमाग पर कि मि भूलि ग्यों बल हमर पुंगडुं मा त चिट्ट पीली कौणि ही होंदी।
जवैं -ठीक च चिट्ट पीली कौणि ही पकै ल्यावो।
सासु -अच्छा ! साग मा थिंच्युं साग कि बगैर थिंच्युं साग बणाण ?
जवैं -जन तुमर मरजी।
सासु -अच्छा ! तुम तै थिंच्वणि मूळाक पसंद च कि अलुक ?
जवैं -अलुक थिंच्वणि।
सासु - फिर से भुल्मार ह्वे गै। चार मैना ह्वे गेन मीन अलुक दाणि बि नि देख।
जवैं -त मूळाs थिंच्वणि बणै ल्यावो
सासु -अच्छा मूळा थिंच्वणि बणाण त मूळा घिंडक बड़ा हूण चएंदन कि मध्यम आकार का या छ्वटि घिंडकि ?
जवैं -बड़ा घिंडक।
सासु -पण ये मेरी स्मरण शक्ति तै क्या बिजोग पड़ी गे। ये साल त बड़ा क्या ! मध्यम आकार का घिंडक बि नि ह्वेन !
जवैं -त छवटा घिंडकुं थिंच्वणि बणै द्याओ।
सासु -अच्छा मूळा कौंळ (कौली - कच्चा ) हूण चएंदन कि कबास्यला ?
जवैं -मूळा कौंळ हूण चएंद।
सासु - पण अबारि त पूषौ मैना च त खडर्यां मूळान कबास्यला ही हूण।
जवैं -ठीक च कबास्यला मूळा थिंच्वणि इ पकाओ।
सासु - अच्छा ! थिंच्वणि मा हौर धणिया पतौं मसल डळण कि ना ?
जवैं -हाँ हौर धणिया पतौं मसल डाळि द्यावो।
सासु -पण हौर धणिया त ये बगत हूंदी नि छन।
जवैं -जु बि मसल च स्यु डाळि द्यावो। दुफरा ढ़ळि ग्यायि अबि तुमन यु निश्चय नि कार कि क्या खाणो बणाण !
(एक घंटा बाद )
सासु -ये जंवै तुम तै त निंद आणि च ?
जवैं -हां !
सासु -या निंद पळेक (परिश्रम से , थकावट से ) च, आदतन निंद च या भूकन निंद आणि च।
जवैं -भूकान निंद आणि च
सासु -अच्छा त तुम रुटि अर लूण खै लेल्या ?
जवैं -हाँ
सासु -लूण मा मुर्या डळण कि … ?
जवैं -कुछ नि बणावो। मि अपण गां जाणु छौं बस !
सासु -कै रस्ता जैल्या ? सैणु रस्ता , जंगळ या धारो रस्ता ?
जवैं -मि कै बि रस्ता चलि जौल बस मि इख से भैर जाण चाणु छौं।
सासु -अच्छा सूणो इ जवैं ! तुमर ससुर जी तुमर ड्यार सुखी छन ? द्वी साल ह्वे गेन लड़की ड्यार पड़्या छन।
जवैं -हाँ सुखी छन !
सासु -क्वी बेटिक इख सुखी बि रै सकुद ?
जवैं -मि अब इखम नि रै सकणु छौं। मि भागणु छौं
सासु -तुम कन भागिक जैल्या ? जन बाघ गौड़ि पैथर भागद या जन गौड़ि बाघ से बचणो बान भागदि ?
जवैं -जन एक जवैं विकल्पमुखी सासु से जान छुड़ै भागदु।
सासु - ए जवैं ! तुम त इन भागी गेवां जन बुल्यां चिमल्ठुं पेथण फुचि गे हों धौं। जांद जांद इन बतैक जावो कि विकल्पमुखी सासु आकार मा कान होंदी -लम्बी कि नाटि या मध्यम उंचाई की ?
जवैं -मि कै बि रस्ता चलि जौल बस मि इख से भैर जाण चाणु छौं।
सासु -अच्छा सूणो इ जवैं ! तुमर ससुर जी तुमर ड्यार सुखी छन ? द्वी साल ह्वे गेन लड़की ड्यार पड़्या छन।
जवैं -हाँ सुखी छन !
सासु -क्वी बेटिक इख सुखी बि रै सकुद ?
जवैं -मि अब इखम नि रै सकणु छौं। मि भागणु छौं
सासु -तुम कन भागिक जैल्या ? जन बाघ गौड़ि पैथर भागद या जन गौड़ि बाघ से बचणो बान भागदि ?
जवैं -जन एक जवैं विकल्पमुखी सासु से जान छुड़ै भागदु।
सासु - ए जवैं ! तुम त इन भागी गेवां जन बुल्यां चिमल्ठुं पेथण फुचि गे हों धौं। जांद जांद इन बतैक जावो कि विकल्पमुखी सासु आकार मा कान होंदी -लम्बी कि नाटि या मध्यम उंचाई की ?
Copyright@ Bhishma Kukreti 17 /9/2013
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