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उत्तराखंडी ई-पत्रिका

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Monday, September 23, 2013

हेयर स्टाइल

 चबोड़्या -चखन्यौर्या -भीष्म कुकरेती  

             
परसि सरा क्रिकेट दुनिया का लोगुन चेम्पियन क्रिकेट लीग या चेम्पियन बेटिंग -सट्टा कु खेल मा महेन्द्र सिंह धोनीक नयो हेयर स्टाइल देखि अर ब्याळि  हेयर कटिंग सैलूनुं मा कुर्च्याट मची गे।  दिल्ली -मुंबई मा नाईयुं से भीड़ नि सम्बऴयाणि छे त भौत सि जगा पुलिस बुलाण पोड़।  अब जवान छ्वारों बात त वाजिब च भै गली या बस मा छोर्युं तै इम्प्रेस करण त नया नया हेयर स्टाइल हूणि चयेंदन।  छोरि तै पटाणों तरीकों मादे एक तरीका लेटेस्ट हेयर स्टाइल बि च। 

कांड त तब लगिन जब लखनऊ मा   नरायण दत्त  का दगड्या   अर च्याला  हेयर कटिंग सैलून मा गेन ।  नाइ बुलणा छा कि महेंद्र सिंह धोनी का नयो स्टाइलौ बान बाळ हूण चयेंदन त नारायण दत्त तिवाड़ी का दगड्यों -च्यालों बुलण छौ  बल तुम चाहे गधौं पूछौ बाळ लावो पण हम तै धोनी स्टाइल की विग पैनावो।  आज रात हमन रेड लाइट  एरिया मा जवान नारायण दत्त जीक  दगड़ गस्त मा जाण।  
बात कखन से कख पौंछि जांदि।  अब द्याखो ना -बाळु हेयर स्टाइल पर बात आई त मि नारायण दत्त  की जवानी अर रंगरगीलियुं पर पौंछि ग्यों।  परसि बुड्या जब लखनौ मा अनाउन्सर  नौनि गल्वड़  पर हाथ रगोंड़णु छौ त रंगीला बुड्या तैं एक पत्रकारन पुछि दे बल "बुड्या जी ! मर्दौ छाती क बाळ से मरदों तागत का पता चलद पण तुमर छाती पर त एक बि बाळ नीन फिर बि तुम बेशरम मर्दागनी मा सब्युं पड़ददा छंवा ?  इन कनकैक ? "

  बेहया -बिलंच बुड्याs  जबाब छौ ," गुर्रिल्ला सबसे ताकतवर दुपाया जानवर माने जांद।  वैक सरा सरैल पर बाळ हूंदन पण छाती पर एक बि बाळ नि होंदन। " 

पैल अणब्यवा नौनि तैं अपण ब्वे दगड़ जाण मा नि हिचकान्दि छे , किलैकि तब नौनि अर नौनि ब्वे की उम्र मा  साफ़ अंतर पता चौल जांद छौ। अचकाल अणब्यवा नौनि अपण ब्वे  याने  ममी दगड़ नि जांदन किलैकि पार्टी -सार्टी या सडकों मा यवा छ्वारा नौनि तैं छोड़िक ब्वे तैं  प्रपोज करण बिसे जांदन।  अर जब छ्वारों तै बताये जांद बल या नौनि नी च बलकणम  नौनि ब्वे च त युवा बोल्दु बल ," आंटी ! आपका हेयर स्टाइल अर फेसिया लिफ्टिंग से आपकी उमर का पता ही नहीं चलता !"
कवियों बान त नायिका का बाळ हमेशा ही प्रेरणा स्रोत्र रैन।  जब घुंघरऴया बाळु स्टाइल छौ त नौनि घुंघरऴया बाळ करणों बान नयांदी नि छे अर बाळ कड़कड़ ह्वेक घुंघरऴया ह्वे जांद छा। 
हमर जवानी की उमर मा देहरादून का हरेक हेयर कटिंग सैलून मा देव आनन्द की फोटो लगी रौंद छे किलैकि हेयर स्टाइल का मामला मा केवल देव आनन्द ही इन छौ जैकि युवा नकल करदो छौ । किलै ? ये भै देव आनन्द की हेयर स्टाइल पर युवती अर युवती की मा -नानि जि मरदा छा  ! 

फिर वै बगत ही युवत्युं अर जवान ब्वेयुं क एक ही इच्छा होंदी छे कि कै बि तरां साधना कट बाळ बणये जावन।  किलै ? ये भै जवान अर बुड्या सबि साधना कट पसंद करदा छा।  
देहरादून मा बाळु कटिंग से पता चल जान्दो कि स्यु इन्डियन मिलिट्री अकैडमी कु कैडेट च।   
एक समौ छौ खिलाड़ी छुट छुट बाळ रखदा छा अर हिप्पी लम्बा बाळ रखदा छा अब खिलाड़ी लम्बा बाळ रखदन अर हिप्पी गंजा रौंदन या छुट छुट बाळ रखदन। 
हेयर स्टाइल कबि बि अपण इच्छानुसार नि अपनाए जांद बलकणम दुसर तै क्या पसंद च को हिसाब से हेयर स्टाइल 'चूज'(Choose )  करे जांद।

अजकाल नाइ परेशान छन।  किलै ? किलैकि हर शुक्रवार की फिल्म हिट  हूणै हिसाब से युवा अपण हेयर स्टाइल   बदलदो।  फिर फेसबुक मा क्वी नै हेयर स्टाइल हिट ह्वे ग्याई त छ्वारा नाइ से वै हेयर स्टाइल की मांग करदन। 
अजकाल मुंबई मा डीआइजी कल्चर (डबल इनकम ग्रुप याने द्वी झण नौकरी करदन ) आण से छोरि /जनानी बौब कट हेयर स्टाइल पसंद करदन  किलैकि बौब कट हेयर स्टाइल मा तुम रोज बाळु तैं ध्वे सकदां।  निथर बिचारा बाळ ऐतवार की जग्वाळ करदा छा कि पैलक हफ्ता जु मैल छूटी नि छौ वु मैल ये संडे कुण धुएं जालो।

पण बौब कट से अब जनान्युं मा एक मर्दाना पन  ऐ गे अर कवियों वास्ता प्रेरणा की सप्लाई कम ह्वे गे।  खासकर नेट का गढवाली कवियों तै अब बौब कट बाळु से क्वी नई प्रेरणा नि मिलणि च तबि त सौ साल पुराणा -घिस्यां पिट्याँ प्रतीकों से ही यि तथाकथित आधुनिक गढ़वाली  कवि श्रृंगार या करुण रस की  बासी कविता रचण मा मगन छन। 

इन बुले जांद बल बाळ अर हेयर स्टाइल तुमर आंतरिक गुणु प्रतीक या परिचायक हूंदन पण अब हेयर स्टाइल से गुण पता नि चलद। हेयर स्टाइल अब अपण गुण दिखाणो माध्यम नी च बलकणम दुसर तै क्या पसंद च दिखाणो माध्यम ह्वे गे। 
पैलाक जमाना मा विग लगाण मा शरम लगदी छे अब जु विग नि लगांदन वी शर्मांदन अर अपण बाळु तै केश कर्तनालय  या ब्यूटी पार्लर जैक इन बणादन कि असली बाळ विग जन दिख्यावन।  हमर हंसी अर बाळ अब सब नकली ह्वे गेन। 
पैल इन दिखे जांद छौ कि तैक या तैंको  मुंड पुटुक क्या भर्युं च. याने दिमाग अर वुद्धि की मांग जादा छे।  अब इन दिखे जांद कि तैक या तैंको  मुंड मा क्या धर्युं च याने बाळ कु स्टाइल कन च।  याने अब हम वुद्धि से जादा छद्म , नाटकबाजी महत्व दींदा। 
अचकाल हेयर स्टाइल आपकी भाषा /बुलणो ढंग मा शामिल ह्वे गे।  बाळ अब भावना जताणो माध्यम बि ह्वे गे। 
हेयर स्टाइल आज इनि आवश्यक च जन पैंट - शर्ट या साड़ी -बिलौज -सैंडल -पर्स ! 


Copyright@ Bhishma Kukreti  24 /9/2013 



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