उत्तराखंडी ई-पत्रिका की गतिविधियाँ ई-मेल पर

Enter your email address:

Delivered by FeedBurner

उत्तराखंडी ई-पत्रिका

उत्तराखंडी ई-पत्रिका

Sunday, September 22, 2013

किलैकि : सामजिक चित्र दर्शाती एक बेहतरीन कविता

कवि: चारु चन्द्र चंदोला 
हम पिछनै छुटग्याँ 
किलैकि हमन जुत्ता नि पैर्या 
चप्प्लु मा हि रयां 
नांगा खुट्टों दौड़न मा सरमयां
दौड़ सुरु होंद हि 
चप्पलुं का टांका टुटी गैन।  
जुत्तौं वळा  अगनै पौंछि गैन 
अर हम /टुट्याँ चप्पलु तै 
ह्त्थु मा ल्हीक !
मोची दिदौ ढुढ़ण मा हि रै गयाँ। 

No comments:

Post a Comment

आपका बहुत बहुत धन्यवाद
Thanks for your comments