चबोड़्या -चखन्यौर्या -भीष्म कुकरेती
आदरणीय चारा खाउ यादव जी !
द्वि दम्पति तै दंडवत।
अब त तुम नि बोलि सकदां बल कौंग्रेस दोस्ती नि निभांदि। अब त साफ च बल हम कॉंग्रेसी दोस्तुं बान संविधान की दुहाई लेकि ही संबिधान की धज्जियां उडौंदा अर वै संविधान की धारा , नियम , उपनियम को छंतळ लेक हम दुश्मनु दांत तुड़ण मा सदा अग्वाड़ी रौंदवा। द्याख नि तुमन चौटाला परिवार कन जेल मा च अर आप , मुलायम भुला क्या सुंदर सत्ता की देऴयूं मा दंगऴयाट -भंगऴयाट करणा छंवां ! या च हमर दोस्तुं दगड़ौ दगुड़ -निभाई अर दुश्मनु दगड़ -चाकु दिखाइ।
सि परस्युं तीस सितम्बरौ कुण न्यायालयन सजा सुणाणि च अर तुमकुण सजा हूणि च। हम कॉंग्रेस्युं तै बड़ो बुरु लगणु छौ कि लोकनायक जय प्रकाश नारायण को भ्रष्टाचार विरोधी क्रांति से उपज्यूं महान धर्म निर्परेक्ष , महान समाजवादी मुखौटा धारी , महान राजनैतिक चालबाज -मुखौटाबाज, धोखेबाज धुर्तुं राजा , दागी नेताऊं सरताज लालू प्रसाद यादव जेल जालु! बस हमन संविधान की मौलिक बातुं पर लात लगाइ अर ताबड़तोड़ ऑर्डिनेंस मसौदा तैयार करिक महामहिम रास्ट्रपति म भेजि दे। अब ये ऑर्डिनेंस का बल पर आप सरीखा भ्रष्ट , लफंगा , आळी -जाळी अभियुक्त , बलात्कार , चोरी , डकैती , रंगदारी मा सजा का हकदार या सजा याफ्ता नेता खुलेआम चुनाव लड़ सकदन।
असल मा हम कौंग्रेस्युं तैं दाग अच्छे लगते हैं और दागदार नेता जो हमें समर्थन करते हैं और भी अच्छे लगते हैं।
विरोधी पार्टी या वुद्धिजीव्युं तै बकबास करण द्यावो कि हम संविधान की रक्षा जगा संविधान को भतियाभंद करणा छंवां।
लालू जी ! तुम त जाणदा ही छंवां नेहरु -गांधी परिवार तैं संविधान की छीछ्लेदारी करण मा बडो मजा आंद। खासकर दागी नेताओं तै. जब न्यायालय अभियुक्त घोषित करदो त हम कॉंग्रेसि खासकर नेहरु -गांधी परिवार तैं बुरु लगद। किलैकि हमे तो दाग और दागी नेता अच्छे लगते हैं। अब द्याखो हमारी विचारी इंदिरा गांधी तैं अलाहाबाद हाई कोर्टन अभियुक्त घोषित कार त हमारी लोकतंत्र की महान रक्षिका नेत्री इंदिरा गांधीन इमरजेंसी लगै दे। किलैकि नेहरु -गांधी परिवार तैं दाग और दागी नेता अच्छे लगते हैं।
अब एक बात बथावो जब हमर लोक अर लोकतंत्र रक्षक सरकार तैं दागी अर दागी नेता समर्थन दींदन त हमर बि कर्तब्य च कि ना कि हम दागी नेताओं की रक्षा बान लोकतंत्र की ऐसी -तैसी कौंरा ! जब दाग अर दागी हमर सरकार का खम्भा ह्वावन त हमर भि धर्म च कि हम दागी , अभियुक्त नेताओं तैं संविधान की आग से बचौवाँ।
लालू जी ! तुम बि जाणदा कि आम जनता याने हमर वोटर हमर दाग अर दागी नेता प्रेम का विरुद्ध कुछ नि कौर सकदन।
अब द्याखो ना ! तब जब उत्तर प्रदेश मा चुनाव ह्वेन त मुलायम सिंह जी पर अभियोग छौ अर मायावती बैणि पर बि अभियोग चलणु छौ त जनता का पास भेड़िया अर लकड़बघा मादे एक तैं चुनणौ विकल्प छौ। एक दागी नेता को विल्कप दुसर दागी नेता ह्वावो त जनता तैं क्वी ना क्वी धुर्या को चुनाव करण ही पोड़ल कि ना ?
अब द्याखो ना जब हमन हिमांचल मा भ्रस्टाचार मा लिप्त धुमाल को विकल्प भ्रष्टाचार को अभियुक्त वीर भद्र सिंह दे तो जनता मा एक धुर्या छोडि दुसर रागस ही विल्कप छौ त एक दागी नि जीतल तो दुसर दागी ही जीतल कि ना ?
अब सब बुलणा छा कि डा रमेश निशंक भ्रष्ट च, भ्रष्ट च त हमन उत्तराखंड को मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा तै बणै दे। दागी को विकल्प दागी ही भलो हूंद, किलैकि दागी राज्नैतिग्य का समणी स्वच्छ छवि को नेता जीति इ नि सकुद इलै त हम कॉंग्रेस्युं तै दागी अर दाग भला लगदन।
अब चुनाव नजीक छन त जनता मा छवि बणाणो बान नाटक त करणी पोड़ल त हम एक भ्रष्टाचार उन्मूलन बिल लोकसभा मा लौंला त तुम अपण तिकडम , धूर्तता , चालबाजी से ये बिल तैं राज्य सभा मा पास नि हूण देन हाँ !
आपकु ही ---------------
इंदिरा गांधी भक्त कॉंग्रेसी जु संविधान को इस्तेमाल संविधान की धज्जी उड़ान, संविधान तैं ही आधार बणैक संविधान को चिंथड़ा -चिंथड़ा करण मा विश्वास करदो !
Copyright@ Bhishma Kukreti 26 /9/2013
[गढ़वाली हास्य -व्यंग्य, सौज सौज मा मजाक मसखरी दृष्टि से, हौंस,चबोड़,चखन्यौ, सौज सौज मा गंभीर चर्चा ,छ्वीं;- जसपुर निवासी के जाती असहिष्णुता सम्बंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; ढांगू वाले के पृथक वादी मानसिकता सम्बन्धी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;गंगासलाण वाले के भ्रष्टाचार, अनाचार, अत्याचार पर गढ़वाली हास्य व्यंग्य; लैंसडाउन तहसील वाले के धर्म सम्बन्धी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;पौड़ी गढ़वाल वाले के वर्ग संघर्ष सम्बंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; उत्तराखंडी के पर्यावरण संबंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;मध्य हिमालयी लेखक के विकास संबंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;उत्तरभारतीय लेखक के पलायन सम्बंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; मुंबई प्रवासी लेखक के सांस्कृतिक विषयों पर गढ़वाली हास्य व्यंग्य; महाराष्ट्रीय प्रवासी लेखक का सरकारी प्रशासन संबंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; भारतीय लेखक के राजनीति विषयक गढ़वाली हास्य व्यंग्य;सांस्कृतिक मुल्य ह्रास पर व्यंग्य , गरीबी समस्या पर व्यंग्य, आम आदमी की परेशानी विषय के व्यंग्य, जातीय भेदभाव विषयक गढ़वाली हास्य व्यंग्य; एशियाई लेखक द्वारा सामाजिक बिडम्बनाओं, पर्यावरण विषयों पर गढ़वाली हास्य व्यंग्य श्रृंखला जारी ...]
No comments:
Post a Comment
आपका बहुत बहुत धन्यवाद
Thanks for your comments