उत्तराखंडी ई-पत्रिका की गतिविधियाँ ई-मेल पर

Enter your email address:

Delivered by FeedBurner

उत्तराखंडी ई-पत्रिका

उत्तराखंडी ई-पत्रिका

Tuesday, September 17, 2013

इस सदी की एक बेहतरीन गजल -गीत

 कवि : जगमोहन सिंह बिष्ट (डंकु , असवालस्यूं , पौ. ग. जन्म 1955 )
गुरौ सुणाणु  छ खैरी बग्त का किसाण मा 
मुल्क लगाणु छ ग्वाया रेत का डिसाण मा।
हुंगरौं मा छ पिड़ा वैकि घुंडौ प्वड्यां छाळा छन 
आंखी ह्वेनि खरड़ू सर्ग रुण अर बिलाण मा।
ब्याळि  की गितांग जंदरी अब भ्वनि च सुसगारा 
पिसदारा सबि हर्चि गैनि शहैर की घिमसाण मा। 
आकि तिन नि देखि जैकी रड़ीं पठळी धुर्पळी 
तेरी तीन पीढी खपीं  वीं डंड्यळि चिणाण मा। 
एक दाणि तिल बि बांट सात ग्वेर ह्वेनि खुश 
आज नेता कतगा खुश छन जनता तैं तिराण मा।
चिंचोड़ा चुनगी घूस देकि बजट हड़प ऐस कैर   
त्यारु क्या जाणु छ चुचा मुल्क तैं डुबाण मा। 
खीसा खाली पुटगि ढिल्ली देवभूमि हमारी छ 
रास रंग मा कमि नी छ स्वर्ग की तिणाण मा। 
आग लगौ डांडा फूक जंगळ बणौ क्वीला, ' बिष्ट'
पुरुष्कार पक्कू समझ पर्यटन बणाण मा।  

No comments:

Post a Comment

आपका बहुत बहुत धन्यवाद
Thanks for your comments