कोणेठु - कोना ( कमरे में चूल्हे के पास की जगह )
करदोड़ - करधनी (बच्चों की कमर में बाँधा जाने वाला काला धागा )
किस्वाली- गेहूं और जौ की बाल के तीखे रोयों (किसों ) के चुभने से होने वाली खुजली
कोउजालू , या कौधालू - गदला (मिटटी वाला ) पानी
कब्तोलुनु - पानी या किसी अन्य द्रव्य को हाथ दाल कर गदला करना
कन्द्वारा- कान द्वारा सुनना ( छिपकर किसी की बात सुनना )
कुत्काली- गुदगुदी
कुलवा - बुरी आदत
कणताणु - खीजना
कलोड़ी - कम उम्र की धुद्हरू गाय
कालोडू - कुछ अधिक उम्र की धुद्हरू गाय (ढा न्गी - बूढ़ी गाय)
कलदार - रूपया (चांदी का)
कु टया री -/कुटरी - पोटली
कन्योणु - खुजलाना
कम सल्ली - कुलहीन
किठाणेणू - रोते रोते आवाज बंद होना
कल्पणु - कल्पना करना की सामने वाले के पास जो वास्तु या खान है वो काश हमारे पास होता
कुटकी - पांच उँगलियों के बीच की जगह
कौंल - कमल
कम्तैश - कमी
कुमनखि - बुरा आदमी
कतै - बिलकुल
कति - कितना
कत्नु - कितना
काखड़ी - खीरा
काकर -लकड़ी रखने के लिए बनायी गयी परछत्ती
कौन्खाण - अनाज के सील जाने पर आने वाली बू
किड्कताल - कडकडाहट (बिजली की )
करदोड़ - करधनी (बच्चों की कमर में बाँधा जाने वाला काला धागा )
किस्वाली- गेहूं और जौ की बाल के तीखे रोयों (किसों ) के चुभने से होने वाली खुजली
कोउजालू , या कौधालू - गदला (मिटटी वाला ) पानी
कब्तोलुनु - पानी या किसी अन्य द्रव्य को हाथ दाल कर गदला करना
कन्द्वारा- कान द्वारा सुनना ( छिपकर किसी की बात सुनना )
कुत्काली- गुदगुदी
कुलवा - बुरी आदत
कणताणु - खीजना
कलोड़ी - कम उम्र की धुद्हरू गाय
कालोडू - कुछ अधिक उम्र की धुद्हरू गाय (ढा न्गी - बूढ़ी गाय)
कलदार - रूपया (चांदी का)
कु टया री -/कुटरी - पोटली
कन्योणु - खुजलाना
कम सल्ली - कुलहीन
किठाणेणू - रोते रोते आवाज बंद होना
कल्पणु - कल्पना करना की सामने वाले के पास जो वास्तु या खान है वो काश हमारे पास होता
कुटकी - पांच उँगलियों के बीच की जगह
कौंल - कमल
कम्तैश - कमी
कुमनखि - बुरा आदमी
कतै - बिलकुल
कति - कितना
कत्नु - कितना
काखड़ी - खीरा
काकर -लकड़ी रखने के लिए बनायी गयी परछत्ती
कौन्खाण - अनाज के सील जाने पर आने वाली बू
किड्कताल - कडकडाहट (बिजली की )
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