History /Origin /introduction, Economic Uses of Indian Kopak (Bombax ceiba) in Uttarakhand context
उत्तराखंड परिपेक्ष में जंगल से उपलब्ध सब्जियों का इतिहास -7 History of Wild Plant Vegetables Agriculture and Food in Uttarakhand 7
उत्तराखंड में कृषि व खान -पान -भोजन का इतिहास --47
History of Agriculture , Culinary , Gastronomy, Food, Recipes in Uttarakhand 47
आलेख : भीष्म कुकरेती
संस्कृत नाम -शाल्मली
हिंदी -सेमल
गढ़वाली नाम -सिमुळ
सेमल जंगल का वृक्ष राज है।
सेमल उत्तराखंड में कम ऊंचाई वाले क्षेत्र में घाटियों /गाड़ -गदनों में पाया जाता है।
सेमल कि लकड़ी मकान की लकड़ी, फर्नीचर के उपयोग में लायी जाती है . पहले जमाने में सेमल नाव बनाने की काम आता था। हिमालयी क्षेत्र जैसे नेपाल में सेमल माचिस की बत्ती, प्लाईवुड , वुड -वूल बनाने के भी काम आता है
सेमल (Bombax ceiba ) का जन्मस्थल भारत है।
उत्तराखंड में सेमल पाये जाने का उल्लेख महाभारत के वन पर्व ( महाभारत , वन पर्व, 158 /51 -52 ) में मिलता है।
वाल्मीकि रामायण के किष्किन्धा काण्ड ( सर्ग -1 ) में भी सेमल का उल्लेख है .
कौटिल्य के अर्थशास्त्र में सेमल वनों का उल्लेख है।
पुराणो में शाल्मलीद्वीप का उल्लेख है मिलता है।
राज निघंटु ने सेमल का वर्णन किया है और इसे औषधि के लिए उपयोगी माना है.
छठी सदी के अमरकोश में सेमल को छह नाम दिए हैं। व सेमल के गोंद को मोचरस खा है।
जॉर्ज वाट (1890 ) ने सेमल का उल्लेख किया है
स्पॉन (1886, Report on Fibers and Fibrous Substances Exhibited at Colonial India Exhibition ) में लिखा है कि सेमल एक रेशे के लिए महत्वपूर्ण बनस्पाति है।
हिमालयी क्षेत्र में सेमल का उपयोग सब्जी व अचार बनाने में होता है किन्तु सेमल कि सब्जी अधिक चिकनी होने से सभी लोग सेमल की भाजी पसंद नही करते हैं।
सेमल का आयर्वेद में भी उपयोग होता है। सेमल का गोंद कई आयुर्वैदिक दवाइयों में उपयोग होता है ।
सेमल के पके फल के रेसे रुई के काम आते हैं।
सेमल के पत्ते चारे के काम आते हैं।
सेमल की सब्जी बनाने कि पहाड़ी विधि
सेमल कि सब्जी गरम मानी जाती है और केवल जाड़ों में खायी जाती थी।
सामग्री
सेमल की कलियाँ लगभग 250 ग्राम
भांग - आठ दाने
लाल मिर्च -स्वादानुसार दो तीन फली
धनिया -आठ दस दाने
जरूरत हो तो पांच छह दाने राई
दो तीन दाने काली मिर्च , एक लौंग व अन्य ग्राम मसाले
हल्दी - एक छोटा टुकड़ा
जीरा या धनिया दाने छौंका लगाने के लिए
हींग -एक रति
हींग , जीरा को छोड़ कर सभी मसालों को एक चमच पानी में सिल में पीस लें अथवा पिसे मसाले प्रयोग करें।
नमक- स्वादानुसार
कटा धनिया
विधि
सेमल कि कलियों को खूब धो दें।
अब कलियों को आधा काटें , उसके अंदर पेटल व सेपल निकाल दें कर दें
कटी कलियों को पानी में बीस मिनट तक उबालें या प्रेसर कुकर में पांच मिनट के लिए उबालें . उबली कलियों को पानी से उठाकर एक थाली में रख दें
कढ़ाई को आंच में गरम करें जीरा या भांग के बीज गरम तेल में भूनें व हींग डाल दें
फिर मसाले व नमक डालें थोड़ा सा पकने दें और फिर कलियों को कढ़ाई में डालें। पांच छह मिनट तक पकने दें, गरम मसाला डालें । आंच से उतारने से पहले कटा धनिया डाल दें . पांच छह मिनट तक सब्जी को ढके रहने दें।
सेमल की कलियों की सब्जी को आम सूखी सब्जी जैसे इस्तेमाल जाता है।
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