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उत्तराखंडी ई-पत्रिका

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Wednesday, November 27, 2013

तिमल /गूलर की सब्जी ,औषधीय व अन्य उपयोग

  उत्तराखंड  परिपेक्ष में  तिमल /गूलर   की सब्जी ,औषधीय व अन्य   उपयोग और   इतिहास 

                                                   
          History /Origin /introduction, Food uses , Economic Uses of  Himalayan Fig (Ficus auriculata)  in Uttarakhand context 

                                           उत्तराखंड  परिपेक्ष  में  जंगल से उपलब्ध सब्जियों  का  इतिहास -28 

                                     History of Wild Plant Vegetables ,  Agriculture and Food in Uttarakhand -28                        
          
                                              उत्तराखंड में कृषि व खान -पान -भोजन का इतिहास --68  
                                        History of Agriculture , Culinary , Gastronomy, Food, Recipes  in Uttarakhand -68


                                                                आलेख :  भीष्म कुकरेती


 
उत्तराखंडी नाम - तिमल।  तिमलु 
हिंदी नाम व अन्य नाम -गूलर , धूसी , तिरमाड , तिमल ,त्रेमबेल  
जन्मस्थान - इस प्रजाति का जन्मस्थल हिमालय है।  जब कि आम गूलर का जन्म पश्चमी एसिया  हुआ।  गूलर ही  पहला फल हैं जिसका उपयोग प्रथम बार मनुष्य ने किया।  उत्तराखंड  गूलर ऐसा फल है जिसे मनुष्य ने सबसे पहले उपयोग किया। 
रहन सहन - गूलर जंगल में भी हो सकता है किन्तु खेतों में जुताई -निराई -गुड़ाई से मिट्टी के सहलाने के कारण हवादार मिट्टी से गूलर खेतों में अधिक फलता फूलता है। हिमालय में 1500 मीटर की ऊंचाई तक गूलर पैदा होता है। ऊंचाई 3 -10 मीटर तक भी जा सकती है।
                तिमल की सब्जी 
कच्चे फलों को चार भागों में या दो भागों काटकर उसके अंदर फूलों को खुरच दिया जाता है । 
इन कटे फलों को छांछ में आठ दस मिनट उबाला जाता है।  फिर उबले तिमल को अलग से साफ़ पानी में कुछ देर उबाला जाता है। 
अब ग्राम पानी से उतार कर ठंडा किया जाता है। 
गरम कढ़ाई में तेल गरम कर तेल में जख्या , भांग , धनिया की बीज छौंका जाता है।  फिर लहसुन , एक कटे प्याज को थींचे अदरक के साथ छौंकते हैं और फिर उबले तिमल के कटे फलों को छौंका जाता है।  फिर मसाला नमक मिलाकर पकाया जाता है। तिमल से तरीदार सब्जी कम ही बनती देखि सूनी है।
                अन्य उपयोग 
तिमल के फल तो काम आते ही हैं तिमल के पत्ते चारे  के  रूप में उपयोगी पेड़ है। 
लकड़ी का बहु उपयोग होता है। 
वैदकी में भी तिमल का उपयोग होता है। 

Copyright Bhishma Kukreti  27 /11/2013 
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