उत्तराखंडी ई-पत्रिका की गतिविधियाँ ई-मेल पर

Enter your email address:

Delivered by FeedBurner

उत्तराखंडी ई-पत्रिका

उत्तराखंडी ई-पत्रिका

Tuesday, November 26, 2013

धर्मनिरपेक्ष बलात्कार अर सेक्युलर भ्रष्टाचार निवारण मंत्र

चबोड़्या -चखन्यौर्या -भीष्म कुकरेती 

     
(s =आधी अ  = अ , क , का , की ,  आदि )
            अथ: कळजुगी 'तहलका -कोहराम का तहखाना' वाले बाबा तरुण तेजपाल बलात्कार निवारण मंत्र लिषित:
 
                                                     अथ: बलात्कार -भ्रष्टाचार प्रायश्चित मंत्र प्रारम्भ 
बलात्कार या भ्रष्टाचार या गर्ल सर्विलेंस (नौनी जासूसी ) मा फंस्युं प्राणि तैं पैल अग्यारा दैं बुलण -लिखण चयेंद बल यी पिछ्ला दिन बड़ा तनाव का छया।  
फिर बलात्कारी  कळजुगी 'तहलका -कोहराम का तहखाना' वाले बाबा तरुण तेजपाल का नाम व दगड़ मा कलजुगी माइ शोमा चौधरी अथवा बाबा आशा राम आदि का नाम लेकि इकीस दैं जाप  करिक अफु तै  बेशर्मी से मुआफ करण चयेंद ।
 भ्रष्टाचारी तैं कळजुगी महात्माओं जन कि महापुरुष लालू यादव , बंगारू लक्ष्मण , ए राजा , यदुरप्पा , कलमाड़ी ,  मुंडा , शिबू शोरेन , बंसल-भतीजा जन देवों का तेरा दैं जाप करण चयेंद। जाप का बाद अफु तैं मुलायम सिंग देवपुरुष या मायावती भगवती जन पाक साफ़ घोषित कौर दीण चयेंद। अवश्य ही सेळि पोड़लि।  यदि यी जाप काम नि आंदा तो विंध्यांचल -दक्षिण नरेश अजित पवार का जाप कारो अवश्य सफलता मीललि।  देव अजित पवार का नाम लेंदी कसूरवार अफु तै पवित्रात्मा समजण बिसे जांद। दगड़म स्कैम पुराण को वाचन बि करण चयेंद। 
बलात्कारी व भ्रष्टाचारी तैं प्रायश्चित मंत्र जाप का बाद यदि सेळि नि पोड़दि त घोर कळजुगि टोटकाचार्य, हिप्पोक्रसीआचार्य,चालबाज-सम्राट  तरुण तेजपाल का नाम से पाणि मंत्रो अर फिर वै मंत्र्युं पाणि तैं अपण पर छिड़को।  ध्यान रहे सन्यास से पैल अपण  संबंध्युं तै गद्दी मा बैठैक  लघुतम -सन्यास की घोषणा करण चयेंद।   सगा संबंध्युं तैं गद्दी दियां बगैर संन्यास पूरो नि माने जांद।
                                                              अथ: जमनात मंत्र प्रारम्भ 
बलात्कार या भ्रष्टाचार, गर्ल सर्विलेंस से सद्गति पाणो सबसे उत्तम पथ न्यायदेवी से अग्रिम जमानत प्रार्थना च। 
अग्रिम जमानत या साधारण जमानत मा बलात्कार या गर्ल सर्विलेंस तैं या भ्रष्टाचार तैं सेक्युलर या स्यूडोसेक्युलर सिद्ध करण प्रत्येक बलात्कारी या भ्रष्टाचारीक प्रथम अधिकृत अधिकार  च। 
यदि तुम बलात्कार का केस मा फंसि गेवां त बेशर्मी, लज्जाहीनता  से अपण बलात्कार तैं सेक्युलर बलात्कार बताण आवश्यक च। ह्वे साको त अपण बलात्कार तैं अहिंसावादी , मानवता हितैषी बलात्कार बतैक जमानत प्रार्थना पत्र द्यावो। यही काम भ्रष्टाचारी क बि च अपण भ्रष्टाचार तैं देशहित,-राष्ट्रहित,-समाजहित , अनुसूचुत जाती हित या आदिवासी-हित से जोड़ो। आपका बलात्कार व भ्रष्टाचार कै ना कैका हित मा हूण जरूरी च।
                                        अथ: अपराध को राजनीतिकरण मंत्र प्रारम्भ 
कै बि अपराध को राजनैतिकरण ह्वे गे  तो समझो पापीन  भव सागर पार करि याल ।  
जमानत की अर्जी मा बलात्कारी , भ्रष्टाचारी या गर्ल सर्विलेंस का तथाकथित अभियोगी तैं लिखण चयेंद कि चूंकि वैको /वींको बलात्कार सेक्युलर च,  रेप की अथक कोशिस ह्यूमन बेनेफिट्स मा च या भ्रस्टाचार व गर्ल सर्विलेंस राष्ट्रहित मा च त FIR फलण प्रदेस मा ना अलण प्रदेस मा हूण चयेंद। 
यदि बलात्कार च त बलात्कारी तैं बेहिचक प्रार्थना करण चयेंद कि चूंकि म्यरो बलात्कार प्योर सेक्युलर च तो भाजापा या स्यूडोसेक्यूलर पार्टी की  सरकार से मी तैं न्याय की उम्मीद कतै बि नी  च। 
बलात्कार का जथगा जोरुं से राजनीतिकरण ह्वावो उथगा ही अधिक फायदा बलात्कारी तैं होलु।  इनि  भ्रस्टाचार या गर्ल सर्विलेंस का हाल छन।  अभियोग  को राजनैतिकरण हूणों  बाद अभियोग हर्ची जांद अर राजनीति की चक्कलस अग्वाड़ी ऐ जांद अर अभियुक्त पाक -साफ़ सिद्ध ह्वे जांद। 
यदि  बलात्कार तैं धर्म, जाति  या क्षेत्र विशेष  से जुड़े जावो  तो बलात्कारी का वास्ता लाभ की  संभावना अधिक बढ़ जांद  ।

अथ: धर्मनिरपेक्ष बलात्कार एवम  सेक्युलर भ्रष्टाचार निवारण मंत्रस्य  प्रथम अध्याय  सम्पन।। १।। 



Copyright@ Bhishma Kukreti  27/11/2013 


[गढ़वाली हास्य -व्यंग्य, सौज सौज मा मजाक मसखरी  दृष्टि से, हौंस,चबोड़,चखन्यौ, सौज सौज मा गंभीर चर्चा ,छ्वीं;- जसपुर निवासी  के  जाती असहिष्णुता सम्बंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; ढांगू वाले के  पृथक वादी  मानसिकता सम्बन्धी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;गंगासलाण  वाले के  भ्रष्टाचार, अनाचार, अत्याचार पर गढ़वाली हास्य व्यंग्य; लैंसडाउन तहसील वाले के  धर्म सम्बन्धी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;पौड़ी गढ़वाल वाले के वर्ग संघर्ष सम्बंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; उत्तराखंडी  के पर्यावरण संबंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;मध्य हिमालयी लेखक के विकास संबंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;उत्तरभारतीय लेखक के पलायन सम्बंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; मुंबई प्रवासी लेखक के सांस्कृतिक विषयों पर गढ़वाली हास्य व्यंग्य; महाराष्ट्रीय प्रवासी लेखक का सरकारी प्रशासन संबंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; भारतीय लेखक के राजनीति विषयक गढ़वाली हास्य व्यंग्य;सांस्कृतिक मुल्य ह्रास पर व्यंग्य , गरीबी समस्या पर व्यंग्य, आम आदमी की परेशानी विषय के व्यंग्य, जातीय  भेदभाव विषयक गढ़वाली हास्य व्यंग्य; एशियाई लेखक द्वारा सामाजिक  बिडम्बनाओं, पर्यावरण विषयों   पर  गढ़वाली हास्य व्यंग्य, राजनीति में परिवार वाद -वंशवाद   पर गढ़वाली हास्य व्यंग्य; ग्रामीण सिंचाई   विषयक  गढ़वाली हास्य व्यंग्य, विज्ञान की अवहेलना संबंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य  ; अन्धविश्वास  पर चोट करते गढ़वाली हास्य व्यंग्य    श्रृंखला जारी ...]

No comments:

Post a Comment

आपका बहुत बहुत धन्यवाद
Thanks for your comments