चबोड़्या -चखन्यौर्या -भीष्म कुकरेती
(s =आधी अ = अ , क , का , की , आदि )
(s =आधी अ = अ , क , का , की , आदि )
हमर नेता , ग्राम विकास अधिकारी, मोटर सड़क हमर भेळ वळ गांव मा आण से डरदन पण भै या बिजळि उकाळ -उंधार का हमर गां मा ऐइ ग्याइ।
पैला जमानु मा बि लोग बाग़ अपण नौनि नाम बिजलि नि धरदा छा तब बिजली नाम बजर पड़न छौ। आज बि कैन अपण नौनि नाम बिजली नि धरण। दिमाग खराब हुयुं च कि बेटि नाम बिजली धरला अरे लोग बुबा कुण ब्वालल कि ल्या स्या धोकेबाज का बुबा ऐ गे। या बिजली की ब्वे कुण बोलि द्याला बल ले ! चंचला की माँ त चंचल ही होली।
बिजली आण से हमर गाँकि संस्कृति ही बदल ग्याइ। अब नया मुहावरा हमर गां मा ऐ गेन।
जन कि पैल बुल्दा छा कि स्यु या स्या कन , कै तरां आँख झपकांद अब बुल्दन स्यु बिजली तरा आँख झपकाणु च।
बिजली की लुका छिपी चलणि रौंदि यानि कबि आंद च कबि चलि जांद। पैल बुल्दा छा चल लुका -छिपि खेल खिलला अब त बुल्दन चल बिजली खेल खिलला।
तुमर खाणो टैम ह्वावो य़ा बच्चों परीक्षा ह्वावो या दिवाली ह्वावो वैबरि ही बत्ती गोल हूंदी। पैल लोग अपण बच्चों तैं अड़ान्द छा बल तैक दगुड़ नि करण स्यु बार बगत पर धोका दे दींदु। अब जब मेन टैम पर , बार बगत , जरूरत का बगत बिजली जरुर गुल ह्वे जांद तो लोग सीधा बुल्दन बल तैक दगुड़ नि करण स्यु बिजली च याने तैन अवश्य ही बार बगत पर धोका दीण। अब जै पर भरोसा नि ह्वावो वै तैं बिजली बोलि द्यावो तो सब्युं समझ मा ऐ जांद कि तै पर या तैं पर भरोसा नि करण।
इन लगद बल बिजली भूतों से जादा ही डरद। तबि त रात बिजली नि आदि पण दिन मा बिजली रौंदि च।
पैल जनानी जंगलातौ पतरोळs दगड़ भैजि , ममा क रिस्ता लगांद छे कि घास-लखडु चोरी करद दैं पतरोळ भैजी , ममा या मम्या ससुर कै हैंक छ्वाड़ चल जावो। अब सरकारी बिजलीक लाइन मैन का दगड़ रिस्तेदारी लगाण पोड़द कि जग्गी मा फ़ोकट मा बिजली तार छोड़ द्यावो या कुछ हौर टैम पर निरंतर बिजली आण द्यावो।
पैल लोग पटवारी से डरदा छा अब पटवरि बि लाइन मैन से डरद। .
पैल गाळि दिए जांद छे कि तैंक गौड़ तड़म लगि जैन , तैंक गौड़ी दूध मा कीड़ पोड़ी जैन। अब गाळि , घात , श्राप का शब्दों मा बदलाव ऐ गेन। अब गाळि हूंदन बल जा ! बार बार तेरी बिजली जाणि रैन , जा ! जग्गी , त्यौहारुं दिन त्यार इक बिजली नि ऐन या जा बार बार त्यार फ्यूज उड़णा रैन या लाइन मैन त्यार दुसमन ह्वे जैन।
पैल जंदरो सल्लि क ज्योर बोलिक खुसामद करण पोड़द छे अब इलेक्ट्रिक मैकेनिक का हथ जुड़ण पोड़द कि ह्यां ये जी ! जरा तै फ्यूज ठीक करि देन।
बिजली अपण दगड़ भौत कुछ लाइ अर भौत कुछ ली बि गे।
Copyright@ Bhishma Kukreti 29/11/2013
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