चबोड़्या -चखन्यौर्या -भीष्म कुकरेती
(s =आधी अ = अ , क , का , की , आदि )
(s =आधी अ = अ , क , का , की , आदि )
भाड़े के प्रशिक्षित कार्यकर्ता और दर्शक प्राप्त करने का एकमात्र स्रोत्र हमारी दुकान (विज्ञापन )
क्या आप वातानुकूलित कमरा मा बैठिक राजनीति करदां ? अर यां से भूलि गेवां कि कार्यकर्ता कन तैयार हूँदन अर जनता भी तुम तैं बिसरी ग्याइ तो हमारी शरण मा आवो!
क्या आप बड़ा नेता का नौनि -नौन्याळ छंवां अर भारतीय प्रजातंत्र तैं बाप -दादा की जायजाद समजिक चुनाव लड़नो ऐ गेवां। आपको क्या ! आपके बाप को भी नि पता कि कार्यकर्ता क्या हूँदन जो आपकी मीटिंगुं मा भीड़ कट्ठा कारन?
क्या आपका शाहजादे की चुनाव रैली बिटेन बोर ह्वेक भाड़ा का दर्शक बि उठिक चलि जांदन ?
क्या बड़बोला साहेबजादा की रैली तैं मैगा रैली सिद्ध करणो वास्ता लाखों प्रशिक्षित भीड़ चयेंद ?
क्या आप तैं सेक्युलर दिखाणो वास्ता अरबी गोल टोपी मा छवारा अर बुर्का मा जनानी दर्शक चयाणा छन ?
क्या चमचागिरी अर घोर तिकड़मबाजी से आप तैं चुनावी टिकेट मील अर अब चुनावी सभाओं मा भीड़ चयेणि च ?
यदि आप विधायक छन अर पांच साल तक तुमर टुटकी राजधानी मा इ हुंई राइ अर अपण चुनाव क्षेत्र से तुम दुश्मन जन बिमुख रवां ?
क्या तुम अब स्पेंट फ़ोर्स या इरेलिवेंट नेता ह्वे गेवां , अर आपकी टक अबि बि प्रधान मंत्री क कुर्सी पर लगीं च अर आपक भाषण सुणिक सुंगर बि बितक जांदन ?
तो आप सब्युं तैं हमारी दुकान से प्रशिक्षित कार्यकर्ता अर दर्शक मील जाला।
हमर भाड़ा का कार्यकर्ता आप तैं धर्म , जात , उपजात , का हिसाब से आप तैं वोटरूं से जाण पछ्याणक कराला अर आप तैं लगल बि ना कि यी भाड़ा का कार्यकर्ता छन।
हमर कार्यकर्ता आप तै छुट छुट भाषण बि लेखि दींद जाल। भाषणु स्तर बेशर्मी से गिराण मा हमर कार्यकर्ता इथगा प्रशिक्षित छन कि नरेंद्र मोदी , राहुल गांधी , मनीष तिवारी , नरेश अगरवाल जन बेशर्मी से भाषण दीण वाळ इकीसवीं का महान नेता बि शरमै जाला !
हमर प्रशिक्षित दर्शक आपकी हाँ मा हाँ मिलाला अर जब शहजादा या साहेबजादा मंच से क्वी बि बेकार , बासी सवाल कारल तो मन मुताबिक़ द्वी हाथ या द्वी खुट उठैक उत्तर द्याला।
हमारी दुकान का ट्रेण्ड दर्शक बीच बीच मा शहजादा की जय हो शहजादा की जय हो या हमारा प्रधान मंत्री कौन हो ?-साहेबजादा जैसा हो जन जय जयकार बि करणा राल।
हमारी दुकान का ट्रेण्ड दर्शक बीच बीच मा शहजादा की जय हो शहजादा की जय हो या हमारा प्रधान मंत्री कौन हो ?-साहेबजादा जैसा हो जन जय जयकार बि करणा राल।
तुमर शहजादा कथगा बि झूठो या बोर भाषण द्याला तो बि हमर दुकानिक दर्शक ताळी बजाला।
रोड शो का वास्ता विशेष प्रशिक्षित कार्यकर्ता अर दर्शक भाड़ा मा दिलाण हमर विशेषता च।
सेक्युलर दिखाणा बान अरबी टोपी मा युवा या बुर्का पैर्या जनानी अथवा आदिवासी कपड़ो मा जनानी -मर्द या गरीब-मजदूर -लाचार -बीमार दर्शक जूटाणै फीस चौगुणी।
हमर दुकानम विशेष जनानी मोर्चा लिजाणो बि उचित प्रबंध च. कैक बि पुतला फुकणम सबि प्रशिक्षित छन।
नकलचियों से सावधान !
तिकड़म से चुनावी सभा करण असोसिएसन द्वारा प्रस्तावित संवैधानिक चेतावनी -
१-हम भाड़ा का दर्शक अर कार्यकर्ता दिलै सकदवां वोट मीलल कि ना यांकि गारेंटी हम क्या भगवान बि नि दे सकुद !
२-चुनावी सभा मा भाड़ा का दर्शकुं भीड़ से यदि तुम तै लगद कि तुम चुनाव जितणा छँवाँ अर चुनावी नतीजा यदि उल्टा आंदन तो यांकि जुमेवारी हमर नी च।
फीस भुगतान ऐडवांस अर बग़ैर लिखा पढ़ी का !
Copyright@ Bhishma Kukreti 20/11/2013
[गढ़वाली हास्य -व्यंग्य, सौज सौज मा मजाक मसखरी दृष्टि से, हौंस,चबोड़,चखन्यौ, सौज सौज मा गंभीर चर्चा ,छ्वीं;- जसपुर निवासी के जाती असहिष्णुता सम्बंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; ढांगू वाले के पृथक वादी मानसिकता सम्बन्धी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;गंगासलाण वाले के भ्रष्टाचार, अनाचार, अत्याचार पर गढ़वाली हास्य व्यंग्य; लैंसडाउन तहसील वाले के धर्म सम्बन्धी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;पौड़ी गढ़वाल वाले के वर्ग संघर्ष सम्बंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; उत्तराखंडी के पर्यावरण संबंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;मध्य हिमालयी लेखक के विकास संबंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;उत्तरभारतीय लेखक के पलायन सम्बंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; मुंबई प्रवासी लेखक के सांस्कृतिक विषयों पर गढ़वाली हास्य व्यंग्य; महाराष्ट्रीय प्रवासी लेखक का सरकारी प्रशासन संबंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; भारतीय लेखक के राजनीति विषयक गढ़वाली हास्य व्यंग्य;सांस्कृतिक मुल्य ह्रास पर व्यंग्य , गरीबी समस्या पर व्यंग्य, आम आदमी की परेशानी विषय के व्यंग्य, जातीय भेदभाव विषयक गढ़वाली हास्य व्यंग्य; एशियाई लेखक द्वारा सामाजिक बिडम्बनाओं, पर्यावरण विषयों पर गढ़वाली हास्य व्यंग्य, राजनीति में परिवार वाद -वंशवाद पर गढ़वाली हास्य व्यंग्य; ग्रामीण सिंचाई विषयक गढ़वाली हास्य व्यंग्य, विज्ञान की अवहेलना संबंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य ; अन्धविश्वास पर चोट करते गढ़वाली हास्य व्यंग्य श्रृंखला जारी
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