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उत्तराखंडी ई-पत्रिका

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Tuesday, November 12, 2013

सुनारा /सोजल /Drumstickकी फलियों का भोजन में उपयोग

  उत्तराखंड  परिपेक्ष में सोजल/सुनारा    की सब्जी , औषधीय उपयोग,अन्य   उपयोग और   इतिहास 


                            History /Origin /introduction, Food uses , Economic Uses of Drumstick  (Moringa oleifera)   in Uttarakhand context 
                                           उत्तराखंड  परिपेक्ष  में  जंगल से उपलब्ध सब्जियों  का  इतिहास -15

                                     History of Wild Plant Vegetables ,  Agriculture and Food in Uttarakhand -15                        
         
                                              उत्तराखंड में कृषि व खान -पान -भोजन का इतिहास --55  
                                        History of Agriculture , Culinary , Gastronomy, Food, Recipes  in Uttarakhand -55

                                                                आलेख :  भीष्म कुकरेती
 

उत्तराखंडी नाम -सुनारा , सोजल 

संस्कृत नाम -दशमूल , शिग्रु , शोभांजन 
हिंदी -संजना , सृञ्जना आदि 
नेपाली नाम -सीताचिनि 
मराठी -शींग आदि 
 सुनारा/सोजल/Drumstick एक अत्यंत उपयोगी , लाभदायी वनस्पति  होने के बाद भी उत्तराखंड में बहुत कम प्रयोग किया जाता है। उत्तराखंड में सुनारा/सोजल /Drumstick  की शाखाओं  की सब्जी बनाई जाती है। 

सुनारा/सोजल /Drumstick का जन्मस्थल पश्चिम हिमालय के दक्षिणी तलहटी या और मध्य हिमालय की तलहटी याने चेनाब से शारदा नदी के मध्य सुनारा /सोजल /Drumstick का जन्म स्थल है। भारत के सभी प्रदेशों के अतिरिक्त 82 देसों में सुनारा/सोजल /Drumstick पाया जाता है और सुनारा/सोजल /Drumstick की कि खेती की जाती  है। सुनारा /सोजल /Drumstick के 200 नाम हैं। 
चरक संहिता के तीसरे अध्याय में सुनारा /सोजल /Drumstick के उपयोग का उल्लेख है।  सुनारा /सोजल /Drumstick का उल्लेख सुश्रुवा संहिता , भेसज्य रत्नावली , भाव प्रकाश में भी उल्लेख हुआ है।
भारत में 2000 BC पहले से सुनारा /सोजल /Drumstick  का आयुर्वैदिक उपयोग होता आ रहा है एवं  300 बीमारियों के उपचार हेतु उपयोग होता था।   फिर भारत से  सुनारा /सोजल /Drumstick यूनान पंहुचा वहाँ से रोम  और मिश्र पंहुचा जहां औषधि हेतु सुनारा /सोजल /Drumstick की खेती शुरू हुयी।
बाइबल में भी सुनारा /सोजल /Drumstick का उल्लेख है।  बहुत सी जगह इसे मिराकल प्लांट कहते हैं।
सुनारा/सोजल /Drumstick का पेड़  बीस पच्चीस फीट तक ऊंचा होता है और इसके फल एक से डेढ़ लम्बी -एक इंच तक  गोल टांटी (फलियां ) होती हैं .
सुनारा/सोजल /Drumstick में पोषण तत्व इस प्रकार हैं
सुनारा/ सोजल /Drumstick में नारंगी से सात गुना विटामिन C मिलता है।
सुनारा/ सोजल /Drumstick में गाजर से चार गुना विटामिन A मिलता है। 
सुनारा/ सोजल /Drumstick में गाय के दूध से चार गुना कैल्सियम मिलता है।
सुनारा/ सोजल /Drumstick में केले से तीन  गुना पोटेसियम मिलता  है।
सुनारा/ सोजल /Drumstick में दही से दो गुना प्रोटीन मिलता है।
सुनारा /सोजल /Drumstick में विटामिन A, B1, B; B 2 C, E  मिलते हैं।
इसके अतिरिक्त सुनारा /सोजल /Drumstickकी पत्तियों में 20 तरह के अमीनो ऐसिड; 46 प्रकार के एंटी ऑक्सीडेंट ; 36 तरह के एंटीइंफलेमेट्री तत्व ; कई अति लाभदाई खनिज तत्व ;बीटा कैरोटीन ;थियामिन , राइबो फलैविन जैसे तत्व मिलते हैं।   सुनारा /सोजल /Drumstickपौष्टिक तत्वों की खान है।
सुनारा /सोजल /Drumstick का प्रत्येक भाग उपयोगी है और कई बीमारियों के उपचार में आज भी कामयाब वनस्पति है।  इसीलिए इसे 'आश्चर्यकृत  वनस्पति कहते हैं। 

                     सुनारा /सोजल /Drumstickकी फलियों का भोजन में उपयोग 

अरहर या मलका , धुली मूंग की दल में अथवा साम्भर में सुनारा /सोजल /Drumstickकी फलियों के एक इंच टकड़े डालते हैं। 
सुनारा /सोजल /Drumstick की फलियों के एक इंच टुकड़े कर सुखी सब्जी भी बनती है या अन्य सब्जियों के साथ मिलकार उपयोग होता है।
सुनारा /सोजल /Drumstick की पत्तियों को अन्य हरी सब्जियों के साथ भी सब्जी बनायी जाती है। 

उत्तराखंड में सुनारा /सोजल /Drumstickका उपयोग नगण्य से भी कम होता है।  

Copyright Bhishma  Kukreti  12 /11/2013 

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