Fatalism in Rajasthani, Kumaoni-Garhwali Folk Songs Part -3
राजस्थानी, गढ़वाली-कुमाउंनी लोकगीतों का तुलनात्मक अध्ययन:भाग-15
राजस्थानी लोकगीतों में कर्मफल और भाग्यवाद -भाग 3
कर्म के लेख को पढ़ना है। इस बात की अभिव्यक्ति हेतु लोक - गायकों -रचनाकारों ने कई उपमान प्रस्तुत किये हैं।
कागद वे तो बांच लूँ करम बांचिया ना जाय
बड़लो वे तो काट लूं पीपल काट्यो न जाय
नाडूलिया वे तो थाग लूँ , समन्दर थागियो न जाय
--------------याने------------ -------- -
कागज हो तो बांच लूं , कर्मफल बांचा ना जाय
बट बृक्ष हो तो काट लूं , पीपल काटा ना जाय
तालाब हो तो थाह लूं , समुद्र की थाह कैसे लूं ?
कुमाउंनी- गढ़वाली लोकगीतों में कर्मफल और भाग्यवाद -भाग 3
कुमाउंनी और गढ़वाली लोक गाथाओं , लोक गीतों में भाग्यवाद की दुहाई जोर शोर से दी गयी है ।
निम्न जीतू बगड्वा सम्बन्धी लोक गीत के एक खंड में भाग्यावाद और कर्मफल की दुहाई दिया गया है -
नौ बैणी ऐ पड़ि बारों बैणी भराड़ी
क्वै मातरी बैठी रौ काम्यों का पाह
क्वै मातरी बैठी रौ आंखूं का हां:
ल्वैई पी रौ तूं सिकार खै
त्यूं जोड़ी बैलों जीतू डबी रौ
भर्युं कुटुंब तैरो मल्ला की क्यारी रैगे
बौलू न होंदू जीतू त नाश नि होंदू
------------अर्थात------------ ----------
अप्सराओं ने जीतू का हरण किया , कोई अप्सरा कानो के अंदर बैठी , कोई अप्सरा आँखों में बैठी , उन्होंने जीतू का रक्त पान किया और उसका मांश भक्षण किया। इस प्रकार जीतू बगड्वाल , दोनों बैलों सहित खेत में डूब गया . भरा पूरा कुटुंब छोड़ कर चला गया (जहां से कोई वापस नही आता ). जीतू बाबला ना होता तो अपनी माँ और पत्नी के रुकने से रुक जाता। और इस वह मर गया।
अन्य लोक गीतों में भी कर्मफल और भाग्य वाद को है।
Copyright@ Bhishma Kukreti 31/8/2013
सन्दर्भ
डा जगमल सिंह , 1987 ,राजस्थानी लोक गीतों के विविध रूप , विनसर प्रकाशन , दिल्ली
डा जगदीश नौडियाल उत्तराखंड की सांस्कृतिक धरोहर:रवाँई क्षेत्र का लोक साहित्य का सांस्कृतिक अध्ययन [Comparison between Rajasthani Folk Songs and Garhwali-Kumaoni Folk Songs; Exclusive features of Rajasthani Folk Songs and Garhwali-Kumaoni Folk Songs; Different Style and Mood of Rajasthani Traditional Songs and Garhwali-Kumaoni Folk Songs; Differentiation between Rajasthani Customary Songs and Garhwali-Kumaoni long-established Songs; Assessment of Rajasthani Folk Songs and Garhwali-Kumaoni Folk Songs; Appraisal of Rajasthani Folk Songs and Garhwali-Kumaoni Folk Songs; Review of Rajasthani Folk Songs and Garhwali-Kumaoni Folk Songs; Analytical review of Rajasthani Folk Songs and Garhwali-Kumaoni Folk Songs; Analysis of Rajasthani Folk Songs and Garhwali-Kumaoni Traditional Songs, Fatalism in Rajashthani Folk Songs;Fatalism in Kumaoni Folk Songs; Fatalism in Garhwali Folk Songs, Fatalism in Traditional Songs From Rajasthan; Fatalism in Traditional Himalayan folk Songs; Fatalism in North Indian folk Songs, Fatalism in Asian Traditional Songs, Fatalism in Rajasthani Folk Songs from Mewat, Fatalism in Rajasthani Folk Songs from jaismalmer,Fatalism in Rajasthani Folk Songs from Ajmer, Fatalism in Rajasthani Folk Songs fromKota-Ganganagar region Fatalism in Rajasthani Folk Songs from Jaipur Region,Fatalism in Rajasthani Folk Songs from Udyapur region,Fatalism in Rajasthani Folk Songs from Bikaner Region, Fatalism in Rajasthani Folk Songs from Jodhpur region,Fatalism in Rajasthani Folk Songs from Bharatpur region,;Fatalism in Kumaoni Folk Songs from Kumaon]
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