भीष्म कुकरेती
(s =आधी अ = अ , क , का , की , आदि )
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रिपोर्टर - आतंकवादी बात …
आतंकवादी - मिस्टर रिपोर्टर प्लीज बिहेव विद मैनर। त्यार ब्वे बाबुन संस्कार सिखैन ?
रिपोर्टर - क्या मतबल ?
आतंकवादी -मि तैं दिग्विजय सिंह जीक तरां आतंकवादी जी करिक भट्या ! जी लगाण जरूरी च
रिपोर्टर - मि क्वी राजनेता नि छौं जु मौत का एजेंटों याने आतंकवादी तैं श्रीमान , श्रीमती , जी कौरिक बुलौं।
आतंकवादी -एक बात बतादी रे रिपोर्टर ।
रिपोर्टर - क्या ?
आतंकवादी - शराब का मालिक विजय मल्लया या खेतान तैं तू जी लगैक किलै भट्यांदि भै ?
रिपोर्टर - उ लोग ये देस का सभ्य नागरिक छन ।
आतंकवादी -त मि बिरण देसौ नागरिक छौं ?
रिपोर्टर - नै नै तुम लोग हत्या ....
आतंकवादी -तो क्या शराब मा हत्या जन काम नि करदि ।
रिपोर्टर - शराब बि हत्यारी च पण उन नी च जन कि आतंकवादी द्वारा हत्या !
आतंकवादी - अच्छा ! एक हत्या जायज अर हैंकि हत्या नाजायज ?
रिपोर्टर - नै आतंकवाद मानव समाज का वास्ता बड़ो गुनाह च। .
आतंकवादी -चरस-गांजा , गर्द, ड्रग्स जन वस्तु क्या मानव हत्या का माध्यम नि छन ?
रिपोर्टर -अवश्य ही यी सब वस्तु अंत मा मनुष्य की हत्या ही करदन ।
आतंकवादी -अर जु जु बि ,नेता अफसर , सुरक्षा कर्मचारी व अन्य व्यापारी गर्द , ड्रग्स, चरस गांजा भारत मा फैलाणा छन , -चरस गांजा का धंधा तैं परिश्रय दीन्दन। वूं लोगुं तैं तुम लोग आतंकवादी या हत्यारा किलै नि माणदा ?
रिपोर्टर - भै नशा व्यापार कुछ हौर हूंद अर आतंकवाद कुछ हौर हूंद।
आतंकवादी -पण अंत मा शराब , ड्रग्स आदि से मनुष्य हत्या ही हूंद तो तुम सभ्य , सुसंस्कृत लोग शराब , ड्रग्स का व्यापारियों तैं किलै ना आतंकवाद्यूँ श्रेणी मा धरदा भै ?
रिपोर्टर - वो तो .... वो तो
आतंकवादी - चल एक बात बतादी तम्बाकू ,बीड़ी - सिगरेट त मनुष्य की हत्यारा ही च ?
रिपोर्टर - हाँ
आतंकवादी -तो फिर तुम श्रेष्ठि लोग तम्बाकु उपजाण वाळु तैं , बीड़ी -सिगरेट निर्माताओं और विक्रेताओं तैं हत्यारा किलै नि माणदा भै ?
रिपोर्टर - वो तो .... वो तो
आतंकवादी -मि जाणदु छौं सभ्य समाज का पास यांक उत्तर नी च
रिपोर्टर - छैं च पण …
आतंकवादी -चल एक बात बताओ कि भारत मा जातीय -धार्मिक दंगा हूँदन कि ना ? सैकड़ों लोग हर साल दंगों मा मरदन कि ना ?
रिपोर्टर - हाँ कै ना कै रूप मा हर मैना जातीय -धार्मिक दंगा हूणा रौंदन।
आतंकवादी -तो फिर दंगा कराण वाळु , दंगा भड़काण वाळु तैं तुमार सभ्य समाज , तमीजदार समाज , सुसंकृत समाज आतंकवादी किलै घोसित नि करदो भै ?
रिपोर्टर - हां पैन दंगा तैं हम आतंकवाद नाम नि दे सकदा।
आतंकवादी - हा ! हा ! एक हत्या जायज अर दुसर हत्या नाजायज ? सबसे पैल तंबाकु का जघन्य हत्यारा व्यापार अर पैदावार बंद कराओ , जातीय दंगा जन जघन्य कृत्य, कुकर्म बंद कराओ तो भारत मा आतंकवाद जन्म ले ही नि सकुद।
रिपोर्टर - अब तीन बुलण बल शराब , ड्रग्स , चरस -गांजा का धंधा बंद कारो तो आतंकवाद अफिक बंद ह्वे जालु।
आतंकवादी - अवश्य बंद ही ह्वे जालु।
Copyright@ Bhishma Kukreti 5 /12/2013
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