चबोड़्या -चखन्यौर्या -भीष्म कुकरेती
(s =आधी अ = अ , क , का , की , आदि )
(s =आधी अ = अ , क , का , की , आदि )
राजनीति सचल च। राजनीति मा जु अचल च राजनीती नि व्हे सकद।
राजनीतिज्ञ चुप नि रै सकुद। पण भूतपूर्व शिक्षा मंत्री अजकाल चुप छन तो उखमा बि सक्रिय राजनीति ही च। प्रदेस मा विधान सभा का रिजल्ट आणो बीसेक दिन बाद सरकार मा ब्याळि मंत्रियुंन शपथ ले। यूं बीस दिनुं मा भूतपूर्व शिक्षा मंत्री की पार्टी ज्वा आज विरोधी पार्टी च वीं पार्टी तैं विरोध कु पाट खिलणै आवश्यकता ही नि पोड़। पैल त आजै सरकारी दल मा कै तै मुख्यमंत्री बणये जालु जन समस्या समाधान मा ही सरकारी दल की जगहंसाई ह्वे। मीडिया अर जनता ही विरोधी पार्टी की भूमिका अदा करणा छा अर विरोधी पार्टी मूक दर्शक की भूमिका मा बैक सीट पर छे। फिर मंत्री मंडल गठन मा ज्वा देर ह्वे वांक समाचार न्यूयार्क टाइम्स मा बि छप कि "जु अमेरिकी निवेशक उत्तराखंड मा टूरिज्म अर शिक्षा मा निवेश करण चाणा छन वुंकुण उत्तराखंड से बुरी खबर च ! इन मा भूतपूर्व शिक्षा पार्टी कुण सरकारी दल का मखौल उड़ाणै जरूरत ही नि पोड़। विरोधी पार्टी वाळुम युं दिनुं कुछ काम इ नि छौ। चुप रौण बि एक रणनीति हूंद।
भूतपूर्व शिक्षा मंत्रीम बि कुछ काम नि छौ। भूतपूर्व शिक्षा मंत्री सिमसाण जी चुनाव हारी गे छा। जनता या यार दोस्तुंन पश्त्यॊ , सांत्वना दीण छौ वु मातम कु क्रियाक्रम तीन दिन मा हि निपट गे । तिरैं -बरखी जन क्रियाक्रम एकि दिन मा निपट जांदन ऊनि चुनाव हारणो बाद सांत्वना क्रियाकर्म बि तीन दिन तलक ही चलद अर वैक बाद हार का कारण खुजे हूंद तो उखमा पांच साल लग जांदन। असल मा अब हरण वाळ पार्टी हार का कारण खुज्यांद इ नी च किलै कि अळग बिटेन तौळ तलक पार्टी मा दलबंदी , पाळीबंदी , धड़ेबाजी अर कार्यकर्ताओं की अनदेखी अलावा दुसर कारण हूंदी नी च।
भूतपूर्व शिक्षा मंत्री सिमसाण जी बि तीन सौ वोट से हार गे छा। भूतपूर्व मुख्यमंत्री डा घाघ खंकरियालन अपण ही शिक्षा मंत्री सिमसाण जी तैं हराणो बान एक निर्दलीय उमीदवार तैं पैसा से मदद कार अर वु निर्दलीय उमीदवार सिमसाण जीक तीन हजार वोट खै गयाइ अर सिमसाण जी जितदा जितदा हारि गेन। सिमसाण जी पार्टी फोरम मा कुछ नि बोल सकद छा किलैकि सिमसाण जीन बि 'विज्ञान पुरुष' विधायक तै हराणो बान एक निर्दलीय उमीदवार की धन से सहायता कौर छे। 'विज्ञान पुरुष' हारी गे अर राजनीति मा एक नया चेहरा घ्याळ दा चुनाव जीती गेन. असल मा सिमसाण जीक 'विज्ञान पुरुष' से कुछ बि अदावट या विरोध नि छौ। सिमसाण जी की अदावट 'विज्ञान पुरुष ' का सरंक्षक भुवनेश चन्द्र बंडुड़ी जी से छे। भुवनेश चन्द्र बंडूड़ी जीन सिमसाण जी तैं जल विभाग मंत्री नि बणन दे छौ अर सिमसाण जी तैं उच्च शिक्षा मंत्री , माध्यमिक शिक्षा मंत्री , आधारिक शिक्षा मंत्री अर सांख्यकी मंत्री बणये गे। तबि सिमसाण जीन कसम खै छे कि भुवनेश चन्द्र बंडूड़ी से बदला लीण। 'विज्ञान पुरुष ' की हार से सिमसाण जीन भुवनेश चन्द्र बंडूड़ी से दुसर दैं बदला लेइ ।
भूतपूर्व शिक्षा मंत्री सिमसाण जी बि आज मंत्री मंडल शपथ ग्रहण समारोह मा गे छा अर शपथ ग्रहण का तुरंत बाद अपण ड्यार ऐ गे छा।
सिमसाण जी छात्र जीवन मा बिंडी त ना पण फिर बि आदर्शवादी छा अर डायरी लिखणो आदि ह्वे गे छा। अब बि डायरी लिखदन पण अब डायरी डिप्लोमेटिकली भाषा मा लिखदन।
भूतपूर्व शिक्षा मंत्री सिमसाण जी ड्यार ऐन । ड्यारम क्वी नि छौ। परिवार बुरा ग्रह शान्ति बान खड़िक वाळ बाबाम जयां छा।
सिमसाण जी अपण डायरी पढ़ण बिसे गेन अर वै पेज पर ऐ गेन जैदिन ऊंन शिक्षा मंत्री की शपथ ले छे।
कातिक , कृष्ण पक्ष, एकादस
जनि राज भवन बिटेन खबर आइ कि मी तैं शिक्षा मंत्रालय मिलणु च त में फर बौळ चढ़ी गे। या बात सै च कि मुख्यमंत्री डा. 'घाघ' खंकरियाल जीन मी तैं मलाइदार , रौबदार मंत्रालय कबि बि नि दीण छौ पण डा घाघ खंकरियाल मा इथगा हिम्मत बि नि छे कि मे सरीका तगड़ा नेता तै शिक्षा मंत्रालय अर सांख्यकी जन जयां बित्यां मंत्रालय पकड़ै द्यावन। मीन अपण सूत्रों से पता लगाइ तो पाइ कि मि तैं जल संसाधन अर नदी खनन निषेध मंत्रालय मिलण वाळ छौ पण सांसद भुवनेश बंदुड़ी को एक ख़ास विधायक तैं बि मंत्री बणाण जरुरी छौ अर भुवनेश बंदुड़ी जी अडि गेन कि ऊंक ख़ास विधायक तैं यदि शिक्षा मंत्रालय जन जयुं बित्युं तो ऊन मंत्री मंडल शपथ ग्रहण मा नि आण। सांसद बंडूड़ी जी भूतपूर्व प्रधान मंत्री का गुट मा छा तो भुवनेश चन्द्र बंडूड़ी जीकी ही चौल तो डा घाघ तैं मि तैं शिक्षा मंत्री बणाण पोड़। मीन बाबा भ्यूंळ की कसम खै कि सांसद भुवनेश चन्द्र बंडूड़ी से मीन अवश्य ही बदला लीण।
मंत्री मंडल गठन का बाद, अपण ख़ास आदमियुं की शुभ कामना लीणो बाद मि मंत्रालय ग्यों। यद्यपि विरोध मा विरोध करण से मि आज बड़ो नेता छौं पण यु पैल बार च कि मि मंत्री बौण। तो शिक्षा मंत्रालय कु चीफ सेक्रेटरी अर म्यार प्राइवेट सेक्रेटरी से मंत्रालय को प्रशासन का मुख्य तत्व समजद समजद अर बीच बीच मा लोगुं सांत्वना एवं शुभकामना का फोन व्यवधान का कारण रात ग्यारा या बारा बजी गेन।
मि विधायक अर मंत्री निवास कॉलोनी मा औं तो जु जु मंत्री बौणेन अर जौं तैं सार्वजनिक संस्थानुं चेयरमैनशिप याने अघोषित राज्य मंत्री पद मील ऊंक ड्यार आजि बिटेन दिवाली को माहौल छौ। एक घर की बिजली की लड़ी दुसर घर की बिजली लड़ी से प्रतियोगिता करणी छे। नया नया बण्या सार्वजनिक मंत्री बड़ख्वाळ जीक ड्यार बि रोशनी की चकाचौंद छे जब कि परसि ही ऊंक बुबा जी को देहावसान ह्वे।
मि ड्यार औं तो म्यार विधायक बंगला अन्ध्यर मा डुब्यूं छौ। मि तैं नखुर लग कि ड्यारम चुपट अंधकार किलै हुयुं च। इख तलक कि गेट पर रोजाना तरां जळण वाळ बलब बि नि जळणु छौ। गेट से भितर तक बि रस्ता मा आज उज्यळ नि छौ।
मि कनि कौरिक बि भितर ग्यों त परिवार वाळ सब मेरि ब्वेक कमरा मा जुम जुमकार मा बैठ्यां छा। जब म्यार बुबा जी मोर छा तब इ मीन अपण परिवार तैं एकसाथ ब्वेक कमरा मा इन गमगीन देख छौ। निथर ब्वेक कमरा मा क्वी एक साथ नि जांदन । म्यार सरकारी निवास मा केवल ये ही कमरा मा उज्यळ छौ वो बि जीरो वाटो बल्ब को।
मीन पूछ - यी क्या भै दिवाली बगत ड्यारम अन्ध्यर ?
म्यार नौनु - पापा आप एज्युकेशन मिनिस्ट्री से आज का आज आबि रिजाइन कर दो।
मि -अरे राजनीतिज्ञ बड़ी मुस्किल से मंत्री बणद अर तू बुलणू छे रिजाइन करि द्यूं ? क्या बात ह्वे ?
नौनि - पापा मेरी प्रिंसिपल का फोन आया कि 'पिंकी ! आइ एम वेरी वेरी सॉरी योर डैड गौट एज्युकेशन मिनिस्ट्री !"
नौनु - अर पापा मेरे फ्रेंड, सोसल मीडिया के फ्रेंड अर विधायक कॉलोनी के सभी फ्रेंड कंडोलेंस मैसेज याने श्रद्धांजलि संदेस भेज रहे हैं ऐज इफ आइ लॉस्ट माइ बिलवेड ।
घरवळि - अरे जथगा बि विधायक निवास की जनानी छन सब इन बुलणा छा जन बुल्यां ससुर जी दुबर मोरि गेन धौं। कति टिपोड़ी जनानी त ताना दीणा छा कि क्या बात सिमसाण जी त धाकड़ नेता छा फिर इन बेकार का मंत्रालय किलै मील। इख तलक कि दूध वाळ पुछणु छौ कि भोळ बिटेन दूध कम त नि भिजण ?
मि -क्या ?दूध वाळ पुछणु छौ कि दूध कम त नि भिजण ?
घरवळि -अर सब्जी वाळक फोन आयि कि रोजाना तरां चार सब्जी भिजण कि एकी सब्जी मा काम चल जालु ? राशन वाळक फोन आयि कि घी भिजण च कि ना या तेल से ही काम चलैल्या ?
मि -पर तुमन इन बकबास किलै सूण ?
ब्वे - कै कैक जि गिच पकड़ला हम। तेरी काकीक फोन आइ चिरड़ाणि छे कि अब द्यूर जी मास्टरुं समिण बुळख्या पाटि लेकि जाला हैं ?
मि -द्याखो - शिक्षा मंत्रालय कु बजेट सरा बजेट को पांच प्रतिशत च अर फिर बगैर शिक्षा विकास से उत्तराखंड विकास थोड़ा कौर सकुद।
नौनु -पापा दिल बहलाने के और भी बहाने हैं ग़ालिब !
घरवळि -सूणो तुमर पछ्याणक एक रिपोर्टर ऐ छौ कुछ कुछ पुछणु छौ कि हमन दिवाली कन मनौला ?
घरवळि -सूणो तुमर पछ्याणक एक रिपोर्टर ऐ छौ कुछ कुछ पुछणु छौ कि हमन दिवाली कन मनौला ?
मि -तुमन क्या जबाब दे
ब्वे - मीन त बोलि दे ये साल हमर दिवळि मनाणो क्वी बिचार नी च।
मि - पण त्वैकुण कैन ब्वाल कि तू पत्रकारुं दगड़ बात कौर ?
ब्वे -पण उ नाती त त्यार बुबाजीक ममाकोट कु च !
मि -सूणो राजनीतिज्ञ , पुलिस वाळ अर पत्रकार अपण बुबाक बि नि हूँदन।
मीन सब तैं समजाणै कोशिस कार कि शिक्षा मंत्रालयकु बड़ो महत्व च पण क्वी बि मेरि बात सुणनो मूड मा नि छा। सबि तकरीबन अधभुकि से गेन।
कातिक , कृष्ण पक्ष, द्वादस ,
मि घाम आणम बिजु। बीड़ी पीणै आदत नि गे त ट्वाइलेट जाणा बान मीन खूब बीड़ी पेन। . अर मि अखबारूं प्रतीक्षा करण बिसे ग्यों। अखबार लेक मि ट्वाइलेट मा घुस।
प्रदेस मा सबसे जादा बिकण वाळ अखबार कु फ्रंट पेजम मंत्री मंडल गठन कु समाचार का साथ समांतर म्यार बारा मा बड़ो समाचार छौ
महत्व हीन पद मिलने के कारण शिक्षा मंत्री का परिवार इस साल दिवाली नही बड़जात (शोक ) मनायेगा
जब कि सर्वाजनिक मंत्री के पिता मृत्यु का शोक नही मनाएंगे अपितु धूमधाम से दिवाली त्यौहार मनाएंगे।
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------------समाज के सभी वर्गों से मिल रहे उलाहना भरे टिप्प्णियों से शिक्षा मंत्री परिवार उदास है । .
हो सकता है कि आज शिक्षा मंत्री सिमसाण जी त्यागपत्र भी दे दें।
समाचार पौडिक मेरि झाड़ा -पिसाब हर्ची गे छे । मि सुचणु छौ कि अब मुख्यमंत्री अर प्रदेस अध्यक्ष का फोन आण इ वाळ ह्वाल !
Copyright@ Bhishma Kukreti 22/12/2013
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