चबोड़्या -चखन्यौर्या -भीष्म कुकरेती
(s =आधी अ = अ , क , का , की , आदि )
Copyright@ Bhishma Kukreti 11 /12/2013
[गढ़वाली हास्य -व्यंग्य, सौज सौज मा मजाक मसखरी दृष्टि से, हौंस,चबोड़,चखन्यौ, सौज सौज मा गंभीर चर्चा ,छ्वीं;- जसपुर निवासी के जाती असहिष्णुता सम्बंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; ढांगू वाले के पृथक वादी मानसिकता सम्बन्धी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;गंगासलाण वाले के भ्रष्टाचार, अनाचार, अत्याचार पर गढ़वाली हास्य व्यंग्य; लैंसडाउन तहसील वाले के धर्म सम्बन्धी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;पौड़ी गढ़वाल वाले के वर्ग संघर्ष सम्बंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; उत्तराखंडी के पर्यावरण संबंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;मध्य हिमालयी लेखक के विकास संबंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;उत्तरभारतीय लेखक के पलायन सम्बंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; मुंबई प्रवासी लेखक के सांस्कृतिक विषयों पर गढ़वाली हास्य व्यंग्य; महाराष्ट्रीय प्रवासी लेखक का सरकारी प्रशासन संबंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; भारतीय लेखक के राजनीति विषयक गढ़वाली हास्य व्यंग्य;सांस्कृतिक मुल्य ह्रास पर व्यंग्य , गरीबी समस्या पर व्यंग्य, आम आदमी की परेशानी विषय के व्यंग्य, जातीय भेदभाव विषयक गढ़वाली हास्य व्यंग्य; एशियाई लेखक द्वारा सामाजिक बिडम्बनाओं, पर्यावरण विषयों पर गढ़वाली हास्य व्यंग्य, राजनीति में परिवार वाद -वंशवाद पर गढ़वाली हास्य व्यंग्य; ग्रामीण सिंचाई विषयक गढ़वाली हास्य व्यंग्य, विज्ञान की अवहेलना संबंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य ; ढोंगी धर्म निरपरेक्ष राजनेताओं पर आक्षेप , व्यंग्य , अन्धविश्वास पर चोट करते गढ़वाली हास्य व्यंग्य श्रृंखला जारी ]
(s =आधी अ = अ , क , का , की , आदि )
जब बिटेन मि तैं अखबार बांचणो कुढब पोड़ तब बिटेन रोज पढ़णु रौं बल सरकार कड़े कदम उठालि या सरकार तैं 'कड़े कदम' उठाण चयांद। अब टीवी समाचार दिखणो ढब पड्यू च त उख बि रोज या ही बात आंद कि सरकार कड़े कदम उठाएगी या सरकार या पार्टी तैं 'कड़े कदम' उठाने चाहिए।
मुलायम सिंह बुलद बल अखिलेश सरकार तैं आतंकवाद अर धार्मिक दंगा रुकणो वास्ता 'कड़े कदम ' उठाण चयेंद। अखिलेश बुलद बल सरकार 'कड़े कदम' उठाएगी। अखिलेश तताकथित 'कड़े कदम ' उठांद बि च अर आतंकवाद आरोप मा फंस्या अल्पसंख्यकों तैं जेल से भैर करणो आदेस दे दींद पण पैल नॉन सेक्युलर पार्टी घ्याळ करदी अर पैथर न्यायालय वै सरकारी आदेस तैं गैरसंबैधानिक घोषित कौर दींद। अखिलेश सरकार का 'कड़े कदम' बेदम ह्वेक ऊखमि जाम ह्वे जांदन। बिचारा अखिलेश यादव का 'कड़े कदम ' 'ढीला कदम ' ह्वे जान्दन।
बारा तेरा साल पैल तमिल नाडु मा सामजिक सरोकारी लोगुन घ्याळ कार बल प्रदेस मा लौ ऐंड ऑर्डर सुधार का वास्ता 'कड़े कदम ' उठाण चयेंद। जय ललितान 'कड़े कदम 'उठैन अर श्रृंगी का शंकराचार्य अर अन्यों तैं एक ह्त्या का जुर्म मा बंद कौरि दे। बारा साल बाद न्यायलयन बोलि बल यी 'कड़े कदम ' नकली कदम छा।
मनमोहन सिंह जी पर भारी दबाब छौ क्या अबि बि प्रेसर च कि सरकार तैं भ्रस्टाचार रुकणो बान 'कड़े कदम' उठाण चयेंद। अब बिचारा मनमोहन जी मा द्वी ही कदम छन , एक 'ढीला कदम' अर दुसर 'कड़ा कदम ' । 'मनमोहन जी ढीला कदम' उठांदन त राहुल गांधी वै कदम तैं 'नॉन सेन्स ' कदम बोलि दींदु छौ तो भ्रस्टाचार रुकणो बान मनमोहन सिंह जीन राहुल का डौरौ बान कबि बि 'ढीला या नॉनसेंस कदम ' नि उठैंन। यीं उमर मा मनमोहन सिंह जी ज्यु मारिक , गोळी खैक 'कड़े कदम ' उठाणो कोशिस करणै सुचद बि छया तो लालू प्रसाद यादव , मुलायम सिंह यादव , मायावती , करुणा निधि, शरद पवार सरीखा सहयोगी दल अपण सहयोग का डंडा दिखांद छा कि 'सुणो ! मनमोहन जी , अगर भ्रस्टाचार रुकणो बान 'कड़े कदम ' उठैला तो हम तुमर कदम ही ना जंगड़ बि तोड़ि द्योला। " बिचारा मनमोहन सिंह जी अपण सि मुख लेक ' कड़ा कदम ' नि उठांदा छा। इलै मनमोहन सिंह जीन भ्रस्टाचार का विरुद्ध ना तो 'ढीला कदम ' उठैन ना ही 'कड़े कदम ' उठैन। मनममोहन सिंह जीक द्वारा भ्रस्टाचार का विरुद्ध क्वी बि 'कदम ' नि उठाण से क्रांतिवीर 'केजरीवाल ' पैदा ह्वे गे।
इनी मंहगाई रुकणो बात आयि। चारों तरफ से चीख पुकार , चिल्लाहट ह्वाइ कि मंहगाई रुकणो बान सरकार तैं 'कड़े कदम ' उठाण चयेंद। मंहगाई रुकणो बान 'ढीला कदम ' क्वी काम को नि छौ अर मनमोहन जी 'कड़े कदम 'उठांदा तो फ्री इकोनोमी या स्वतन्त्र आर्थिक नीति पर ढसका लग जांद तो मनमोहन जीन मंहगाई विरुद्ध 'कड़े कदम' नि उठैन। फिर मंहगाई विरुद्ध 'कड़े कदम ' उठाण से चंदा दीण वाळ चंदा दीण मा ढिलाइ करदन तो मनमोहन जीन मंहगाई विरुद्ध क्वी 'कदम ' ही नि उठाइ अर लोगुं तैं इन लगद जन बुल्यां मनमोहन जी की सरकार पर गठिया को रोग होउ कि मंहगाई विरुद्ध क्वी बि 'कदम' नि उठाणा छन। राजस्थान मा अशोक गहलौत अर दिल्ली मा शीला दीक्षित त यी सुचणा छन कि केंद्रीय सरकारन मंहगाई विरुद्ध 'कड़े 'क्या ढीला 'कदम' बि नि उठैन।
राहुल गांधी बि परेशान च बल जनतान कॉंग्रेस तैं वोट दीणो बान 'कदम ' नि उठै। दिग्विजय सिंह त बुलणु च बल बल वोटरूं तैं वोटिंग मसीन तक लाणो बान आम कॉंग्रेसी कार्यकर्ताओंन क्वी 'बड़ो कदम ' नि उठाये। अब राहुल गांधी तैं कॉंग्रेस जीत का वास्ता 'कड़े कदम ' उठाण जरुरी च। राहुल गांधीन ब्वाल बल मी अब आम आदमी पार्टी का क़दमों पर चलुल। किन्तु केजरीवालन अपण कदमों निसाण हि मिटै देन कि राहुल गांधी आम आदमी पार्टी का 'कदम चिन्ह' पर नि चौल साको। शरद पवार का मानण च बल कॉंग्रेस झोला छाप डाकटरों पास जांदी इलै इ कॉंग्रेस क्वी 'कदम ' नि उठांदी।
तेलंगाना का वास्ता कॉंग्रेसन लम्बा अर कैड़ो कदम उठै पण आंध्र प्रदेस का कॉंग्रेसी नेता ही वै कदम तैं रुकणा छन।
" 2013 का दिल्ली विधान सभा चुनावमा नरेंद्र मोदी का दिल्ली की और बढ़ते कदमों से भाजपा को अधिक फायदा नही" जन चर्चा चलणी च । दिल्ली चुनाव नतीजों का बाद भाजपा की हालात तो और बि बुरी च कि दिल्ली मा 'ढीला कदम ' उठाये जाय कि 'कड़ा कदम ' उठाये जाय। 'ढीला कदम ' से मोदी ब्रैंड तैं नुकसान ह्वे सकद अर कॉंग्रेसी या आम आदमी पार्टी का विधयकों की खरीद फरोख्त जन 'कड़े पण सुखदायी कदम ' से केजरीवाल ब्रैंड तैं ही फायदा होलु। बस दिल्ली चुनाव नतीजों से से भाजापा पर बि गठिया रोग लग गे।
उना मि तैं अपण घरवळि 'कदमो' आवाज सुण्याणि च तो 'कदम पुराण ' बंद करण पोड़णु च
Copyright@ Bhishma Kukreti 11 /12/2013
[गढ़वाली हास्य -व्यंग्य, सौज सौज मा मजाक मसखरी दृष्टि से, हौंस,चबोड़,चखन्यौ, सौज सौज मा गंभीर चर्चा ,छ्वीं;- जसपुर निवासी के जाती असहिष्णुता सम्बंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; ढांगू वाले के पृथक वादी मानसिकता सम्बन्धी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;गंगासलाण वाले के भ्रष्टाचार, अनाचार, अत्याचार पर गढ़वाली हास्य व्यंग्य; लैंसडाउन तहसील वाले के धर्म सम्बन्धी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;पौड़ी गढ़वाल वाले के वर्ग संघर्ष सम्बंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; उत्तराखंडी के पर्यावरण संबंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;मध्य हिमालयी लेखक के विकास संबंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;उत्तरभारतीय लेखक के पलायन सम्बंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; मुंबई प्रवासी लेखक के सांस्कृतिक विषयों पर गढ़वाली हास्य व्यंग्य; महाराष्ट्रीय प्रवासी लेखक का सरकारी प्रशासन संबंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; भारतीय लेखक के राजनीति विषयक गढ़वाली हास्य व्यंग्य;सांस्कृतिक मुल्य ह्रास पर व्यंग्य , गरीबी समस्या पर व्यंग्य, आम आदमी की परेशानी विषय के व्यंग्य, जातीय भेदभाव विषयक गढ़वाली हास्य व्यंग्य; एशियाई लेखक द्वारा सामाजिक बिडम्बनाओं, पर्यावरण विषयों पर गढ़वाली हास्य व्यंग्य, राजनीति में परिवार वाद -वंशवाद पर गढ़वाली हास्य व्यंग्य; ग्रामीण सिंचाई विषयक गढ़वाली हास्य व्यंग्य, विज्ञान की अवहेलना संबंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य ; ढोंगी धर्म निरपरेक्ष राजनेताओं पर आक्षेप , व्यंग्य , अन्धविश्वास पर चोट करते गढ़वाली हास्य व्यंग्य श्रृंखला जारी ]
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आपका बहुत बहुत धन्यवाद
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