चबोड़्या -चखन्यौर्या -भीष्म कुकरेती
(s =आधी अ = अ , क , का , की , आदि )
(s =आधी अ = अ , क , का , की , आदि )
वैदिन भौतुंन ब्वाल बल उत्तराखंड शिक्षा पर शिक्षा माफिया को कब्जा च सो इलै उत्तराखंड शिक्षा स्तर तौळ जाणु च।
मीन एक चार साल बिटेन बीटीसी बेरोजगार दुख्यर नौनु पूछ बल हे भै यु शिक्षा माफिया कख मीलल तो वो बेरोजगार बीटीसी नौनान रुंद रुंद ब्वाल कुज्य़ाण भैजि मि त अपण द्वी लाखौं कुण रुणु छौं । भाजापा सरकारौ टैम पर एक एजेंट तैं द्वी लाख दे छौ कि अप्वाइंटमेंट लेटर मील जालो। त वु एजेंट बुलणु च कि चूँकि अब कॉंग्रेस की सरकार बौणि गे त नै सरकारन पुरण सरकारक सबि आदेस निरस्तर करि आलीन। अब वु एजेंट अप्वाइंटमेंट लेटर कुण चार लाख मांगणु च।
मि तैं लग कि अप्वाइंटमेंट एजेंट मि तैं एज्युकेशन माफिया कु ठौर -ठिकाणो पता बतै द्यालु।
पण अप्वाइंटमेंट एजेंट रुणफती हुयुं छौ कि नै सरकार आण से वैकि मार्केट मा क्रेडिट हे खतम ह्वे गयाइ। वैन बताइ कि अब अप्वाइंटमेंट एजेंसी मा दम नी च। अप्वाइंटमेंट एजेंट सुचणु छौ कि टीचरूं ट्रान्सफर की एजेंसी लिए जावो। वैक हिसाब से टीचर ट्रांसफर मा जादा मुनाफ़ा च।
मीन स्वाच टीचर ट्रांसफर एजेंट से पूछे जावो कि शिक्षा माफिया कख मीलल।
टीचर ट्रांसफर एजेंट भौत व्यस्त छौ वैन ब्वाल बल सैत च नॉन टीचिंग स्टाफ ट्रांसफर एजेंट तैं एज्युकेशन माफिया कु पता मालुम होलु।
मि नॉन टीचिंग स्टाफ ट्रांसफर एजेंटम ग्यों तो वो भकोरिक रुणु छौ कि अब नॉन टीचिंग स्टाफ असोसिएसन खुद ही घूस ल्याली , खुद ही ट्रांसफर मा घपला कारली अर खुद ही घूस इना उना पौंछाली। एजेंट बुलणु छौ यु त सरासर एजेंटों पेट पर लात मारण ह्वाइ। अब एजेंट सुचणु छौ कि मिड डे मील विभाग को बिचौलिया बणे जावु।
मिड डे मील बिचौलिया मा ग्यों तो वो बि बुलण मिसे गे अब मिड डे मील मा घपला करण मा उथगा मुनाफ़ा नी च जथगा पाठ्य पुस्तक प्रकाशन का बिचौलिया बणन मा च अर मिड डे मील का बिचौलियान बथाइ कि सैत च एज्युकेशन माफिया पाठ्य पुस्तक प्रकाशन विभाग मा ही बैठद ह्वावो।
पाठ्य पुस्तक प्रकाशन कु विचौलिया हल्ला करणु छौ अर लाब काब बखणु छौ ," पाठ्य पुस्तक सेक्रेटरी जी ! नया मुख्य मंत्री आने का मतलब ये थोड़ा है कि तुम एजेंट या बिचौलिए भी इलाहाबाद -लखनऊ से ला जाओ। मै भी देखता हूं कि कैसे ये इलाहाबाद -लखनऊ के एजेंट देहरादून में काम करते हैं धौं ! "
चूँकि पाठ्य पुस्तक प्रकाशन बिचौलिया क्रोध मा छौ त मीन विभागीय चपड़ासी तैं पूछ ," भैजि यि शिक्षा माफिया कख बैठदन ?" चपड़ासीन एज्युकेशन माफिया पता बताणो बान द्वी सौ रुपया मांग करी । मीन द्वी सौ रुपया शिक्षा विभागौ चपड़ासी जीक क कीसा उंद डाळ त वूंन खुलासा कार -
शिक्षा माफिया एक चेतना च जो शिक्षा विभाग से लेकि स्कुलूं तक इकसार फैलीं च।
शिक्षा माफिया का ब्वे बाब क्वी नी च किलैकि जब शिक्षा विभाग का ही ब्वे बाबु क्वी नी च तो शिक्षा माफिया का ब्वे बाब कनकै ह्वे सकदन ?
ना इ शिक्षा माफिया का अपण क्वी रूप च पण विभिन्न रुपुं मा माफिया प्रतिपल जनम लीणु रौंद , जनकि -शिक्षा नीति , नकल , कोचिंग क्लास , प्रशासन मा लाफीताशाही अर भ्रस्टाचार आदि।
ना इ शिक्षा माफिया का अपण क्वी रूप च पण विभिन्न रुपुं मा माफिया प्रतिपल जनम लीणु रौंद , जनकि -शिक्षा नीति , नकल , कोचिंग क्लास , प्रशासन मा लाफीताशाही अर भ्रस्टाचार आदि।
शिक्षा माफिया लार्ड कर्जन से पैल बि छौ जब ब्राह्मण गुरुकुल मा पढ़ाइ करदा छा अर दलितों तैं वेद पाठन अर वेद श्रवण की साफ़ मनाही छे।
शिक्षा माफिया छैं च पर यु हरेक की पकड़ से भैर च किलैकि जथगा बि शिक्षा विभाग मा छन वो शिक्षा माफिया का वीर्य (ऊर्जा ) पुत्र -पुत्री छन।
शिक्षा माफिया कै बि राजनीतिक पार्टीक बंधन मा नि ऐ सकद किलैकि राजनीतिज्ञ बि शिक्षा माफिया का आत्मा का एक मुख्य अंग छन।
शिक्षा माफिया तैं सब इक तलक कि अध्यापक बि ख़तम करण चाणा छन। पण शिक्षा माफिया अब अनंत च , अपार च, असीम च , अगम्य च। , कैक समज मा इ नि आंद कि माफिया तैं कख बिटेन पकड़े जावो। फिर शिक्षा माफिया का रक्तबीजी गुण इन छन कि एक रूप खतम कारो तो शिक्षा माफिया हजारों नया रूप लेकि खड़ु ह्वे जांद।
मीन चपड़ासी जी तैं पूछ कि तुमम इथगा ज्ञान कखन आइ ?
चपड़ासी जीन बताइ कि वून पीएचडी करीं च। चूँकि नौकरी नि मील तो हाई स्कुलो सर्टिफिकेट दिखैक चपड़ासी बणी गेन।
Copyright@ Bhishma Kukreti 14/12/2013
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