चुगनेर,चबोड़्या -चखन्यौर्या -भीष्म कुकरेती
(s =आधी अ = अ , क , का , की , आदि )
(s =आधी अ = अ , क , का , की , आदि )
जब घ्याळ दा कुछ नि छा तो गढ़वाली अर प्रवास्यूं तरां घ्याळ दा बि पहाड़ी गाउँ मा घटदी खेती से उद्वेलित रौंद छा। आम गढ़वाली या प्रवासी तरां घ्याळ दा तैं बि चिंता छे कि यद्यपि पहाड़ी अनाज -दाल की भारी मांग च किन्तु पहाडूं मा रोज खेत बांज पड़ना ही छन। अब जब घ्याळ दा शिक्षा मंत्री बौण गेन त आम पहाड़ी नेतौ तरां प्रशासन, दिन मा दस मीटिंगुंमा शिरकत करण अर भाषण दीण मा व्यस्त ह्वे गेन। एक दिन वूंम बच्चों वास्ता मिड डे मील की फ़ाइल आयि अर तब पता लग कि मिड डे मील मा स्थानीय खाद्य पदार्थ कु जिकर ही नि छौ . घ्याळ दान सोचि कि यदि मिड डे मील तैं स्थानीय कृषि उत्पादन से जुड़े जावो तो कुछ ना सै तो स्कूल का आस -पास का गांउं मा द्वी चार मौ तो ग्युं -सट्टी अर दाळ उगाण शुरू कौर द्याल।
वै दिन ही शिक्षा विभाग मा व्यवस्था अर सरकारी किताबुं प्रकाशन संबंधित फ़ाइल ऐन। घ्याळ दा खौंळे गेन कि शिक्षा मंत्रालय का सबि प्रकाशन मेरठ बिटेन हूंद। जब कि उधम सिंग नगर , हरिद्वार अर देहरादून का इंडस्ट्रियल जोन मा मॉडर्न प्रेस छन जो अंतररास्ट्रीय प्रकाशन कम्पन्युं किताब छ्पदन। घ्याळ दा तैं बि इखमा उत्तराखंड उद्यम विकास की किरण नजर आयि।
चूँकि आजकल करम सिंह रावत जी छुटि पर छा तो घ्याळ दा पर ब्रिटिश रूल , अमेंडेड रूल, अलण रूल -फलण रूल कु बोझ नि छौ।
घ्याळ दान माणावाल जी तैं बुलाइ कि सबि संबंधित विभागुं कुण आदेस भेजो कि तुरंत मिड डे मील का वास्ता केवल स्कूल की पट्टी में उत्पादित अनाज -दाळ ही उपयोग होना चाहिए। घ्याळ दान दुसर आदेस भिजणो आदेस दे कि उत्तराखंड में शिक्षा विभाग का प्रकाशन का कार्य उत्तराखंड मा कार्यरत प्रेसों को ही दिया जाय। दूसरे प्रदेशों में प्रकाशन कार्य केवल विशेष तकनीकी फायदे की स्तिथि मे ही दिया जाय।
माणावाल जीन घ्याळ दा तैं कथगा इ समझाइ कि मिड डे मील यद्यपि शिक्षा विभाग का अंतर्गत आंद पण इकमा केंद्रीय सरकार , राज्य सरकार कु पब्लिक डिस्ट्रीब्यूसन विभाग आदि अन्य विभाग बि शामिल छन तो इकतरफा आदेस उचित नी च। इनी शिक्षा विभाग का प्रकाशन मा केवल शिक्षा विभाग ही सम्मलित नी च बलकण मा स्टेट परचेज डिपार्टमेंट , वित्त विभाग व ऑडिट जन विभाग शामिल छन। पण आज घ्याळ दा पर पहाड़ कृषि विकास अर उत्तराखंड उद्यम विकास कु डौंड्या नरसिंग चड्युं छौ तो घ्याळ दान माणावाल जीक नि सूण।
माणावाल जी एक घंटा का अंदर द्वी सर्कुलर लै गेन। घ्याळ दा तैं आश्चर्य ह्वे कि मिड डे मील मा अनाज -दाळ -मसाला खरीदी मा बारा अलग अलग विभाग अर तेतालीस उप विभाग सम्मलित छा। इनि शिक्षा प्रकाशन मा त्याइस विभाग अर तिहत्तर उप विभाग शामिल छा। याने कि एक किताब छपण मा तिहत्तर उप विभागुं तैं कै ना कै रूप मा क्रियाशील हूण पोड़द।
घ्याळ दान सर्कुलर मा दस्तखत करिन अर माणावाल जी तैं आदेस दे कि सर्कुलर आज ही सब जगह पौंच जाण चयेंद।
माणावाल - एस मिनिस्टर ! बट मिनिस्टर !
घ्याळ दा - क्या ?
माणावाल -एस मिनिस्टर याने आप तै सम्बोधन
माणावाल -एस मिनिस्टर याने आप तै सम्बोधन
घ्याळ -अर बट ?
माणावाल - सर ! नीतिगत विषय पर शिक्षा मुख्य सचिव की सहमति लीण आवश्यक च ।
घ्याळ दा -रावत जीन नितरसि प्रशासन का मुख्य कार्य का बारा मा क्या बोल छौ ?
माणावाल - कि प्रशाशनिक अधिकार्युं काम राजनैतिक नीतियुं पर कार्यवाही करण च ना कि नीति बणाण।
घ्याळ - तो यूं द्वी सर्कुलरुं तैं सबि विभागुंम भिजणा इंतजाम कारो। अर तीन बजे एक प्रेस कोंफेरेंस का इंतजाम बि कारो।
माणावाल -हाँ मंत्री जी ! किन्तु मंत्री जी ?
घ्याळ -प्रेस कोंफेरेंस का इंतजाम
माणावाल जी -एस मिनिस्टर।
तीन बजे प्रेस कल्ब देहरादून मा शिक्षा मंत्री की प्रेस कोंफेरेंस ह्वे। शिक्षा मंत्रीन पहाड़ी खेती सुधार -विकास का वास्ता मिड डे मील मा क्षेत्रीय -अनाज दाळ -मसालों की आवश्यकता अर अपण निर्देश अर प्रदेस मा प्रकाशन उद्योग तैं बढ़ावा दीणो बान शिक्षा विभाग का प्रकाशन उत्तराखंड मा हूण चयेंद पर व्याख्यान ही नि दे अपण आदेस की भी बात कार। घ्याळ दाक हिसाब से प्रेस कॉन्फ्रेंस सफल छे। पत्रकारुं हिसाब से कोंफेरेंस बेकार टैम पर छे। रात हूंद त दारु -सारु बि चल जांद।
खैर चूंकि हिंदी टीवी चैनेलों मा तीन बजी से सात बजी तक कुछ ख़ास विषय नि होंदन त द्वी चैनेलूंन ब्रेकिंग न्यूज मा बोलि दे कि उत्तराखंड में उद्योग विकास अर कृषि विकास हेतु शिक्षा विभाग की पहल! अर देखा देखि पांच छै चैनलूंन बि इनि न्यूज तैं ब्रेकिंग न्यूज बणै दे।
अर सात बजी आंद आंद उत्तरप्रदेश -उत्तराखंड संबंधित चैनेलुँ मा या न्यूज मुख्य न्यूज बणी गे।
आठ बजी सबि क्षेत्रीय अर रास्ट्रीय समाचार चैनेलों मा ब्रेकिंग न्यूज आयि कि उत्तर प्रदेस की दो मुख्य पार्टियों कुसपा अर कैकुसपा द्वारा केंद्रीय सरकार को समर्थन न देने का ऐलान और शायद कल कुसपा के कठोर सिंह और कैकुसपा की भानुमति महामहिम रास्ट्रपति से मिल सकते हैं।
नौ बजे घ्याळ दा घौर पौंछिन। आज अपण निर्णय से घ्याळ दा अति खुस छौ । दगड़मा घ्याळ दा और बि खुश छा कि टीवी चैनेलों मा उत्तराखंड का समाचार ऐ।
साढ़े नौ बजि , घ्याळ दान पैलो गफा डाळि इ छौ कि मुख्यमंत्री क ऑफिस बिटेन मुख्यमंत्रीक फोन आयि , " घ्याळ जी ! यी क्या च ? तुमर कारण दिल्ली मा हमर पार्टीक सरकार खतरा मा ऐ गे। तुम तुरंत म्यार कार्यालय पंहुचो। "
** कल पढ़ें कि घ्याळ दा के निर्णय से दिल्ली सरकार क्यों खतरे में पड़ी ?
Copyright@ Bhishma Kukreti 27/12/2013
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