उत्तराखंड परिपेक्ष में पर्यटन स्थल प्रबंधन सिद्धांत भाग -3
Destination Management in Context of Uttarakhand Tourism Development Part -3 t
उत्तराखंड में पर्यटन व आतिथ्य विपणन प्रबंधन -भाग 23
लेखक : भीष्म कुकरेती
(विपणन व विक्री प्रबंधन विशेषज्ञ )
Destination Management in Context of Uttarakhand Tourism Development Part -3 t
(Tourism and Hospitality Marketing Management for Garhwal, Kumaon and Hardwar series--23 )
(विपणन व विक्री प्रबंधन विशेषज्ञ )
किसी भी पर्यटक स्थल में मुख्य रूप से तीन कारणो से पर्यटक आकर्षित होते हैं -
१- भौगोलिक कारणो से
२-ज्ञान के कारणो से
३- कला के कारणो से
जल, पृथ्वी व आकाश की विशेषताओं के कारण पर्यटक स्थल पर्यटकों को आकर्षित करते हैं। जिअसे उत्तराखंड का प्रत्येक क्षेत्र प्रत्येक गाँव भी अपनी अभिन्न विषेशताओं के कारण पर्यटक स्थल बन सकता है। नैनीताल , पौड़ी , मसूरी , लैंसडाउन अपने भौगोलिक कारणो से ही पर्यटक स्थल बने या बनाये गए।
भौगोलिक अथवा अन्य कारणो से पर्यटक स्थल को ज्ञान संसाधन सहायता देते हैं। अथवा ज्ञान वितरण की सेवा स्वयमेव पर्यटक स्थल बन जाता है। जैसे मल्ला ढांगू , पौड़ी गढ़वाल में सिलोगी एक निर्जन स्थान था। किन्तु 1923 में मिडल स्कूल खुलने से सिलोगी एक पर्यटक स्थल में भी परिवर्तित हो गया। इसी प्रकार देहरादून में डीएवी स्कूल , दून स्कूल ने देहरादून को पर्यटन स्थान बनाने में एक विशेष भूमिका प्रदान की।
ज्ञान की परिभाषा - कोई भी वह कार्य जो बिना व्यवधान के वाणी द्वारा सम्पन हो वह ज्ञान कहलाता है।
ज्ञान असंख्य हैं किन्तु मुख्य ज्ञान इस प्रकार हैं
मानसिक अशांति व शान्ति ज्ञान
वभिन्न वृति, व्यवहार ज्ञान
विभिन्न धार्मिक कर्मकांड ज्ञान
भौतिक ज्ञान, रसायन , जीव , भूगर्भ ज्ञान व बिज्ञान
ब्रह्माण्ड ज्ञान
ब्रह्माण्ड ज्ञान
संगीत ज्ञान
चिकित्सा व शरीर ज्ञान
युद्ध विज्ञान
मंत्र व तंत्र विज्ञान
नृत्य ज्ञान
स्थापत्य , शस्त्र व यंत्रादि ज्ञान -विज्ञान
शिक्षा ज्ञान
व्याकरण ज्ञान
धार्मिक , सामजिक , सांस्कृतिक , भौगोलिक विधि विधान ज्ञान
उक्तियों का ज्ञान
ज्योतिष ज्ञान
छंद विज्ञानं
वैशिषिकी ज्ञान
तर्क ज्ञान
संख्या योग विज्ञानं
योग विज्ञानं
इतिहास
पुराण व लोक साहित्य
आस्तिक व नास्तिक मत विज्ञान
अर्थ शास्त्र व वाणिज्य
कामशास्त्र
शिल्पशास्त्र
अलंकार शास्त्र (गहने , मेक अप व सौंदर्यीकरण )
काव्य याने साहित्य , फ़िल्में, सांस्कृतिक कार्यक्रम , नाटक आदि
देश भाषा
अवसरानुकूल कथन
वभिन्न धार्मिक मतों का ज्ञान
सामयिक संवैधानिक शास्त्र
अन्य ज्ञान
Contact ID bckukreti@gmail.com
Tourism and Hospitality Marketing Management for Garhwal, Kumaon and Hardwar series to be continued ...
उत्तराखंड में पर्यटन व आतिथ्य विपणन प्रबंधन श्रृंखला जारी …
1 -भीष्म कुकरेती, 2006 -2007 , उत्तरांचल में पर्यटन विपणन परिकल्पना ,शैलवाणी (150 अंकों में ) , कोटद्वारा , गढ़वाल
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