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उत्तराखंडी ई-पत्रिका

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Monday, December 16, 2013

स्थानीय समुदाय या समाज का पर्यटन विकास में भूमिका व योगदान

Role of Local Community for Tourism Development 
         (Tourism and Hospitality Marketing Management for Garhwal, Kumaon and Hardwar series--16  )

                                          उत्तराखंड में पर्यटन व आतिथ्य विपणन प्रबंधन -भाग 16 
                                                       लेखक : भीष्म कुकरेती                              
                                                    (विपणन व विक्री प्रबंधन विशेषज्ञ )
पर्यटन उद्यम में सरकार , गैरसरकारी संस्थान (NGO ), निजी व्यवसायी व स्थानीय समाज भागीदार होते हैं। 
स्थानीय समाज / जन समुदाय का पर्यटन विकास  व पर्यटन -आथित्य प्रबंधन में एक महत्वपूर्ण भूमिका व योगदान होता है। स्थानीय जन समुदाय का अधिकार भी होता है कि उसे पर्यटन से अधिकतम लाभ मिले।
                        स्थानीय समुदाय का योजना व निर्णय में भागीदारी

कई पर्यटन योजनाओं , योजनाओं के प्रारूप स्थापित करने , योजनाओं के लिए रणनीति बनाने व उन योजनाओं को कार्वानित करने एवं कई जगह निर्णय में भागीदारी व बहुत सी जगह निर्णय लेने की भूमिका निभानी होती है। 
स्थानीय जनसमुदाय पर्यटन स्थल चुनाव में भी भूमिका निभाता है। 
पर्यटन के दूरगामी विकास के लिए स्थानीय जनता को सक्रीय भागीदारी निभानी होती है। 
पर्यटन विकास हेतु निर्णयों से पहले सरकार को अवश्य ही स्थानीय जनता से विचार विमर्श करना चाहिए। 
जहां जहां आवश्यक है सरकार को स्थानीय जनता को भागीदार बनाना चाहिए।
सरकार को ऐसे प्रवाधान करने चाहिए कि स्थानीय लोग पर्यटन संसधान जुटाकर पर्यटन उद्यम में निवेश करें। 
जहां जहां स्थानीय उद्यमियों को आवशयक हो वहाँ सरकार को ऋण का प्रबंध करना चाहिए जिससे कि स्थानीय समुदाय पर्यटन उद्यम में व्यापारी बन सके। 
स्थानीय जनता को पर्यटन उद्यम व्यापारी बनने के लिए सतत पर्यटन करना चाहिए। 
पर्यटन उद्यम में स्थानीय जनता को अधिक से अधिक नौकरियां , काम या ठेकेदारी मिलनी चाहिए। 
स्थानीय जन समुदाय सलाहकार का कार्य भी देखते हैं। 
कई  तरह के अन्वेषणों में स्थानीय समुदाय भागीदारी निभाता है। 
स्थानीय संसाधनो व साधनो के प्रयोग व उपयोग में स्थानीय जनता भागीदारी निभाती है। 
पर्यटन से लाभ में कितनी भागीदारी होनी चाहिए जैसे विषयों पर स्थानीय जनता की राय देती है व भागीदारी निभाती है। 
टैक्सेसन आदि के निर्णय में भी स्थानीय समुदाय भागिदार होता है। 
पर्यटन उद्यम के लिए आवश्यक मानव संसाधन प्रशिक्षण में सम्म्लित होना व भागीदारी निभाना भी स्थानीय समुदायों के मुख्य उत्तरदायित्य हैं। 

                       स्थानीय सांस्कृतिक धरोहर से पर्यटन विकास 
स्थानीय जन समुदाय अपनी सांस्कृतिक , धार्मिक -आध्यात्मिक धरोहर से पर्यटन विकास में भागीदारी निभाता है।

                पर्यटकों के लिए सुविधा -साधन निर्माण व वास्तु प्रबंधन 
 स्थानीय जनता पर्यटकों की सुविधाओं  के लिए कई तरह कि वस्तुएं निर्मित करती है या उगाती है अथवा इंतजाम करती है। स्थान के आंतरिक संसाधनों का उपयोग हो इसके लिए स्थानीय जनता भागीदार बनती है।
           स्थानीय जनता का पर्यटन विपणन व सूचना प्रसारण में भागीदारी 
स्थानीय समुदाय पर्यटन उद्यम के लिए विपणन व प्रचार -प्रसार में माध्यम का भी काम करता है।
                         विशेष कार्य 
कुछ विशेष कार्य केवल स्थानीय लोगों के द्वारा ही संभव  है जैसे पौड़ी गढ़वाल जिले के कटघर (तल्ला ढांगू ) , देवीखेत (डबरालस्यूं ) , थलनदी (उदयपुर ), डाडामंडी (शीला ) में गेंद  मेलाओं द्वारा पर्यटन विकास में स्थानीय खिलाड़ी विशेष कार्य करते हैं 


                 संस्थानों का पबंधन 
 स्थानीय जनता कई संस्थानो का प्रबंधन भी करता है।  जैसे कई मंदिरों का प्रबंधन स्थानीय लोग ही करते हैं।

                        पर्यावरण आदि की सुरक्षा में जुम्मेवारी 
 स्थानीय जनता पर्यटक स्थल के पर्यावरण, सामजिक , सांस्कृतिक , भौगोलिक मूल्यों जैसे मुद्दे के रक्षण की जुम्मेवारी निभाती है।
                क़ानून और अन्य संबैधानिक नियमो के परिपालन में भागीदारी 
पर्यटन में कई तरह के कानूनों , नियमो का पालन आवश्यक होते हैं।  स्थानीय जनता नियमों के पालन ही नही करती अपितु यह भी देखती है कि कंही भी क़ानून नियमों का उललंघन ना हो।
  स्थानीय जन समूहों को कई अन्य कार्य व उत्तरदायित्व भी होते हैं जो पर्यटन उद्यम विकास के लिए आवश्यक होते हैं जैसे आयात -निर्यात , वितरण वयवस्था , स्थानीय स्वायत संस्थाओं का परिसंचालन आदि। 

स्थानीय जन मानस का एक ही उद्येस्य होता है कि स्थानीय पर्यटन दृढ़ता पूर्वक विकास करे। 


Copyright @ Bhishma Kukreti 14 /12/2013 
Contact ID bckukreti@gmail.com 
Tourism and Hospitality Marketing Management for Garhwal, Kumaon and Hardwar series to be continued ...

उत्तराखंड में पर्यटन व आतिथ्य विपणन प्रबंधन श्रृंखला जारी …

                                    References

1 -भीष्म कुकरेती, 2006  -2007  , उत्तरांचल में  पर्यटन विपणन परिकल्पना , शैलवाणी (150  अंकों में ) , कोटद्वारा , गढ़वाल 



Role of Local Community in Tourism and Hospitality Development in Uttarakhand; Role of Local Community in Tourism and Hospitality Development in Pithoragarh Kumaon, Uttarakhand; Role of Local Community in Tourism and Hospitality Development in Bageshwar Kumaon, Uttarakhand; Role of Local Community in Tourism and Hospitality Development in Champawat Kumaon, Uttarakhand; Role of Local Community in Tourism and Hospitality Development in Almora Kumaon, Uttarakhand; Role of Local Community in Tourism and Hospitality Development in Nainital Kumaon, Uttarakhand; Role of Local Community in Tourism and Hospitality Development in Udham Singh Nagar Kumaon, Uttarakhand; Role of Local Community in Tourism and Hospitality Development in  Malla Dhangu Garhwal , Uttarakhand; Role of Local Community in Tourism and Hospitality Development in  Gangasalan Garhwal , Uttarakhand; Role of Local Community in Tourism and Hospitality Development in  Pauri Garhwal , Uttarakhand; Role of Local Community in Tourism and Hospitality Development in  Chamoli Garhwal , Uttarakhand; Role of Local Community in Tourism and Hospitality Development in Rudraprayag Garhwal , Uttarakhand; Role of Local Community in Tourism and Hospitality Development in  Tehri Garhwal , Uttarakhand; Role of Local Community in Tourism and Hospitality Development in  Uttarkashi Garhwal , Uttarakhand; Role of Local Community in Tourism and Hospitality Development in  Dehradun Garhwal , Uttarakhand; Role of Local Community in Tourism and Hospitality Development in  Haridwar , Uttarakhand; Role of Local Community in Tourism and Hospitality Development in   Uttarakhand, North India;

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