चबोड़्या -चखन्यौर्या -भीष्म कुकरेती
(s =आधी अ = अ , क , का , की , आदि )
(s =आधी अ = अ , क , का , की , आदि )
जब घ्याळ दाक चुनाव जितणो समाचार चुनाव क्षेत्र मा फ़ैल त मिश्रित प्रतिक्रया छे पण फिर बि ख़ुशी जादा छे। आश्चर्य यु छौ कि भूतपूर्व विधायक कनकै हारी गे। सब्युंन बोली बल साफ़ च कि वोटरूंन दारु भूतपूर्व विधयाक की घटकायी अर वोट घ्याळ दा तैं देकि आइ गेन। एकान त इक़ तलक ब्वाल बल पैल नेताओं क्वी दीन इमान नि छौ अब वोटरूं क्वी दीन इमान नि रै गे। यदि विश्वामित्र तैं मेनका जन अप्सरा नि भरमाइ साक अर वोटरूं तैं दारु नि लुभाइ साक तो समजि ल्यावो कि चुनाव मा इनकम्बेन्सी फैक्टर ही सबसे बड़ो फैक्टर च। चुनावुं रिजल्ट आण पर सयाणा अर जणगरा चुनाव जीतण वाळै बात कम करदन चुनाव हारण वाळै बात जादा करदन किलै कि जितण वाळ त पक्वड़ बणाण मा व्यस्त ह्वे जांद तो विश्लेषण हार का अथवा हरण वाळक ही होंद। आज बि अकबर किलै जीत का विश्लेषण नि होंद बल्कणम विश्लेषण हूंद कि राणा प्रताप किलै हार। जीत का क्वी विशेष कारण नि दिख्यांदन पण हार का कारण सैन्दिस्टि दिख्याणा रौंदन तो सब हर्युं मनिख का विश्लेषण जादा करदन अर पक्वड़ खाणा जितण वाळक ख्वाळ जांदन।
जब तलक राज्य मंत्री मंडल कु शपथ ग्रहण नि ह्वे छौ तब तलक घ्याळ दाकि वाह वाही हूणी छे। सम्भावनाउं मा लोगुं तै जादा रस आंद। जब तलक ब्वारि स्वील नि ह्वावो तब तलक सासु रगर्याणि रौंदी अर जनि नातण की खबर मिलदी बुडड़ी मुखान कुशब्द आंदन - मुक़दानौ बाछि ह्वे ग्ये । ऊनि घ्याळ दाक चुनाव क्षेत्र मा बि ह्वाइ जनि सूचना आइ कि घ्याळ दा मंत्री बणना छन कि पार्टी का मुख्य मुख्य कार्यकर्ताउंन असीमित आशा मा स्वाळ -पक्वड़ बणाणो बान तेल की कढ़ाई चुलु मा चढ़ाई आल छौ पण जनि सूचना मील कि घ्याळ दा शिक्षा मंत्री बणि गेन त सबि कायर्कर्ताउंन आग बुजै दे।
क्षेत्र माँ खुसी शुरू ह्वे कि घ्याळ दा मंत्री बौण गेन पर मातम बि शुरू ह्वे गे कि घ्याळ दा शिक्षा मंत्री बणिन। बात बि सै च बच्चा होणै खुसी की खबर का बाद जब पता चलदो कि बच्चा ना तो नौनु च अर ना ही नौनी च पर तिसरो ही क्वी चीज च तो परिवार मा शोकलहर ही आलि ।
पार्टी का कार्यकर्ता सुचणा छा कि घ्याळ दा सार्वजानिक कार्य विभाग मंत्री बणदा तो कथगा कामुं ठेकेदारी पक्की छे। घ्याळ दा मनरेगा , जनरेगा , उनरेगा , तनरेगा, जलरेगा , जंगलरेगा का मंत्री बणदा तो कार्यकर्ता घपलों की बिठगी लगांदा। घ्याळ दा गृह मंत्री बणदा तो अपराध्युं तैं छुड़ांदा अर देहरादून मा कोठी लगांदा। पण घ्याळ दाक शिक्षा मंत्री बणन मा कार्यकर्ताओं तै अपण भविष्य अंधकारमय दिख्याण मिसे गे।
आम जनता बि शिक्षा तैं एक आवश्यक बीमारी ही माणदी तो आम जनता मा बि तकरीबन शोक की ही स्तिथि छे। लोगुं मा विकास की छवि माने सड़क , नळ या बिजली का खंबा। शिक्षा विकास सेतु ह्वे सकद यां पर सुचणो जनता मा समय नी च।
हां घ्याळ दाक चुनाव क्षेत्र की जनता एक प्रश्न अवश्य आयि कि कांडो गदन मा सात साल पैल आइटीआइ भवन अद्धा बौण छौ वो भवन पूरो ह्वाल कि या जो डेढ़ साल पैल रगड़ -बगड़ गदन मा साइन्स कॉलेज को भवन शुरू ह्वे छौ वैको काम पूरो ह्वाल ?
सात साल पैल जब ये चुनाव क्षेत्र की जनतान अपण विधायक पर कुछ करणो भरी दबाब बणाइ तो विधायक जी आइटीआइ का परमिट लेकि ऐ गेन। सन बावन मा लोकसभा अर विधान सभा चुनाव बगत भक्तदर्शन जीन बि ये क्षेत्र वाळु तैं आश्वासन दे छौ कि जगमोहन सिंह जी तै चुनाव जितण द्यावा इख आइटीआइ खुलल। सतावन अठावन साल बाद ही सही क्षेत्र का वास्ता आइटीआइ खुलणो परमिसन ऐ गे।
आइटीआइ स्कूल का वास्ता भवन शिलान्यास का कार्यकर्म मा विधायक जीन अफिक अफु तै 'इंजीनियर पुरुष 'की उपाधि दे दे। चुनाव आंद आंद तक आइटीआइ भवन चार साढ़े चार फुट उच्चु बौणि गे। चुनाव टैम पर 'इंजीनियर पुरुष' जीन सरा जनता तै बताइ कि अब क्षेत्र की सब समस्या दूर ह्वे गेन किलैकि जनि आइटीआइ मा पढ़ै शुरू ह्वेलि कि क्षेत्र की बदहाली खतम ह्वे जाली। पण बेरहम जनतान 'इंजिनियर पुरुष ' का स्क्रू ढीला करि देन अर विधायक जी चुनाव हारी गेन। राज्य मा बि 'इंजीनियर पुरुष' की पार्टी चुनाव हारी गे। अब चूंकि कांडो गदन मा 'आइटीआइ ' खुलद तो लोगुन बुलण छौ कि 'इंजिनियर पुरुष ' की बदौलत ही आइटीआइ खुल तो पिछली सरकारन ( ज्वा इंजीनियर पुरुष की विरोधी पार्टी की छे ) आइटीआइ भवन को काम इलै रोकि कि चूंकि आइटीआइ खुलण से कांडा गदन का किनगोड़ा क बुट्या नष्ट ह्वे जाला तो पर्यावरण सुरक्षा की दृष्टि से इक आइटीआइ भवन निर्माण नि बौण सकद। अर सरकार तो छोडो 'इंजीनियर पुरुष ' अर जनता बि बिसरि गे कि कांडो गदन मा कबि आइटीआइ शिल्यानास का बगत वा उख ढोल -दमौ की आवाज मा लोग नाची छ।
आइटीआइ स्कूल का वास्ता भवन शिलान्यास का कार्यकर्म मा विधायक जीन अफिक अफु तै 'इंजीनियर पुरुष 'की उपाधि दे दे। चुनाव आंद आंद तक आइटीआइ भवन चार साढ़े चार फुट उच्चु बौणि गे। चुनाव टैम पर 'इंजीनियर पुरुष' जीन सरा जनता तै बताइ कि अब क्षेत्र की सब समस्या दूर ह्वे गेन किलैकि जनि आइटीआइ मा पढ़ै शुरू ह्वेलि कि क्षेत्र की बदहाली खतम ह्वे जाली। पण बेरहम जनतान 'इंजिनियर पुरुष ' का स्क्रू ढीला करि देन अर विधायक जी चुनाव हारी गेन। राज्य मा बि 'इंजीनियर पुरुष' की पार्टी चुनाव हारी गे। अब चूंकि कांडो गदन मा 'आइटीआइ ' खुलद तो लोगुन बुलण छौ कि 'इंजिनियर पुरुष ' की बदौलत ही आइटीआइ खुल तो पिछली सरकारन ( ज्वा इंजीनियर पुरुष की विरोधी पार्टी की छे ) आइटीआइ भवन को काम इलै रोकि कि चूंकि आइटीआइ खुलण से कांडा गदन का किनगोड़ा क बुट्या नष्ट ह्वे जाला तो पर्यावरण सुरक्षा की दृष्टि से इक आइटीआइ भवन निर्माण नि बौण सकद। अर सरकार तो छोडो 'इंजीनियर पुरुष ' अर जनता बि बिसरि गे कि कांडो गदन मा कबि आइटीआइ शिल्यानास का बगत वा उख ढोल -दमौ की आवाज मा लोग नाची छ।
फिर जनतान पिछ्ला विधायक पर दबाब बणाइ कि भै कुछ विकास कारो। तीन साल तक विधायक जी दबाब सौणा रैन पण जब प्रेसर भौत ह्वे गे अर ऊं तैं बि लग कि जनता तैं क्वी खिल्वणि नि पकड़ाल तो ऊँन चुनाव हारि जाण तो वो क्षेत्र का वास्ता साइन्स कॉलेज का अलगजा लेक ऐ गेन। रगड़ -बगड़ गदन मा साइन्स कॉलेज को शिलान्यास ह्वे अर विधायक जीन अफु तैं अफिक ''विज्ञान पुरुष 'की उपाधि दे द्याइ। चुनाव आंद आंद साइन्स कॉलेज भवन डेढ़ फ़ूट उच्चु ही बौण साक। अर ये चुनाव मा 'विज्ञान पुरुष ' हारि गेन उनि जन राज्य मा विज्ञान पुरुष ' की पार्टी बि चुनाव हारि ।
सब तैं पता च कि चूंकि घ्याळ दा की पार्टी की सरकार वो सब निर्माण कार्य बंद करी द्याली जो पिछली सरकारन शुरू कार छौ तो साइन्स कॉलेज अब क्षेत्र मा कतै नि खुल सकुद। पिछ्ला दस सालुं मा उत्तराखंड मा इनि हूणु च कि भाजापा ज्वा योजना शुरू करद कॉंग्रेस सरकार वीं योजना तैं बंद कौरि दींद। कॉंग्रेस सरकार जैं योजना तैं शुरू करद भाजपा सरकार वीं योजना की फ़ाइल ही बंद कौर दींदी।
घ्याळ दा अब शिक्षा मंत्री बौण गेन तो बहस का मुद्दा या च कि क्या घ्याळ दा आइटीआइ योजना तैं पुनर्जीवित कारल ? जख तलक घ्याळ दाकी पार्टीक क्षेत्र मा सवाल च अब 'इंजीनियर पुरुष ' अडवाणी जन अप्रसांगिक स्थिति मा छन अर अब पार्टी वाळ उँमा आशीर्वाद लीणो बि नि जांदन। गूणी दा आइटीआइ का सख्त विरोधी छन वूंक हिसाब से आइटीआइ की जगह पॉलीटेक्निकल स्कूल खुलण चयेंद छौ अर स्याळ दा गूणी बाडा का जनम जात विरोधी ह्वाई तो स्याळ दान गूणी दा तैं नीचा दिखाणो बान आइटीआइ खुलणो समर्थन करण पण कुरस्यळ काका बि आइटीआइ का घोर समर्थक च तो स्याळ दान कुरस्यळ काकाक विरोध मा आइटीआइ का बि विरोध करण। फिर क्वी बि नेता चाहे गूणी बाडा ह्वावो या स्याळ दा ह्वावो या ह्वावो कुरस्यळ काका क्वी बि इन नि चालो कि जनता 'इंजिनियर पुरुष 'तै याद करण बिसे जावो , किलैकि इंजीनियर पुरुष कु नौनु अब राजनीति मा आण लैक ह्वे गे। याने कि आइटीआइ कु अधा चिण्युं भवनन क्षेत्रीय राजनीति मा कुछ ना कुछ खदर -बदर त अवश्य लाणी च ।
घ्याळ दाको शिक्षा मंत्री बणणो बाद जनता मा छ्वीं आइटीआइ भवन की चलणी छे ना कि घ्याळ दाकी।
गूणी बाडा , कुरस्यळ काका अर स्याळ दा कुण घ्याळ दाको विधयाक पद जितण खुसी की बात त नि छे परन्तु पार्टी जीती गे यामा खुस हूणी छौ । पण घ्याळ दाक शिक्षा मंत्री बणणो मतलब च अब इ तिनि दस साल तलक विधायक का वास्ता अप्रसांगिक ह्वे जाला। याने कि अबि से कुछ करण तिन्युं कुण एक आवश्यकता ह्वे गे। देहरादून शिक्षा मंत्री तैं बधाई दीणो बहाना करणों अर ह्वे साक तो कै छ्वट -मुट निगम की चेयरमैनशिप या सदस्य बणणो कामना से तिनि देहरादून का वास्ता रवाना ह्वे गेन।
एक बात हैंकि छे तिनि जाणदा बि छन कि यदि घ्याळ दा की छवि भली बणी गे तो यि लोग कबि बि यीं पार्टी से विधायक नि बौण सकदन।
Copyright@ Bhishma Kukreti 21/12/2013
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