चबोड़्या , चखन्यौर्या , घपरोळया ::: भीष्म कुकरेती
गढ़वळि मा एक कैपणि बोल (मुवारा ) च बल - घुसे घुसेक स्वार अर धुये -धुयेक ग्वार नि बणदन। बात बि सै च ठाकुर रामपाल सिंग अर पंडित रामप्रसाद जीक कूड़ लग्या-बगी बि ह्वावन अर द्वी दगड़ि एकी बुझीं बीड़ी पर कथगा बि सोड़ मारन , द्वी एकि गिलासड़ि से दारु घटकावन अर द्वी एकि पंडित से एकि चौकल माऊँ , न , म , सि , ढिंग सीखन बि तो बि दुयुंन स्वार नि बण सकण अर द्वी एक हैंकाक रिस्तेदारूं मरण पर मुंडे नि सकदन।
पर फेसबुक मा इन नी च। पौड़ी गढ़वाल ग्रुप का सदस्य हूण से मि भीष्म कुकरेती , खुशाल सिंग रावत अर जय लाल टम्टा एकी थोक का छंवां।
ऑफ़लाइन मा एक संस्था का सदस्य बणन से सदस्य स्वार -भार नि बण सकदन पर फेसबुक मा कौथिग या बुरांश ग्रुप का सदस्य बणो ना कि तुम फेसबुकिया स्वार -भार ह्वे जाँदा। join बटन आप तैं हैंकाक स्वार बणै दींदु।
अपण संसार मा हमर ख़ास दगड्या , दोस्त या फ्रेंड तीन से अधिक नि ह्वे सकदन अर सात से अधिक दगड़्यों नाम हम तै याद नि रै सकुद पर फेसबुक या अन्य सोसल मीडिया मा हमारी कामना हूंद कि एकि दिन मा हम 5000 दगड्या बणै दिवां धौं अर फिर 5000 I फिर 5000 II दगड़्यों की लाइन लगवां ! अपण संसार मा हम सात से अधिक दगड़्यों तैं सहन नि कर सकदां तो फेसबुक मा दगड़्यों भूका -चूका ह्वे जांदवां।
हम अपण संसार मा कबि इन नि बुल्दां कि प्लीज मि तैं अपण गळकंठ्या दगड्या बणाओ। पर फेसबुक मा या अन्य सोसल मीडिया मा हम सीधा प्रार्थना करदवां कि मि तैं कनि करिक बि फ्रेंड बणा दे।
हम अपण संसार मा बगैर जण्या -पछण्या दोस्त नि बणदां किंतु फेसबुक मा पैल फ्रेंड बणदा अर फिर पुछदा कि ये भै तू कै गांवक छे , कै जिला कु छे अर सचमुच मा तू छैं बि छे कि ना ? मी बहुत सा कुकरेत्युं फ्रेंड बौण अर अब रोज कै ना कै कुकरेती फेसबुक्या फ्रेंड तैं पुछणु रौंद कि भाई साहब आप कै गांवक छे। हद त तब हूंद जब मि अपण हि गांवक कै जखमोला , बहुगुणा, नेगी या कुकरेती से जसपुर भ्रातृ मंडल फेसबुक ग्रुप मा जुड़द अर पुछद कि तू कु छे अर पता चलद कि उ फ्रेंड ना म्यर नाती , भाई या काका च तो बड़ी शरम लगद कि यदि मि यूँ बीस सालुं मा गाँव जांदु त अपण गांवक नौनी तैं फेसबुक मा इन नि पुछद कि त्यार बुबा जीक नाम क्या च ?
इंटरनेट मा अजाण तैं हम फ्रेंड बणौदा अर भौं भौं का तिकड़म मि करदा। म्यार अंग्रेजी मा नाम च -Bhishma kukreti अर कमला , विमला का तरां मि तैं कति छ्वारा -बुड्या जनानी समझदन अर चैटिंग मा कथगा इ इना -ऊना कि छ्वीं लगै दींदन। एक छ्वारा या बुड्यान मि तैं फेसबुक चैट मा पकड़ी दे (हालांकि मि चैट पसंद ही नि करदो ) अर पैल हाउ आर यू आदि से चैट शुरू कार अर फिर पूछ आप इतनी परेशान क्यों रहती हैं ? तो मीन जबाब दे कि शादी से पैल त्यार बुबाक दगड़ प्यार छौ अर वैन धोका दे तो मि तब से परेशान छौं। तब वैक समज मा आइ कि मि मिस ना मिस्टर छौं। वैदिन ही वैन मि तैं फ्रेंडशिप से अनरजिस्टर करी दे।
इनि बहुत सा मजनू मि तैं जनानी समझिक चैट से रिझाणो कोशिस करदन अर जब मि बुल्दु कि ये नर्भागी जरा मेरी प्रोफाइल मा जैक पता त लगा कि मि क्या छौं तो फेसबुक्या फ्लर्टर की नानी बूड़नानि मरि जांदी।
फेसबुक का दगड्या अधिकतर झूठा ही हून्दन। हमर एक ग्रुप च we are kukreti . एक दें ग्रुप ऐडमिनिस्ट्रेटर तैं जोश आई कि जरा दिल्ली मा कुकरेती लघु सम्मेलन करे जाव। फेसबुक मा सबि 200 -250 सदस्योंन हाँ भरी दे कि हम सम्मेलन मा आणो कोशिस करला। जब मीटिंग ह्वे तो कुल मिलमिलैक दस बि नि ऐन। असल मा अपण असली संसार मा हम एक दुसराकी मुखाकी इज्जत करदां तो काम करदां पर इंटरनेट मा हम बेशरम टाइप से व्यवहार करदां।
फेसबुक या सरा इंटरनेट वास्तव मा एक अति सशक्त, तेज , अप्रमित सूचना माध्यम च तो फेसबुक्या फ्रेंड उ काम नि कर सकदन जु हम अपण संसार मा कर सकदवां। मि बीमार होलु तो फेसबुक मा Get well soon का रैबार त सैकड़ों ऐ जाल किन्तु मि तैं दिखणो तो असली संसार का ही दगड्या आला कि ना ? म्यार नौनो ब्यावक सुचना पर वधाई संदेश त ऐ जाल पर ब्यौ नाचणो वास्ता त हाड मांश का दोस्त या रिस्तेदार ही चयेंदन कि ना ?
अपण संसार तो अपण असली संसार च पर हम वर्चुअल संसार तैं बि असली संसार समजिक क्या से क्या करणा रौंदा। झूठ बुलणु छौं क्या माई डियर फ्रेंड ?
Copyright@ Bhishma Kukreti 9 /11 /2014
*लेख की घटनाएँ , स्थान व नाम काल्पनिक हैं । लेख में कथाएँ , चरित्र , स्थान केवल व्यंग्य रचने हेतु उपयोग किये गए हैं।
*लेख की घटनाएँ , स्थान व नाम काल्पनिक हैं । लेख में कथाएँ , चरित्र , स्थान केवल व्यंग्य रचने हेतु उपयोग किये गए हैं।
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