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उत्तराखंडी ई-पत्रिका

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Friday, November 21, 2014

हमर गां पिट्यांद च , पित्यान्द च , गां मा प्रधान जि च!

चखन्यौर्या , चबोड़्या , गंवड्या ::: भीष्म कुकरेती 
भारत की आत्मा गांवुं मा बसदि , हमर बि गाँव च , हमर गांवक नाम जिन्दानगर च । 
अब स्मार्ट सिटीज की छ्वीं लगणा छन , स्मार्ट टाउनशिप  कु बोलबाला च , हम तैं कत्तै  बि घमंड नी च बल हमर गाँ स्मार्ट विलेज नी च
हमर गां की हद्द च ,  हद्द या च  कि हम हद्द पर नि रौण चांदा , हम शहरूं मा रौण चांदा। 
हमर गां मा डाळ बूट छन , थोड़ा भौत सग्वड़म  फसल च , हमर इख क्वी पर्यावरणवादी नी च पर लैन्टीना घास खूब च। 
हमर इख कुछ गौड़ छन , द्वी चार बाछी छन , हमर इख हळया  क्वी नी च इलै बौड़ एक बि नी च । गौंकि जवान ब्वारी बच्चा पढ़ाणो कोटद्वार -ऋषिकेश रौंदन तो हमर गाँवन बीस साल से भैस नि देखि। 
हिमालयी गाँ हूण से  हमर इख सब्युँमा कंबळ  छन , सब्युंमा ऊनि कपड़ा छन , हमर गां मा ढिबर -बखर क्वी नि पाळदु। 
हमर गां से भैर जंगळ छन , जंगळु मा जंगळी जानवर रौंदन , गूणी , बांदर अर सुंगर हमर गाँ मा रौंदन।  
हमर खेतुं मा दार लैक डाळ छन , हम अपण डाळ नि काट सकदा , जंगल माफिया का का आशीर्वाद से हम तैं सरकारी जंगळ से जथगा चाहो तथगा इमारती लकड़ी मिल जांद। 
हमर गाड -गदनो मा रेत च , हम अपर कूड़ो चिणै वास्ता खनन नियमुं कारण अपड़ गाड -गदन से रेत नि खोदी सकदा पर हम तैं कोटद्वार -ऋषिकेश से भरपूर रेत मिल जांद। 
हमर गांमा पाणी छोया च , नळ छन अर हर रोज नळका पर पाणि  बंद हूंद इ   हम सरकार तैं गाळी दींदा। 
हमर गां मा सरकारी गल्ला  दुकान च , प्राइवेट दुकान च , रिटायर्ड हवलदार जी से दारु मिल जांद। 
हमर इख कृषि ही मुख्य रोजगार ह्वे सकद  , हमर इख क्वी खेती नि करद, हमर इख मनरेगा  से ही रोजगार मिलद। 
हमर इख सरकारी अस्पताल च , सरकारी अस्पतालम  त दवा नि हूंदन या चिकित्सक नि रौंद , उन हम तै सरकारी अस्पताल  पर भरोसा बि नि हूंद इलै छुटि  मुटि  बीमारी निवारण हेतु हम बक्कीम ही जांदवां। 
हमर गांमा जब कै तै क्वी नौकरी नि मिलदी तो वु डीएड , बीएड कर लींदु , हमर गांव मा पैदा हुयां मास्टरू पढ़ाई की सबि लोग प्रशंसा करदन , ब्यौ बंद ह्वेक बि मास्टर बिचारा बैचलर की जिंदगी बितांदन किलैकि हमर गांवक सबि मास्टरुं बच्चा ऋषिकेश  या कोटद्वार पढ़द
 हम संस्कृति प्रेमी छंवां।  हमर गांमा ब्यौ बि हूंदन , तिरैं बरखि  बि हूंदन अर जीमण  मा प्लास्टिकौ गिलसड़ी पर दारु बांटे जााँद।  दर्यौ ड्या कांचक गिलास फोड़ि दींदन।   
हमर प्रदेश एक ऊर्जा प्रदेश च।  हमर गांवक प्रधानक पुरण फाइलुं मा राजीव गांधी बिजली योजना की चिट्ठी बि च , अब दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण ज्योति  योजना की चिट्ठी बि ऐ गे कि राजीव गांधी बिजली योजना उपाध्याय ज्योति योजना मा समाहित ह्वे ग्यायि,  अबि बि गां वळु इ ना प्रधान जी तैं बि पक्को विश्वास च कि हमर गाँ मा बिजली आण मा दस साल त लग इ जाल। 
हमर गांका प्रवासी हर तिसाला नागर्जा पूजै मा गाँव आंदन , अपण उजड्यां कूड़ हूण से दूसरों ड्यार रौंदन , शहरूं मा ड्यार खरीदणो चक्कर घिनी कारण अपण कूड नि रिपेयर कर सकदन। किन्तु हमर प्रवासी बड़ा ग्रामप्रेमी छन , फेसबुक मा अपण कुड़ौ फोटो , उजड्यां घटूँ फोटो शेयर करदन अर सरकार पर जोरों से प्रहार करदन कि गाँव उजड़ना छन अर सरकार कुछ नी करणी च। हम तैं यूं ग्राम प्रेमी , फोटो प्रेमी , रुंदा प्रवास्युं पर गर्व च। 
मी बि एक प्रवासी लेखक छौं , पिछ्ला बीस  सालों से गांव नि ग्यों पर अपण गांवक समस्याओं समाधान का वास्ता मि विशेषज्ञ मने जांद। 



Copyright@  Bhishma Kukreti 21  /11 /2014    
   *लेख की   घटनाएँ ,  स्थान व नाम काल्पनिक हैं । लेख में  कथाएँ चरित्र , स्थान केवल व्यंग्य रचने  हेतु उपयोग किये गए हैं। 

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