घंघतोळ मा ::: भीष्म कुकरेती
सेक्युलरिज्म भारतीय संविधान की आत्मा च , दर्शन च अर पॉलिटिकल ड्रेसिंग कु खन्नु -खरपट च।
धर्मनिरपेक्षता राजनीतिक मांगळ च , गीत च अर मंत्र्युं रंगुड़ च।
धर्मनिरपेक्षता हाथी का पाँव च , हाथी च किन्तु जैक राजनैतिक काणा अलग अलग परिभाषा करदन।
सेक्यलरिज्म कु उदेस्य एकता च , सब्युं मा सामंजस्य पैदा करण च अर कॉंग्रेसी मेला याने नेहरू जयंती पर भाजपा तैं नि बुलाणो एक मजक्या बहाना बि च।
सेक्युलिरज्म एक लचीला पदार्थ च , एक द्रव्य च अर अपण अपण हिसाब से परिभाषित करणो एक फूटबाल च।
धर्मनिरपेक्षता मुसलमानो तैं आकर्षित करणो खिल्वणि च , मुसलमानो तैं पुळयाणो लॉलीपॉप च अर मुसलमानो तैं डराणो हथियार च। यद्यपि अखिलेश लैपटॉप तैं कारगार लॉलीपॉप मणद, अखिलेश तैं विश्वास च बल कन्या दानो बान सरकारी दान से वोट लाये जादन पर मुलायम का हिसाबन सेक्युलरिज्म ही मुसलमानो तैं बेवकूफ -मूर्ख बणाणो टोटका च।
सेक्युलिरज्म एक बहाना च , जोड़ -तोड़ कु औजार च अर सेक्युलरिज्म की तलवार से ही 1979 मा जनता दल कु कतल करे गे छे।
धर्मनिरपेक्ष एक छद्म च , एक छल च , कॉंग्रेसौ कुण एक पल मा मजलिस -ए -इत्तेहादुल मुसलिमीं सेक्युलर ह्वे जांद अर दुसर पल नॉन सेक्युलर ह्वे जांद।
सेक्युलरिज्म एक राजनैतिक अछुतुंक चन्द्रवैणी करणो गंगाजल च , राजनैतिक अछूतों तैं स्वर्ण बणाणो जरिया च , नीतीश कुमार तैं वापस यादव कुनबा मा लाणो एक कारगार चुंबक च।
जब तक रामविलास पासवान एनडीए का चौक मा मंत्री छौ वु नॉनसेक्युलर छौ , जब वु कॉंग्रेसौ ख्वाळ मा आई वो सेक्युलर ह्वे ग्याई अर अब एनडीए का द्वार -सिंगार पकड़िक खड़ो च तो रामविलास पासवान नॉन सेक्युलर ह्वे ग्याई।
ममता गांधी जब तलक मंत्री राइ तब तलक भाजपा सेक्युलर पार्टी छे , फिर बंगाल मा जब भाजपा की क्वी पूछ नि छे तो ममता का वास्ता भाजपा कुज्याण क्या छौ अर अब भाजपा बंगाल मा पैर पसारणि च तो भाजपा नॉन सेक्युलर ह्वे ग्याइ। यद्यपि कम्युनिस्टों समज मा नि आणु च किकॉंग्रेस कौमनष्टी च; ममता अधिक कौमनष्टी च , भाजपा ही सर्वाधिक कौमनष्टी च।
बंगलादेशी जब बंगलादेश मा रंदन तब तक वु मुसलमान हूंदन , जब तलक वु हिन्दुस्तान मा बगैर राशनकार्ड , बगैर मतदाता रौंदन तब तक वो कुछ नि हूंदन किन्तु जनि ऊंक नाम मतदाता सूची मा आंद सब बंगलादेशी सेक्युलर ह्वे जांदन।
आम आदमी पार्टी का वास्ता पैल भ्रस्टाचार सबसे बड़ी प्राथमिकता छे , अब सुणन मा आई बल आम आदमी पार्टी का वास्ता सेक्युलरिज्म प्राथमिकता च याने कि सेक्युलरिज्म एक समस्या तो अवस्य च।
भाजपा का वास्ता तो सेक्युलरिज्म एक मजाक च , एक हंसणो साधन च अर हिन्दुस्तान तैं नया नया शब्द दीणो एक नायब जरिया च।
सेक्युलरिज्म पार्टयूं वास्ता वोट पकड़णो एक जाळ च, एक जिबळ च , एक बम च।
Copyright@ Bhishma Kukreti 18 /11 /2014
*लेख की घटनाएँ , स्थान व नाम काल्पनिक हैं । लेख में कथाएँ , चरित्र , स्थान केवल व्यंग्य रचने हेतु उपयोग किये गए हैं।
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