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उत्तराखंडी ई-पत्रिका

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Tuesday, April 23, 2013

पुराणा विद्वानों अर योद्धाओं वर्तमान मा कुहाल

गढ़वाली हास्य -व्यंग्य 
सौज सौज मा मजाक मसखरी 
हौंस,चबोड़,चखन्यौ   
सौज सौज मा गंभीर छ्वीं
                           पुराणा विद्वानों अर योद्धाओं वर्तमान मा कुहाल 
                    चबोड़्या - चखन्यौर्या: भीष्म कुकरेती (s = आधी अ )

परसी सुपिनम क्या दिखुद बल बशिष्ठ तैं बी ऐडम  एड्मिसन   नी मील ता कोचिंग क्लास का बड़ा मास्टर बौणी  छकिक रुपया कमाणा छन I नजीक ही विश्वामित्र का कोचिंग क्लास खुलण से वशिष्ठ को व्यापार पर फर्क पड़णु च  
चाणक्य की पोलिटिकल कंसल्टेंसी  की दुकान नि चौल ता राजनीतिक बिचौलिया बौणिक रुपया गटकणा  छन I
भरत  ब्रदरहुड  का नाम फर एन जी ओ चलैका सौकार  बण्या  छन .
गुरु गोरखनाथ "चौर्यां स्याळ  " का नाम से राजनीतिक औघड़ बाबा बण्या  छन I
महात्मा बुद्ध तैं बुद्धू आर पागल समजी का पागलखाना भीजे गयी .
मेनका कू फिलम इन्स्टिच्युट  चलणु  च. वात्सायन को सेक्स पर वेब पोर्टल धड़ला से चलणु  च. हुर्स्या हुर्सी मां कोका को भी सेक्स पोर्टल की दुकान खुली गे .
कबीर बिचारा की कपडों की मिल कि  नौकरी छूटी गे अर अब रेल मुसाफिरूं   तैं सोनू निगम का गाना सुणाना छन .
तुलसी दास  अच्काल बी जे पी का वास्ता बैनर बणाना छन। 
सूरदास मुरारी बापू या आशा राम बापू कुण गीत लिखदन। 
कालीदास फिल्मू मां डैलौग अर  गीत लिखणा  छन पण कुगति च डैलौगुं अर  गीतू का क्रेडिट मां उंको नाम नि आन्द .
उरबसी सरोज  खान का इख झाडू पुत्या करदी .
शुक्राचार्या अर वृहस्पति रास्ता मां बैठिक ज्योत्षी का कम करणा  छन . भृगु बाल्टी वाले बाबा क इख बिस्तर साफ़ करणा छन।
 इन्टरनेट आण  से नारद जी मां क्वी  काम नि रै ग्याई ता रेलवे  स्टेसन का समणि  दाद  खाज खुजली की दवैउं  का पर्चा बंटाना छन   .
सरकारी नौकरी मां लग्याँ   हरिश्चंदर अर युधिष्ठर जख जान्दन सच बोलणा वजै से  ऊन्कि दर तीन मैना   मां बदली होणि  रौंद . भीम कुस्ती असोसिआसन मां चपड़ासी  की नौकरी  मां दिन काटणा  छन ता अर्जुन दिल्ली मा वी के मल्होत्रा   का इख चिलम भरणा  छन .
दुसासन बलात्कार खतम करणों कमेटी चेयरमैंन  छन। चालीस साल ह्वे गेन अबि तलक ऊनं रिपोर्ट तयार नि कार कि भारत मा बलात्कार कनकै बंद होला।
 बेलो पावर्टी लाइन कार्ड होल्डर हूण से धृत्रराष्ट्र  कंस्टिटयूसन क्लब मा सरकारी पैसों से मजा करणा छन तो पांडू मेनत  मजूरी से पेट भरणो च।  कबि कबि विदुर तैं धृत्रराष्ट्र कंस्टिटयूसन क्लब बुलै लींदो। 
शंकर टीका कार  का काम छोड़ी विद्यार्थ्युं  Ph D  की पोथी लेखिक अपन पुटुक भरणा छन . 

Copyright @ Bhishma Kukreti  24/4/2013            
(लेख सर्वथा काल्पनिक  है )

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