नंदा जात जागर -फड़कि (भाग-)13
(s = आधी अ )
मूल संकलन - डा नन्द किशोर हटवाल , देहरादून
इंटरनेट प्रस्तुती : भीष्म कुकरेती
कैलाशम पौणों सजण
सजण बैठिग्या भोले शम्भुनाथ
सजण बैठिग्या नंदीगण
कैलाशी पौणा सजण बैठिग्या
सजण बैठिग्या काणा ड्यबाणा
बांगा त्यबांगा नंगा निर्वाण
नंगा भूखा, लूला लंगड़ा
सजण बैठिग्या बावन द्योउ
ला पौंणि दल सि बर्याती पैटीग्या
भोला मादेव को सजण
अंग्मा रमेली बभूत राख
खार - शैण छराल मालिश ह्वे गे
कानाउन डाळेल्यी मुंड मागी माला
अंगमा लग्येली बागम्बर छाला
अंगमा छयेली भंगोया अंचल
कमरवा बांध्येलि तिपुऴ न्ग्या बाबुलू
कंधा डाळेल्यी खैरुवा झोळी
खुट्युमा लग्येल्या खुट्यु खड़ाउ
हाथोंम पैर्येलि केदारी कंकण
पैर्येल्या शिवजीन अपणों पेर्वार
आगे-आगे चललो बुड्या
मैणावती नारद सम्वाद
क्वो मेरो घिया को जवाईं च नारद लो
जू होलू बैल मा बैठ्युं च मैणावती लो
सू तेरो घिया को जवाईं च मैणावती लो
तेसूं को ग्वेरा नि द्योनु मि नारद लो
क्वो मेरो घिया को जवाईं च नारद लो
जैका चा सेला सा दांत जी मैणावती लो
स्यु तेरो घिया को जवाईं च मैणावती लो
क्वो मेरो घिया को जवाईं च नारद लो
जैकि होलि मैणावती विभूति रवाईं
स्यु तेरो घिया को जवाईं च मैणावती लो
तेसूं को ग्वेरा नि द्योनु मि नारद लो
जैकि होली मैणावती बाग्म्बर छाला
स्यु तेरो घिया को जवाईं च मैणावती लो
तेसूं को ग्वेरा नि द्योनु मि नारद लो
नंदा जात जागर -फड़कि (भाग)-14म बाँचो
नंदा जात जागर -फड़कि (भाग)-14
गीत एकत्रीकरण -नन्द किशोर हटवाल
इंटरनेट प्रस्तुती: भीष्म कुकरेती
मैणा को नंदा को रूप छुपाने कहना
वोदु आवो न्योड़ू म्येरी लाडली
सुण मेरि लाड़ी बल तू म्यरी बारता
तुवू मेरी लाड़ी बल रूप की अग्याळी
त्येरू जंवै ह्वोलो बल अद्भुत जोगी
जाऊ मेरी लाडली तू रूप लुकाऊ
तेइ जोगी ग्वोरा ग्वोरा नि द्योलू
तब गैया ग्वोरा डिपाला कनाला
डिपाला कंनाला रूप छुपैली
गौरान का रूप को फ्यूंळी फूल ह्वैग्ये
गौराउ ह्वेग्येयि अब्येनि भब्य ेनि
अब्येनिउ भब्येनि रिषाषौउ ऐग्ये
नंदा जात जागर का बाकी भाः -फड़कि (भाग)-15 म बाँचो
नंदा जात जागर -फड़कि (भाग)-15
गीत एकत्रीकरण -नन्द किशोर हटवाल
इंटरनेट प्रस्तुती: भीष्म कुकरेती
शिव का सुन्दर रूप वर्णन
अफु बल क्या माया रंचन
जाई पौंछि इसुर नौनाला मंगरी
नौनालाऊ मंगरी नायेन ध्वोयेन
प्यूंळी धैंको भैंसाल खैलाइ
अफु भगवान क्या माया रंचन
नायी धोयी इसुर हुर्र्या फुर्र्या ह्वैगी
पैरणऊ बैठीगी पीताम्बर धोती
पैरणऊ बैठीगी मुंडमा मुंड्यासी
कनु पैरी इसुर सिर्माग मुकुट
कनु पैरी इसुर सीरू कंकड़े
बरात का रिसासौ पंहुचना
सिसासौउ मांग ऐग्ये बरात
हिमंत ऋषि आदर करन
आदर करन बांवळी पकड़णा
भारद्वाज रिसी आदर करन
बशिष्ठ रिसी आदर करन
अंग्लीसा रिसी आदर करन
गौतम रिसी आदर करन
सौनक रिसी आदर करन
हिमंत रिसी आदर करन
सात सप्त रिसी आदर करन
गौरी शंकर की कुंडली
द्यालो रिसियुनं कन्या को दान
गौरी शंकर की जुगती जुड़ी गे
गौरी शंकरन लाया उड़ेली
भाई बिनसरन लाया उड़ैल्ये
लाटू केदारून लाया उड़ैल्ये
गौरी का वेदी में बैठना
गौरा इसुर कु ब्यौ च जी
अब गौरा वेदी बैठाला जी
गौरा इसुर कु ब्यौ च जी
पैली कुनाली फिरावा जी
गौरा इसुर कु ब्यौ च जी
नंदा जात जागर फड़कि (भाग)-16
गीत एकत्रीकरण -नन्द किशोर हटवाल
इंटरनेट प्रस्तुती: भीष्म कुकरेती
बरातौ वापस जाणो तयार हूण
रिषासौ ह्वेगे सौ पात पिठाई
पंचनाम द्यब्तों की पात पिठाई
रिषासौ ह्वेगे सी पान सुपारी
बरात वापसी
कविलाश पैटीग्ये इसुर बरात
आज मेरि माता क्या बैनू ब्वलानि
सूणा म्यारा पूतोऊ तू म्यरी बारता
नंदा कू सौर्यास जांदी बगत दुखी होण
कनकै छ्वड़ोलो मी रिसासौ को मैत
कनकै छ्वड़ोलो मी माता जी मैणा
कनकै छ्वड़ोलो मी पिताजी हेमंत
कनकै छ्वड़ोलो मी सातपांच बैण्यो
कनकै छ्वड़ोलो मी संग की सहेल्यो
कनकै छ्वड़ोलो मी नौख्म्बा डंडऴयाळी
नौखंबा डंडऴयाळी च चौखंबा च द्वारे
कनकै छ्वड़ोलो मी नौ नाला मंगरी
कनकै छ्वड़ोलो मी गोदी का भतीजा
कनकै छ्वड़ोलो मी रीठामाळी चौक
कनकै छ्वड़ोलो मी मैन्यु लीगो गोदी
कनकै छ्वड़ोलो मी घड़ेली दगड़ी
कनकै छ्वड़ोलो मी भौज्याणु संग
नंदा जात जागर -फड़कि (भाग)-17
गीत एकत्रीकरण -नन्द किशोर हटवाल
इंटरनेट प्रस्तुती: भीष्म कुकरेती
मेघासुर वध
[नंदा जात जागर में कई अलग अलग कहानियाँ जुडी हैं। कई क्षेत्रों में दैंतों का संहार की कहानियाँ भी नंदा जात गीतों/जाद्रों में गाये जाते हैं। यथा]
आज कैली मातान दैंतुं संघार ए
मट्टी जन दैंत को मॉस झड़ी गे
ढुंग्युं जन दैंतों को हाड झड़ी गे
खोड़ जन दैंतों का रूमा झड़ी गे
नदी जन दैंतों खून बगी गे
मेघासुर को वध करी गे
नंदा जात जागर -फड़कि (भाग)-18
नंदा को मायके की याद आना
[गढ़वाल में पूस महीना मायके का महीना (मैतुड़ा मैना ) कहलाया जाता है जब लडकियाँ ससुरास से अपने मायके आती हैं , नंदा जब ब्याह कर कैलाश आई तो उसे कैलास का मौसम रास नहीं आया और में है।]
आजकालै की ऋतू यो दखिणी परब
भगवान को ह्वेगै दखिण को पैतु
माथलोक नग सी नाग्लोग ह्वैग्या
सागर की पंछ्यों सी भाबर ह्वैग्यी
डांडा को वो पालसी भबर ह्वै गैयी
सौरास की ब्वारी मैतुड़ा ह्वैग्यी
ह्युंवाळी नंदा तू सौरास ब्वारी
ह्युंवाळी नंदा सी भौं कारुणा रवैनि
सात पांच बैण्योमा मी ह्वोई कुलाड़ी
मैणी दीलि बुबान उच्चा कविलासे
याई कविलाश सु काका नि बासन
ह्युंवार्यों को डन्कार बीस की फुंकारे
ह्युंवो कु वा डस्याण ह्युंवो कु ढक्योणै
भांग घोटी घोटी मेरी हथगुळी बश्येग्ये
धूनु फूकी फूकी म्येरी बठुंणी फूलिगे
बेटी ब्वारी सब्बी सी मैत्वाड़ा ऐग्या
मैंयी रैयि गैयि सु सौरासै ब्वारि
क्वोउ मैती मीन्तै बल ऋतू जाणालो
ये पापी कैलास ता रितु नि जाणेदी
ऋतू नि जाणेनी ता वाखा नि सुण्येनी
ओ बचनु औन ता ह्वा गिरिजा ग्वाले
नंदा जात जागर का बाकी भाग -फड़कि (भाग)-19 में पढिये / बाँचो
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