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उत्तराखंडी ई-पत्रिका

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Monday, April 8, 2013

मंहगाई कम करणौ कुछ ब्यूंत -तरकीब


गढ़वाली हास्य -व्यंग्य 
सौज सौज मा मजाक मसखरी 
हौंस,चबोड़,चखन्यौ 
सौज सौज मा गंभीर छ्वीं 
                      मंहगाई कम करणौ कुछ ब्यूंत -तरकीब  
                              
 
                           चबोड़्या - चखन्यौर्याभीष्म कुकरेती
(s = आधी अ )

              
मंहगाई आज क्या प्रजातंत्र माँ सरकार बदली दींदि। याद च एक दें बढ्या प्याज का दामोंन कथगा इ राज्यों मा भाजापाई सरकार ही बदल दे अर उन राज्यों मा कौंग्रेस की सरकार बणिन।  अचकाल बि मनमोहन सिंघै  सरकार की सबसे बिंडी  काट इलै होन्दि बल या सरकार  मंहगाई पर नकेल नि लगै सकणि च।    ब्याळि  परसि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया को गवर्नर डी सुब्बा राव को बयान आइ बल ग्रामीण क्षेत्रों मा लोगुं आय बढ़ी गे अर लोग स्वास्थ्यवर्धक खाणक जन की प्रोटीनयुक्त, चर्बी युक्त , खाण गीजि गेन तो मंहगाई बढ़णि च।
डी सुबारव को हिसाबं मंहगाई घटाणौ  तरकीव  तरीका इन  छन -
  सबसे पैल  त भारत मा ग्रामीण क्या शहरों मा बि गरीबों आय कम करे जावो किलैकि यी असुण्या गरीबुं जनि इनकम बढ़दि इ लोग मंहगाई बढाई दिन्दन अर यां से विजय मलया सरीखा सेठों तै बड़ी परेशानी होंद अर ओ अपण अहम तुष्टि संतुष्टि बान अनाप सनाप खेलों मा पैसा लगाण से वंचित रै जान्दन। 

अब जब डी सुब्बा राव सरीखा अर्थशास्त्री बुलणा छन बल ग्रामीण आय बढ़ण से अर गरीबुं इनकम बढ़ण से मंहगाई बढ़णि च तो सबसे उचित काम यो ही च बल कि कै बि तरां से गरीबों अर ग्रीमीण आय पर रोक लागाये जावो।  भारत सरकार अर राज्य सरकारों मा एक अलग मंत्रालय खोले जावो जैक नाम हूण चयेंद गरीबुं कमै रोको  मंत्रालय। गरीबुं कमै रोको मंत्रालय सीधा प्रधान मंत्री अर मुख्य मंत्री का तौऴ हूण जरूरी च जां से एक बी गरीब की कमै नि बढ़। गरीबुं कमै रोको मंत्रालय तैं ग्राम स्तर पर युद्ध स्तर पर गरीबुं कमै कम करणों बान काम करण चयेंद। गरीबुं कमै रोको मंत्रालय तैं गरीबों इनकम कम करणों बान संबैधानिक ताकत अर संरक्षण  मिलण जरोरी च। जै बि गां मा एक बि गरीब की इनकम बढ़ो तो उखक  ग्राम प्रधान पर  क्वी बि चुनाव लड़णो आजीवन पाबंदी लगण जरूरी होण चयेंद। जै बि जिला मा एक बि गरीब या ग्रामीण की कमै बढ़ो तो जिलाधिकारी, मंडल अधिकारी की नौकरी तुरंत बर्खास्त खतम करे जाण चयेंद। ब्लॉक ,तहसील अर जिला स्तर पर अधिकार्युं तैं गरीबुं इनकम कम करणों प्रेरणा अर प्रोत्साहनो वास्ता भौं भौं किस्मौ पुरुष्कार दिये जाण चयेंद।
                        मैं नि लगुद रिजर्व बैंक गवनर से बडो क्वी सरकारी अधिकारी ह्वालो जो अर्थशास्त्र को इथगा बडो ज्ञानी ह्वालो। यांक मतबल च हम भारतीयों तैं मंहगाई रोकणो बान डी सुब्बाराव की  बात पर विचार  करण आवश्यक च,  डी सुब्बाराव की  बात मनण जरूरी च , डी सुब्बाराव की  बात पर अमल करण  अत्यावश्यक  च। प्रसिद्ध अर्थशास्त्री सुब्बाराव को बुलंण च बल आम लोग अब आलु पालु (अनाज ) खाण छोड़िक अंडा , प्रोटीनयुक्त भोजन, मीट , दाल ,साक भाजी, फल वगैरा खाण लगी गेन तो यांसे बि मंहगाई  बढ़णि च। बात तो सुब्बा राव की सै च बल जब कि सेहतमन्द  खाणक जन कि  अंडा , प्रोटीनयुक्त भोजन, मीट , दाल ,साक भाजी, फल वगैरा खाणों अधिकार  केवल अमीरों को छौ तो जब आम आदिम स्वास्थ्यवर्धक, आयु वर्धक खाणों खाल तो अमीर लोगुं वास्ता फोकट मा मंहगाई तो बढ़लि ही। तो इख पर महान अर्थ शास्त्री सुब्बा राव की बातों तैं हरेक नागरिक तैं खासकर गरीब नागरिक तैं  ध्यान दीण पोड़ल कि सेहतमंद, स्वास्थ्यवर्धक खाणक/भोजन /डाईट खाण बंद करी द्यावन जां से कि अमीरों बान मंहगाई नि बढ़ो। मि तो बुल्दो कि सरकार तैं तुरंत एक अध्यादेस लाण चयेंद अर आम आदमियों तैं अंडा , प्रोटीनयुक्त भोजन, मीट , दाल ,दूध , साक भाजी, फल वगैरा खाणों अधिकार खतम करे जावो। संविधान मा बदलाव लाये जाव कि यदि क्वी बि आम आदिम अंडा , प्रोटीनयुक्त भोजन, मीट , दाल ,साक भाजी, दूध,  फल वगैराखाणक खाण  पाये गे तो वै तै तुरंत गैरजमानती न्याय संहिता का तहत  गिरफ्तार करे जावो अर  तुरंत दस साल की बमुशकत जेल की सजा दिए जावो। दुकानदारों कुण नियम बणाये जावो कि वों आम आदमियों तैंअंडा , प्रोटीनयुक्त भोजन, मीट ,दूध,  दाल ,साक भाजी, फल वगैरा बिचण बंद करी द्यावन अर जो बि दुकानदार आम आदमियों तैं  अंडा , प्रोटीनयुक्त भोजन, मीट , दाल ,दूध ,साक भाजी, फल वगैरा ब्याचो वै तैं तुरंत पांच साल की कठिन जेल की सजा सुणाये जावो। हरेक दुकान का समणि  बोर्ड लग्युं हूण चयेंद---- संवैधानिक चेतावनी -आम आदमियों को अंडा , प्रोटीनयुक्त भोजन, मीट , दाल ,साक भाजी, दूध, फल खाने की मनाही है। यदि   आम आदमी स्वास्थ्यवर्धक भोजन, दूध  या फल आदि अंडा , प्रोटीनयुक्त भोजन, मीट , दाल ,साक भाजी, फल वगैरासंग्रह करते या खाते पाया जाएगा तो  दस साल की सजा होगी।   

     दगड़म सरकार तैं टेलीविजन अर अन्य माध्यमों से  केंद्र अर राज्य सरकार को संगठित अर जोर का अभियान चलाण चयेंद  जामा आम आदमियों से अपील करे जावो कि मंहगाई रोकणो बान  कृपया स्वास्थवर्धक भोजन ना करें। आम आदमियों को स्वास्थ्यवर्धक खाणक खाण  देशद्रोह माने जाण चयेंद।  स्वास्थ्यवर्धक भोजन, दूध  या फल आदि अंडा , प्रोटीनयुक्त भोजन, मीट , दाल ,साक भाजी, फल वगैरास्वास्थ्यवर्धक भोजन, दूध  या फल आदि अंडा , प्रोटीनयुक्त भोजन, मीट , दाल ,साक भाजी, फल वगैरा
  मेरि समज से बि मंहगाई रोकणो बान पैल त गरीब अर ग्रामीणों आय पर तुरंत रोक लगण जरूरी च अर दगड़म आम अदिमियों  पर दूध , दही, फल, दाल,अंडा , प्रोटीनयुक्त भोजन, मीट , दाल ,साक भाजी, फल वगैरा संग्रह अर खरीदी पर भी तुरंत रोक लगण चयेंद। अर जु बि आम आदमियों को समर्थन कारो वै तैं देशद्रोह का ऐवज मा जेल हूण चयेंद।
चूंकि सरकार अर नेता मंहगाई तो नि रोक सकदन तो मंहगाई रोकणों बान आम आदमियों तैं ही त्याग करिक देश बचाण जरूरी च।  

         

Copyright @ Bhishma Kukreti   8 /4/2013

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