Garhwali Poem by Sandeep Rawat
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कथगा बि ह्वा धन्न
पर खाण ही पड़द अन्न ,
क्वी मशीन नि देंदि कब्बि
पाणि अर अन्न |
बुसग्ये जालु सैर्या पाणि
तब ज्यूंदो रै$ला कन ,
अर किसाणि नि रालि त
कख बटि खै$ला अन्न |
17/06/2017 @संदीप रावत , श्रीनगर गढ़वाल |
(प्रवक्ता- रसायन, रा0इ0कॉ0धद्दी घंडियाल, बडियारगढ़,टिहरी गढ़वाल)
कथगा बि ह्वा धन्न
पर खाण ही पड़द अन्न ,
क्वी मशीन नि देंदि कब्बि
पाणि अर अन्न |
बुसग्ये जालु सैर्या पाणि
तब ज्यूंदो रै$ला कन ,
अर किसाणि नि रालि त
कख बटि खै$ला अन्न |
17/06/2017 @संदीप रावत , श्रीनगर गढ़वाल |
(प्रवक्ता- रसायन, रा0इ0कॉ0धद्दी घंडियाल, बडियारगढ़,टिहरी गढ़वाल)
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