Paradox in Garhwali Ghazals , Gajals,
-
-- Garhwali Poems, Folk Songs , verses , ग़ज़ल्स, from Garhwal, Uttarakhand; Garhwali Poems, Folk Songs , verses from Pauri Garhwal, Uttarakhand; Garhwali Poems, Folk Songs , verses from Chamoli Garhwal, Uttarakhand; Garhwali Poems, Folk Songs , verses from Rudraprayag Garhwal, Uttarakhand; Garhwali Poems, Folk Songs , verses from Tehri Garhwal, Uttarakhand; Garhwali Poems, Folk Songs , verses from Uttarkashi Garhwal, Uttarakhand; Garhwali Poems, Folk Songs , verses from Dehradun Garhwal, Uttarakhand; Garhwali Poems, Folk Songs , verses from Haridwar Garhwal, Uttarakhand; Himalayan Poetries, North Indian Poetries , Indian Poems, SAARC countries poems, Asian Poems
बिखल्यण्या गज़ल-
-
By Payash Pokhara
***************
***************
जौंका ज़िकुड़ा मा हमर म्वरण से सेळि प्वड़िं चा |
वी ब्वना छन तुमर बान हमरि भि बेळि छ्वड़िं चा ||
वी ब्वना छन तुमर बान हमरि भि बेळि छ्वड़िं चा ||
पाळि, दिवळि, धुरपळि, छज्जा, फैड़ि सब चीणैगीं |
तुमरि खुट्युंल लंघाणा को बस एक देळि छ्वड़िं चा ||
तुमरि खुट्युंल लंघाणा को बस एक देळि छ्वड़िं चा ||
नै जमना कि सिक्कासैर्यूं मा जूड़ा बॉबकट द्यखुणुं रौं |
पर तुमरि त फील्यूं तक गौंछ्यलि धमेळि छ्वड़िं चा ||
पर तुमरि त फील्यूं तक गौंछ्यलि धमेळि छ्वड़िं चा ||
खट्टा-मिठ्ठा अर टटमरा दिन दिखैनि तिल माया मा |
मेरि भि औंळा, मेळु अर घिंघरु की मेळि त्वड़िं चा ||
मेरि भि औंळा, मेळु अर घिंघरु की मेळि त्वड़िं चा ||
झणि कब बटैकि ऊंल म्यार खल्याण म खुट्टि धार |
मिठ्ठु गिच्चु करणा का बाना मेरि भेळि फ्वड़िं चा ||
मिठ्ठु गिच्चु करणा का बाना मेरि भेळि फ्वड़िं चा ||
देखिले, हे तिड़ण्यां जून जरा भुयां नज़र लगैकि भि |
"पयाश" का गौं मा भि एकेक से बिगरेळि प्वड़िं चा ||
"पयाश" का गौं मा भि एकेक से बिगरेळि प्वड़िं चा ||
@पयाश पोखड़ा |
गढ़वाल , उत्तराखंड ,हिमालय से गढ़वाली कविताएं , गीत ; पौड़ी गढ़वाल , उत्तराखंड ,हिमालय से गढ़वाली कविताएं , गीत ; चमोली गढ़वाल , उत्तराखंड ,हिमालय से गढ़वाली कविताएं , गीत ; रुद्रप्रयाग गढ़वाल , उत्तराखंड ,हिमालय से गढ़वाली कविताएं , गीत ; टिहरी गढ़वाल , उत्तराखंड ,हिमालय से गढ़वाली कविताएं , गीत ; उत्तरकाशी गढ़वाल , उत्तराखंड ,हिमालय से गढ़वाली कविताएं , गीत ; देहरादून गढ़वाल , उत्तराखंड ,हिमालय से गढ़वाली कविताएं , गीत ; हरिद्वार गढ़वाल , उत्तराखंड ,हिमालय से गढ़वाली कविताएं , गीत ; Ghazals from Garhwal, Ghazals from Uttarakhand; Ghazals from Himalaya; Ghazals from North India; Ghazals from South Asia, Couplets in Garhwali, Couplets in Himalayan languages , Couplets from north India
Thanking You with regards
B.C.Kukreti
No comments:
Post a Comment
आपका बहुत बहुत धन्यवाद
Thanks for your comments