रचना : नवीन डबराल
हे इतवरु
तेरी मति मरिगि
बिंसरे बिजी की
ढेपुर भितर किलै
लुकणे छै तू
इतरु बडु लौठिंग
व्है गे तू
मन लगैकी अंक्वेकी
पढ़ी णी त्वेन
देख लठ्यारा, त्यार दगड्या
देस चलि गेन
पैसा कमौण मिस्यां छण
और ऐश का साधन
जुटांण लग्यां छन
तू त तन्नी मन्नी रेगे इतवरु
तेरी कपाळी फूटीं च
तू रिबडनै रै
ढोरू ढंगारु का दगड़ै
तेरी मति मरिगि
बिंसरे बिजी की
ढेपुर भितर किलै
लुकणे छै तू
इतरु बडु लौठिंग
व्है गे तू
मन लगैकी अंक्वेकी
पढ़ी णी त्वेन
देख लठ्यारा, त्यार दगड्या
देस चलि गेन
पैसा कमौण मिस्यां छण
और ऐश का साधन
जुटांण लग्यां छन
तू त तन्नी मन्नी रेगे इतवरु
तेरी कपाळी फूटीं च
तू रिबडनै रै
ढोरू ढंगारु का दगड़ै
उन्द ऐजा इतवरु
बौण जांण त्वेन
ढिबरयूं और बाखरा दगड़ै
गौड़ा बल्दा लेकि
बौण जांण त्वेन
ढिबरयूं और बाखरा दगड़ै
गौड़ा बल्दा लेकि
बौड़ी बिंगणे छौउ
त सूणी लेवा
जू तैयार च ढबडि रुठ्ठी
तुर्केकि घ्यूँ डालिक
गिंदौड़ु अर ल्ह्याशनक
चटनी दगड़ै
त मि मुन्नेंद आन्दु छौ
ब्वाला बौड़ी ब्वाला
निथर मितैं सेणं देवा
अबी थुडा देर
त सूणी लेवा
जू तैयार च ढबडि रुठ्ठी
तुर्केकि घ्यूँ डालिक
गिंदौड़ु अर ल्ह्याशनक
चटनी दगड़ै
त मि मुन्नेंद आन्दु छौ
ब्वाला बौड़ी ब्वाला
निथर मितैं सेणं देवा
अबी थुडा देर
चुच ल्वाला
भौं ऐजा तू
जतना ज्यु करि
खैजा तू
भौं ऐजा तू
जतना ज्यु करि
खैजा तू
चम्म करिक ऐतवारु
भौ ऐजांद
अपणी दीदा बौड़ी दगडी
छुईं लगौण
भौ ऐजांद
अपणी दीदा बौड़ी दगडी
छुईं लगौण
देख बौड़ी
मेरी मति णी मरि
मति ऊँ मनख्यूं की मरि च
जू ईख बिटेन पलेंन करि गिण
देखि लिन बौड़ी तू
ऊ सब बौड़ी आला
बिमारियों का दगडी
द्वी लतड़ांग भी हिटी णी सकदन
एक पुंगडा भी फौल णी लगै सक्दन
मेरी मति णी मरि
मति ऊँ मनख्यूं की मरि च
जू ईख बिटेन पलेंन करि गिण
देखि लिन बौड़ी तू
ऊ सब बौड़ी आला
बिमारियों का दगडी
द्वी लतड़ांग भी हिटी णी सकदन
एक पुंगडा भी फौल णी लगै सक्दन
मितै देख तू
आज भी मी
बांदर और गुणियों तै
छौपीं सकदू
ढिबरा अर बखरों दगडी
बांसुरी बजैकी
गीत लगै सकदु
आज भी मी
बांदर और गुणियों तै
छौपीं सकदू
ढिबरा अर बखरों दगडी
बांसुरी बजैकी
गीत लगै सकदु
बांज अर कुळैं की बथौं
देसियों का भाग माँ णी छ
ऊत रौंदा रैला
अपणी अपणी तबैत पर
अर मी हसदो रौळू
अपणी सुन्दर सोच पर
देसियों का भाग माँ णी छ
ऊत रौंदा रैला
अपणी अपणी तबैत पर
अर मी हसदो रौळू
अपणी सुन्दर सोच पर
मीन क्या पाये
बौड़ी तेरा दगडी
सबकुछ त मैतैं मिलें
ये गाओं माँ रैकी
तेरा चरणोँ माँ रैकी
मेरी बिगरैली बौड़ी
बौड़ी तेरा दगडी
सबकुछ त मैतैं मिलें
ये गाओं माँ रैकी
तेरा चरणोँ माँ रैकी
मेरी बिगरैली बौड़ी
स्वरचित.....८/८/२०१५/
( नवीन डबराल ), वड़ोदरा
( नवीन डबराल ), वड़ोदरा
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