गढ़वाली कथा -******तिमला बि खतेनी,नंगी बि दिखेनी ******
कथाकार --डॉ नरेंद्र गौनियाल
पहाड़ बिटि अंधाधुंध शहरों का तरफ भागाभागी से एक तरफ घर गाँव खाली ह्वैगीं।कूड़ी उजड़ी गीं,पुंगड़ी बांजी पड़ी गीं।दूसरा तरफ शहरों की चकाचौंध अर बढ़दी अपसंस्कृति का नुकसान बि बढ़दा जाणा छन।अपणा कुटुंब,घर,गौं,समाज से दूर रैण मा भौत सावधानी,समझदारी,मजबूती,संयम अर जागरूकता की जरूरत छ।कु कब अपणा जाळ माँ फँसै द्या कुछ पता नी।संयुक्त परिवार का बजाय अलग रैणा कि प्रवृति नुकसान देय साबित हूणी।भौत टैम तक द्वीई झणों का एक-दूसरा से दूर रैणा का खतरा बि समाज मा बरकरार छन।
मुन्नी की पहाड़ मा नि रैणा कि जिद का कारण वींकु फ़ौजी जवैं महेश वींतै रामनगर लेकी ऐगे। वैन बि सोचि कि बच्चा शहर मा भलि इस्कूल मा पढि-लिखि जाला।गौं मा बुड्या ब्वे-बुबा तै छोडिकी बाल-बच्चों तै भरतपुरी मा किराया का मा रखी ऊँका वास्त गैस,राशन-पाणि,बेड-बिस्तर सब इंतजाम करी दे।नजदीक मा ही तीन लाख मा एक प्लाट बि खरीदी दे। अपणी छुट्टी पूरी हूण से पैलि मकान कि फाउँडेशन डळवै कि तीन कमरा-किचन,लैट्रिन-बाथरूम कु ठेका पाँच लाख मा एक मुसल्य़ा ठेकेदार मुहमद रईस तै दे दे।काम शुरू करवाणा का बाद ऊ अपणी ड्यूटी पर जम्मू-कश्मीर चलीगे।ड्यूटी बिटि बि ऊ फोन करि हालचाल पुछ्दु छौ।जाण से पैलि वैन अपणो अर घरवाली कु ज्वाइंट खाता खोलिकी वैमा दस लाख रुप्या धरी दीं।घरवाली का वास्त जर-जेवर बि खूब लियां छया।बच्चों का वास्त बि क्वी कमी नि छै।
मकान बणदा-बणदा लगभग छै मैना लगी गीं।ये बीच दशहरा का टैम पर ऊ एक हफ्ता की छुट्टी लेकी ऐ अर घर बैसू करी दे।छुट्टी पूरी कैरी ऊ वापिस ड्यूटी पर चलीगे। मकान बणणा का टैम पर ठेकेदार रोज ही काम द्यखणो आंदु छौ।रोज ही मुन्नी का दगड़ छ्वीं -बत्त लगाणा अर च्या पीणा का बहाना से बैठि जांदू छौ। दिन मा जब बच्चा इस्कूल चलि जांदा छाया,तब ऊ वींका दगड़ भितर बैठि जांदू छौ।हर्बि वैकी नजर खराब ह्वैगे।वैन मुन्नी तै अपणा जाळ मा फंसाणु शुरू करी दे।वींकु खूबसूरत शरीर अर रूप्या द्वीयों पर वैकि टक लगीं छै।एकदिन बाथरूम का वास्त टाईल्स पसंद कराणा का बहाना से ऊ वींतई बाजार अपणि गाड़ी मा लीगे। फिर दुकान बिटि ऊ वींतई अपणा कमरा मा लीगे।वख वैन एक कूणा मा चुपके से कैमरा लगै दे।कोको-कोला का दगड़ वैन मुन्नी तै दारू मिलैकी पिलै दे।कैमरा चालू करिकी वींतई बिस्तर मा लिजैकि छेड़खानी करण लगी गे।पैलि त वीन ना नुकर करि पण फिर वा मजबूर हवेगे। वैन वींका लता-कपड़ा निकाळी कि अपणा मन की करी दे।फिर वींतै वींका मकान मा छोडिकी ऐगे।यु सिलसिला अब रोज ही चलनु रहे।एकदिन वैन एक लाख रूप्या की मांग करी दे। वींन बोलि कि साढ़े चार लाख हिसाब मा ऐगीं।पचास हजार काम फाईनल हूण पर मिलि जाला। तब वैन अपणा लैपटॉप मा पिक्चर लगै दे।वैका दगड़ अपणी नंगी फोटो गलत हालत मा देखिकी वींकि आंखि चकरे गईं।वीन कबी नि सोची छौ कि यु इनु धोखा बि कैरि सकद।वैन बोलि कि रुपया दे दे। निथर मि पिक्चर सबि लोगों तै दिखै द्योंलू। वीन वैका खुटा पकड़ी दीं अर बोलि कि मि रूप्या द्योंलू।तू कैमा नि बतै।एका बाद ऊ जब चांदु वीं तै हम-बिस्तर करदू अर जब चांदु वींसे रूप्या ले लींदु।
घर बैस का टैम पर बि वींन अपणा जवैं तै कुछ नि बतै।मकान कि फाईनल पेमेंट ऊ करि गे छौ।फिर बि ठेकेदार मुहमद रईस वींकू शारीरिक अर आर्थिक शोषण करदू रहे।हर मैना खाता मा 20हजार रूप्या आंदा छया।पांच हजार मा घर खर्च चलैकी बाकि सबि बदमाश ठेकेदार रईस तै दीण पड़दा छया। एकदिन वैन फिर द्वी लाख कि मांग करी दे।वींन बोलि कि मीम जतगा छया मिन दे यलिन।पण ऊ नि मानु। आखिरकार वींतई अपणा जेवर ब्यचण पडीं।अबतक ऊ लगभग 15 लाख ससोड़ी गे। वा मजबूर छै।वैका चंगुल से भैर नि निकळी सकणी छै।वा शारीरिक,मानसिक अर आर्थिक रूप से लाचार ह्वै गे छै।
फौजी महेश एक साल बाद फिर छुट्टी मा घार आणू छौ।बाल-बच्चों का वास्त खूब लता-कपड़ा,घरवाळी का वास्त कश्मीरी फिरिन अर गरम शॉल ल्याणों छौ।वै तै घरवाळी अर बच्चों कि खुद लगीं छै।रेलगाड़ी मा एक-एक मिनट भारी लगणों छौ।आखिर गाड़ी रामनगर स्टेशन मा पहुंची गे।थ्री ह्वीलर से ऊ अपणो बक्सा,अटैची अर हौलडौल लेकि घर पर पहुंची गे।घरवाळी की हालत भौत ख़राब छै।वींकि मुखड़ी मुरझईं छै।वैन वीं तै पूछी कि त्वे क्य ह्वै।वींन शुरू मा कुछ नि बतै।पछि जब वैन बैंक खाता खाली देखीं अर घरवाळी का जेवर बि नि द्याखा त वैकी खुटों ताल़ा कि जमीन जनि कि खसगी गे।आखिरकार मुन्नीन एक-एक बात बतै दे।वा अपणा जवैं पर चिपकी की ह्यळी मारिकी रूण लगिगे।वैन बोलि कि तिन भौत बड़ी गलती करी दे।पैला का दिन ही मी तै बतै दींदी त आज यु हाल नि हूंदा।तिमला बि खते गीं अर नंगी बि दिखे गे।वै बदमाश तै त मि सबक जरूर सिखौंलु।वैन चट पुलिस स्टेशन जैकि पुलिस अधिकारी से बात करि सारी बात समझै।ठेकेदार का घर रात पुलिस कु छापा पड़ी।वैका कमरा बिटि लैपटॉप,कैमरा,कुछ कागजात,कंडोम अर शक्तिवर्द्धक कैपसूल बरामद करे गीं।हिरासत मा लेकि शोषण,बलात्कार अर चार सौ बीसी कु मुक़दमा कायम ह्वैगे।अबि ऊ जेल मा च। मुन्नी कि हालत बि ख़राब च।हल्द्वानी का एक बड़ा अस्पताळ मा इलाज चलणू।दिन पर दिन हालात बिगड़ते जाणी च।
मुन्नी की पहाड़ मा नि रैणा कि जिद का कारण वींकु फ़ौजी जवैं महेश वींतै रामनगर लेकी ऐगे। वैन बि सोचि कि बच्चा शहर मा भलि इस्कूल मा पढि-लिखि जाला।गौं मा बुड्या ब्वे-बुबा तै छोडिकी बाल-बच्चों तै भरतपुरी मा किराया का मा रखी ऊँका वास्त गैस,राशन-पाणि,बेड-बिस्तर सब इंतजाम करी दे।नजदीक मा ही तीन लाख मा एक प्लाट बि खरीदी दे। अपणी छुट्टी पूरी हूण से पैलि मकान कि फाउँडेशन डळवै कि तीन कमरा-किचन,लैट्रिन-बाथरूम कु ठेका पाँच लाख मा एक मुसल्य़ा ठेकेदार मुहमद रईस तै दे दे।काम शुरू करवाणा का बाद ऊ अपणी ड्यूटी पर जम्मू-कश्मीर चलीगे।ड्यूटी बिटि बि ऊ फोन करि हालचाल पुछ्दु छौ।जाण से पैलि वैन अपणो अर घरवाली कु ज्वाइंट खाता खोलिकी वैमा दस लाख रुप्या धरी दीं।घरवाली का वास्त जर-जेवर बि खूब लियां छया।बच्चों का वास्त बि क्वी कमी नि छै।
मकान बणदा-बणदा लगभग छै मैना लगी गीं।ये बीच दशहरा का टैम पर ऊ एक हफ्ता की छुट्टी लेकी ऐ अर घर बैसू करी दे।छुट्टी पूरी कैरी ऊ वापिस ड्यूटी पर चलीगे। मकान बणणा का टैम पर ठेकेदार रोज ही काम द्यखणो आंदु छौ।रोज ही मुन्नी का दगड़ छ्वीं -बत्त लगाणा अर च्या पीणा का बहाना से बैठि जांदू छौ। दिन मा जब बच्चा इस्कूल चलि जांदा छाया,तब ऊ वींका दगड़ भितर बैठि जांदू छौ।हर्बि वैकी नजर खराब ह्वैगे।वैन मुन्नी तै अपणा जाळ मा फंसाणु शुरू करी दे।वींकु खूबसूरत शरीर अर रूप्या द्वीयों पर वैकि टक लगीं छै।एकदिन बाथरूम का वास्त टाईल्स पसंद कराणा का बहाना से ऊ वींतई बाजार अपणि गाड़ी मा लीगे। फिर दुकान बिटि ऊ वींतई अपणा कमरा मा लीगे।वख वैन एक कूणा मा चुपके से कैमरा लगै दे।कोको-कोला का दगड़ वैन मुन्नी तै दारू मिलैकी पिलै दे।कैमरा चालू करिकी वींतई बिस्तर मा लिजैकि छेड़खानी करण लगी गे।पैलि त वीन ना नुकर करि पण फिर वा मजबूर हवेगे। वैन वींका लता-कपड़ा निकाळी कि अपणा मन की करी दे।फिर वींतै वींका मकान मा छोडिकी ऐगे।यु सिलसिला अब रोज ही चलनु रहे।एकदिन वैन एक लाख रूप्या की मांग करी दे। वींन बोलि कि साढ़े चार लाख हिसाब मा ऐगीं।पचास हजार काम फाईनल हूण पर मिलि जाला। तब वैन अपणा लैपटॉप मा पिक्चर लगै दे।वैका दगड़ अपणी नंगी फोटो गलत हालत मा देखिकी वींकि आंखि चकरे गईं।वीन कबी नि सोची छौ कि यु इनु धोखा बि कैरि सकद।वैन बोलि कि रुपया दे दे। निथर मि पिक्चर सबि लोगों तै दिखै द्योंलू। वीन वैका खुटा पकड़ी दीं अर बोलि कि मि रूप्या द्योंलू।तू कैमा नि बतै।एका बाद ऊ जब चांदु वीं तै हम-बिस्तर करदू अर जब चांदु वींसे रूप्या ले लींदु।
घर बैस का टैम पर बि वींन अपणा जवैं तै कुछ नि बतै।मकान कि फाईनल पेमेंट ऊ करि गे छौ।फिर बि ठेकेदार मुहमद रईस वींकू शारीरिक अर आर्थिक शोषण करदू रहे।हर मैना खाता मा 20हजार रूप्या आंदा छया।पांच हजार मा घर खर्च चलैकी बाकि सबि बदमाश ठेकेदार रईस तै दीण पड़दा छया। एकदिन वैन फिर द्वी लाख कि मांग करी दे।वींन बोलि कि मीम जतगा छया मिन दे यलिन।पण ऊ नि मानु। आखिरकार वींतई अपणा जेवर ब्यचण पडीं।अबतक ऊ लगभग 15 लाख ससोड़ी गे। वा मजबूर छै।वैका चंगुल से भैर नि निकळी सकणी छै।वा शारीरिक,मानसिक अर आर्थिक रूप से लाचार ह्वै गे छै।
फौजी महेश एक साल बाद फिर छुट्टी मा घार आणू छौ।बाल-बच्चों का वास्त खूब लता-कपड़ा,घरवाळी का वास्त कश्मीरी फिरिन अर गरम शॉल ल्याणों छौ।वै तै घरवाळी अर बच्चों कि खुद लगीं छै।रेलगाड़ी मा एक-एक मिनट भारी लगणों छौ।आखिर गाड़ी रामनगर स्टेशन मा पहुंची गे।थ्री ह्वीलर से ऊ अपणो बक्सा,अटैची अर हौलडौल लेकि घर पर पहुंची गे।घरवाळी की हालत भौत ख़राब छै।वींकि मुखड़ी मुरझईं छै।वैन वीं तै पूछी कि त्वे क्य ह्वै।वींन शुरू मा कुछ नि बतै।पछि जब वैन बैंक खाता खाली देखीं अर घरवाळी का जेवर बि नि द्याखा त वैकी खुटों ताल़ा कि जमीन जनि कि खसगी गे।आखिरकार मुन्नीन एक-एक बात बतै दे।वा अपणा जवैं पर चिपकी की ह्यळी मारिकी रूण लगिगे।वैन बोलि कि तिन भौत बड़ी गलती करी दे।पैला का दिन ही मी तै बतै दींदी त आज यु हाल नि हूंदा।तिमला बि खते गीं अर नंगी बि दिखे गे।वै बदमाश तै त मि सबक जरूर सिखौंलु।वैन चट पुलिस स्टेशन जैकि पुलिस अधिकारी से बात करि सारी बात समझै।ठेकेदार का घर रात पुलिस कु छापा पड़ी।वैका कमरा बिटि लैपटॉप,कैमरा,कुछ कागजात,कंडोम अर शक्तिवर्द्धक कैपसूल बरामद करे गीं।हिरासत मा लेकि शोषण,बलात्कार अर चार सौ बीसी कु मुक़दमा कायम ह्वैगे।अबि ऊ जेल मा च। मुन्नी कि हालत बि ख़राब च।हल्द्वानी का एक बड़ा अस्पताळ मा इलाज चलणू।दिन पर दिन हालात बिगड़ते जाणी च।
डॉ नरेन्द्र गौनियाल सर्वाधिकार सुरक्षित .narendragauniyal@gmailcom
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आपका बहुत बहुत धन्यवाद
Thanks for your comments