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भुंदरा बौ के चर्चे हैं हर मकान पे , हर मचान पे , हर जुबान पे
चबोड़ , चखन्यौ , चचराट ::: भीष्म कुकरेती
अचकाल मुंबई मा बद्रीनाथ मंदिर निर्माण अर चिर सुंदरी , चिर यौवना भुंदरा बौ की ही चर्चा हूणि छन , प्याज की अब चर्चा नि हूंदी। ठीकि च जब प्याजन रुलाण इ च तो वांक चर्चा इ किलै करे जावो।
भुंदरा बौ आज सबसे चर्चित मनखिण ह्वे गे। इंटरनेट अर फेसबुक की महारानी भुंदरा बौ अजकाल मनहर दसौनी जी तै सीण नि दींदी।
वैदिन मि अपण घरवळि दगड़ एक ब्यौ मा जयुं छौ तो दसौनी जी बि अयाँ छया। सिवा -सौंळी बाद दसौनी जीक करतब कुछ अजीब इ ह्वे गेन। बार बार दसौनी जी कनफणि सी नजरूंन घरवळि तै घुरण लग गेन। हम द्वी झण जना बि जवां दसौनी जी की गरुड़ै नजर हमर पीछा करणि राइ। हम पानी पूरी का काउंटर पर छया अर दसौनी जी सलाद का काउंटर पर छया अर उंकी नजर केवल मेरी घरवळि पर टिकीं छे। मेरी घरवळिन पूछ ," यु तुमर दोस्त क्वा च ? जख बि मि जाणु छौं। मि तैं घुरणु च। "
हम पिज्जा काउंटर पर गेवां पर दसौनी जीकी नजर उखी पौंछि गे।
अब मे पर बि आग लग गे।
मि दसौनी जीक पास औं अर पूछ , दसौनी जी यी क्या च ? वा मेरी वाइफ च। सात फेरा का बाद मील वा। अब तुम ?"
दसौनी जी ," भीषम जी ! वो या भुंदरा बौ नी च ना ? ठुमरी घरवळि च ना ?"
मि ," हाँ मेरी वाइफ च "
दसौनी , " फिर ठीक च। मी बि सुचणु छौ कि चिर यौवना , चिर सुंदरी भुंदरा बौ इन खंडहर नि ह्वे सकदी। "
मि ," क्या मतबल ?"
दसौनी जी ," नै नै कुछ ना। पर तुम भुंदरा बौ तै नि लयाँ ?"
मि ," जख तुम सरीखा घुरदा , टक्क लगौंदा कुटक्की द्यूर राला ऊख भुंदरा बौ नि ऐ सकदी। "
इना मीन दसौनी जी तै सटकाई कि ऊना म्यार ख़ास भतिजु आई अर पुछण लग गे ," ताऊ जी आपसे बी बड़े ताऊ जी हैं क्या ?"
मीन जबाब दे ," ना सबि भायुं मा मि इ सबसे बड़ो भाई छौं। "
भतिजू,"तो फिर जिसे देखो व्ही पूछ रहा कि आशु ! तेरी भुंदरा ताई जी कहाँ है ?"
मीन वै तै पुऴयाइ पत्यायि लोग तो इनि बुलणा रौंदन।
ऊख ब्यौ जु इ मि तै मिलणु राइ स्यु इ भुंदरा बौका स्वास्थ्य की खबर सार ही पुछणु रॉय। सबतै भुंदरा बौमा इंट्रेस्ट छौ मीमा कै तै क्वी इंट्रेस्ट नि छौ।
वैदिन रविवार छौ अर मि अपण मोबाइल छोड़िक एक घंटा कुण भैर चलि ग्यों। एकाद घंटा मा औं तो घरवळ में पर गुर्राट करणा छया।
म्यार छूट नौनु ," पापा ! मोबाइल अपने साथ ले जाया करो। कोई बलदेव राणा हैं। साठ मिनट में बौसठ बार फोन कर चुके हैं कि भुंदरा बौ घर पर हैं ?"
मीन बलदेव राणा जी तै फोन कार ," हाँ जी राणा जी ?"
बलदेव राणा जीन अति उत्साह मा ब्वाल ," कुकरेती जी ! तुम मि तै चिरसुन्दरी भुंदरा बौ तैं मिलावो। "
मि ," कनो क्या ह्वाइ ?"
राणा जी कु जबाब छौ ,"नै मि तुमर अर भुंदरा बौक अणमेल प्रेम पर गढ़वळि मा फिलम बणाण चाणु छौं। "
कनि कौरिक बि मीन राणा जी तै पटाई कि समय आण पर मि भुंदरा बौ तै मिलै द्योलु। तब जैक ऊंन फोन काट।
इना मीन फोन काट कि मेरी मा जसोदा बोडीक दगड़ ऐ गे। माँ गुस्सा मा छे। जसोदा बोडिक हथ पर अखबार छया। माँ ग्राउंड फ्लोर मा रौंदी अर मि फस्ट फ्लोर मा।
माँ - ये भीषम ! यी मी क्या सुणणु छौं ? बुडेंद दैं क्या खज्यात अयीं च तेरी ?
मि -क्या ह्वाइ ?
माँ - क्या नि ह्वाइ ? सी अखबारुं मा तू क्या क्या लिखणी छे कि तेरी भुंदरा बौ च अर ....
जसोदा बोडी - अर तू सब तै बताणी बि छे कि त्यार अर भुंदरा बौक क्या संबंध छन। इ देखि लेदि रंत रैबार , शैलवानी , दैनिक चिंगारी मा सब भुंदरा बौ अर तेरी छ्वीं लगीं छन।
मीन कनी करिक माँ अर बोडी तै अपण भुंदरा बौका रिस्ता समझाई। बड़ी मुस्किल कैक द्वी समझणो तयार हवेंन। हालांकि अब जब बि माँ तै कुछ नि मिल्दो तो माँ भुंदरा बौक बात करण लग जांदी।
ब्यालि ऑफिस मा बैठ्युं छौ। ऑफिस मा हल्ला मची गे। मेरी सेक्रेटरी अर द्वी ह्यूमन रिसोर्स विभागक कर्मचारी मीम ऐन।
एकॉन ब्वाल ," सर कोई आपकी सेक्रेटरी को बार बार फोन कर तंग कर रहा है। पुलिस कम्प्लेंट करनी पड़ेगी।"
मीन सेक्रेटरी तै पूछ ," क्या ह्वाइ ?
सेक्रट्रिक रुणफती मा जबाब छौ ," सर वो बार बार फोन कर पूछ रहा है -इज भुंदरा बौ दियर ? भुंदरा बौ ऑफिस में है क्या ?"
मीन ब्वाल - उसको फोन लगाओ।
मेरी सेक्टरट्रीन फोन लगाई अर फोन मीम दे।
मीन ब्वाल , हाँ ब्वालो मि भुंदरा बौ ...
उख बिटेन ऑपरेटरों जबाब ऐ - सर थैंक यु। मी तुमर ऑपरेटर से कथगा पुछणु रौं कि पुट मि ऑन भुंदरा बौ पर तुमर ऑपरटर हर बार जबाब दींदि छे कि भुंदरा बौ डज नोट वर्क हियर।
मि - ओके ब्वालो। तुम कु छंवां अर क्या काम च ?
ऑपरेटर - सर मिस्टर दयानंद द्विवेदी वुड लाइक टु टाक विद यु।
ऑपरेटरन द्विवेदी जे से फोन जवाड़।
मि - हेलो द्विवेदी जी ! यी क्या भै तुमन म्यार नाम इ बदल दे ?
द्विवेदी जी - सॉरी भीषम जी ! मि भुंदरा बौ से इथगा प्रभावित छौं कि मीन तुमर नाम इ भुंदरा बौ धर दे।
मी - क्या द्विवेदी जी ! आप बि ना ?
25/8 /15 ,Copyright@ Bhishma Kukreti , Mumbai India
*लेख की घटनाएँ , स्थान व नाम काल्पनिक हैं । लेख में कथाएँ , चरित्र , स्थान केवल व्यंग्य रचने हेतु उपयोग किये गए हैं।
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