Rise and Fall of Kushans in India referring History of Haridwar, Bijnor, Saharanpur
हरिद्वार , बिजनौर , सहारनपुर इतिहास संदर्भ में भारत में कुषाण साम्राज्य
Ancient History of Haridwar, History Bijnor, Saharanpur History Part - 165
कुशाण इतिहास संदर्भ -
पुरी , इण्डिया अंडर कुषाणज
Copyright@ Bhishma Kukreti Mumbai, India 17/8 /2015
History of Haridwar, Bijnor, Saharanpur to be continued Part --166
हरिद्वार, बिजनौर , सहारनपुर का आदिकाल से सन 1947 तक इतिहास to be continued -भाग -166
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हरिद्वार इतिहास , बिजनौर इतिहास , सहारनपुर इतिहास -आदिकाल से सन 1947 तक-भाग - 165
इतिहास विद्यार्थी ::: भीष्म कुकरेती
कुशाण जाति आगमन
शकों की हराकर पहलवों ने शासन किया और पहलवोँ को हराकर कुशाण राजाओं ने भारत में प्रवेश किया।
प्राचीन साहित्य में कुशाण जाति की पहचान तुषार या तोखारी जाति से की जाती है (सभापर्व , महभारत ) । कुणिंद जनपद के निवासियों में पारद व तुषार दोनों का उल्लेख मिलता है (सभापर्व , महाभारत )।
कुषाणों का भारतीय संस्कृति से परिचय व प्रभावित होना
कुषाणों द्वारा भारत प्रवेश से पहले ही भारतीय संस्कृति से परिचय हो चुका था व कुशाण भारतीय संस्कृति से परिचित भी थे। गांधार आदि क्षेत्रों में मौर्य काल से ही कुशाण कांठे खोतन प्रदेश में अपना उपनिवेश बनाकर उसे सांस्कृतिक दृष्टि से भारत का भाग बना चुके थे (पुरी )।
कुजुल कदफिस्
भारत में यवन , शक , पह्लव और कुशाण राजयविधि के बारे में इतिहासकारों के मध्य एका नही है।
अनेक विद्वानों का मत है कि ईशा के प्रथम शती के पूर्वार्ध में कुशाण नरेश कुजुल कदफिस् ने पह्लव नरेश से उसकी राजधानी तक्षशिला छीन ली थी समकालीन , यवन , शक व पह्लवि शाशकों को कदफिस् की अधीनता स्वीकार करनी पड़ी थी (बंदोपाध्याय )।
पश्चिम की ओर कदफिस् का साम्राज्य मर्व तक था बैक्षु (ऑक्सस ) नदी के प्रसिद्ध व्यापारिक मार्ग पर कदफिस् का नियंत्रण था (पुरी ) ।
कदफिस् की मुद्राओं में कुछ पर बैठे हुए बुद्ध का चित्र मिलता है। इससे पहले भारत में बुद्ध का मानवचित्र नही मिलता है। कदफिस् के मुद्राओं में खरोष्ठी में ' महरयस रयरस देवपुत्रस ( महराजस्य , राजराजस्य देवपुत्रस्य ) अंकित है। कदफिस् ने ध्रमठित का विरुद भी धारण किया था। इससे साफ़ जाहिर है कि कदफिस् बौद्ध धर्म से प्रभावित था।
कदफिस् को ही कुशाण सम्राज्य का पहला राजा माना जाता है और उसने 80 साल तक राज य किया।
पुरी , इण्डिया अंडर कुषाणज
महाभारत
बंदोपाध्याय - प्राचीन मुद्राएं
घ्रिशमैन , ईरान
एलन - क्वाइन्स ऑफ अन्सिएंट इण्डिया
राहुल , मध्यएशिया का इतिहास
डा शिव प्रसाद डबराल , उत्तराखंड का इतिहास भाग -३
Copyright@ Bhishma Kukreti Mumbai, India 17/8 /2015
History of Haridwar, Bijnor, Saharanpur to be continued Part --166
हरिद्वार, बिजनौर , सहारनपुर का आदिकाल से सन 1947 तक इतिहास to be continued -भाग -166
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