गीत : नरेन्द्र सिंह नेगी
सौणा का मैना ,ब्वे कनुके रैणा , कुयेड़ी लौकअली |
अँधेरी रात ,बर्खाकि झमणाट ,खुद तेरी लागअली ||
अँधेरी रात ,बर्खाकि झमणाट ,खुद तेरी लागअली ||
चौडांडूयूँ पोर सर्ग गगणाद आँद
हिरिरिरि पापी बर्खा झुकी आँद
बडूली लागअली |
सौणा का मैना..........||
गाड-गदन्यो स्वीस्याट घनाघोर
तुम परदेश मी यखुली घौर
जिकुड़ी डौरअली |
सौणा का मैना ...............||
डेरा नौन्याल अर् पुंगड्यू धाण
रूण झुण बरखा घासअकु भी जाण
झुलि मेरी रुझअली |
सौणा का मैना ...............||
सौण भादों बरखी कि चली गैनी
ऋतू गैनी मेरी आंखी नी उबेनी
झणी कब उबाली |
सौणा का मैना ...............||
गीत : गढ़रत्न श्री नरेन्द्र सिंह नेगी
पुस्तक : खुचकंडी
© सर्वाधिकार सुरक्षित
हिरिरिरि पापी बर्खा झुकी आँद
बडूली लागअली |
सौणा का मैना..........||
गाड-गदन्यो स्वीस्याट घनाघोर
तुम परदेश मी यखुली घौर
जिकुड़ी डौरअली |
सौणा का मैना ...............||
डेरा नौन्याल अर् पुंगड्यू धाण
रूण झुण बरखा घासअकु भी जाण
झुलि मेरी रुझअली |
सौणा का मैना ...............||
सौण भादों बरखी कि चली गैनी
ऋतू गैनी मेरी आंखी नी उबेनी
झणी कब उबाली |
सौणा का मैना ...............||
गीत : गढ़रत्न श्री नरेन्द्र सिंह नेगी
पुस्तक : खुचकंडी
© सर्वाधिकार सुरक्षित
No comments:
Post a Comment
आपका बहुत बहुत धन्यवाद
Thanks for your comments