(सन्दर्भ :डा त्रिलोचन पांडे :कुमाउनी भाषा और साहित्य )
(इंटरनेट प्रस्तुती व व्याख्या - भीष्म कुकरेती )
धन्य -धन्य भगत सिंहा , धन्य तुम हणि I
(इंटरनेट प्रस्तुती व व्याख्या - भीष्म कुकरेती )
धन्य -धन्य भगत सिंहा , धन्य तुम हणि I
पाणि को पिजिया बीरा , पाणि को पिजिया I
फांसी हणि गयो वीरा , आजादी को लिजिया I
हल हल आमाँ वीरा , हल हल आमाँ I
आहा ते वीरा कैं फांसी है , सात बाजी शामा I
आबा न्है गया वीरा , बैकुंठ का धामा I
तै वीरा आया हो वीरा , फूलों का विमाना I
खेली हाल तास वीरा, खेली हाल तासा I
भारत माँ छ्पो वीरा , तेरो इतिहासा I
लसी पसी खीरा देशा , लसी पसी खीरा I
भारत जाहिर है गे , तेरी तसबीरा
O Bhagat Singh! We are obliged; we are obliged by your Sacrifice
O Bhagat Singh! For your fight for independence, you were hanged
O Bhagat Singh! At seven o clock evening, you were hanged
O Bhagat Singh! You reached to heaven
The flower airplane came to take brave Bhagat Singh
O Bhagat Singh! Your history is published in India
O Bhagat Singh! Your photographs are seen all over India
Copyright (Interpretation) @ Bhishma Kukreti, bckukreti@gmail.com 14/8/2013
Folk Songs from Kumaon-Garhwal-Haridwar (Uttarakhand) to be continued…316
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