तीलु रौतेली रणभूत जागर : संसार की महान स्त्री योद्धा को श्रधांजलि
( Garhwali Female Warriors , Himalayan Women Warriors, Indian Women Warriors )
Teelu Rauteli is one of the great historical and mythological female warrior of Garhwal . Garhwalis do demonolatry for her braveness as Ranbhoot dance and song (Mandan) .
As in many folk songs in all over world folk literature, Garhwalis praises Teelu Rauteli in Jagar of Ranbhoot Mandan as brave as male brave warrior and dinstinguish her as brave heroin of the era of kings Dhamshahi Kantura of Kumaun and Manshahi king of Garhwal. After the defeat of Manshah against Dhamshah , Teelu rauteli and her aids as Shibbu pokhariyal Negi Sardar, Ghimandu Hudkiya, her maids did fight on behalf of the Garhwali king
तीलू रौतेली रण भूत जागर
डा शिवानन्द के अनुसार , " वीरांगना तीलू रौतेली गढवाल कि झांसीकि राणी कहलायी जाती है . तीलू कि याद में रण भूत नचाया जाता है . जबतीलू रौतेली नचाई जाती है तो अन्य बीरों के रण भूत /पश्वा जैसे शिब्बूपोखरियाल, घिमंडू हुडक्या, बेलु -पत्तू सखियाँ , नेगी सरदार आदि के पश्वाओंको भि नचाया जाता है . सबके सब पश्वा मंडांण में युद्ध नृत्य के साथ नाचतेहैं"
ओ कांडा का कौथिग उर्यो
ओ तिलु कौथिग बोला
धका धे धे तिलु रौतेली धका धे धे (Read धे as Dhai )
द्वी बीर मेरा रणशूर ह्वेन
भगतु पत्ता को बदला लेक कौतिक खेलला
धका धे धे तिलु रौतेली धका धे धे
अहो रणशूर बाजा बजी गेन रौतेली धका धे धे
बोइयों का दूध तुम रणखेतु बतावा धका धे धे
तीलु रौतेली ब्वादा रणसाज सजावा धका धे धे
इजा मैणा यूं बीरूं टीका लगावा , साज सजावा ,धका धे धे
मै तीलु बोदू जौंका भाई होला , जोंकी बैणि होली
ओ रणखेत जाला धका धे धे
बल्लू प्रहरी टु मुलक जाइक धाई लगै दे धका धे धे
बीरों के भृकुटी तण गे धका धे धे
तीलु रौतेली धका धे धे
ओ अब बूड़ी सलाण नाचण लागे धका धे धे
अब नई जवानी आइगे धका धे धे
बेलू देबकी द्वी सखी संग चली गे धका धे धे
ओ खैरा गढ़ मा जुद्ध लगी गे धका धे धे
खड़कु रौत तखी मोरी गे धका धे धे
तीलु रौतेली धका धे धे
ओ काण्ड को कौतिक उर्यो गे धका धे धे
तीलु रौतेली तुम पुराणा हथ्यार पुजावा धका धे धे
अपणि ढाल कटार तलवार सजावा धका धे धे
घिमंडू की हुडकी बाजण लगे धका धे धे
ओ रणशूर साज सजीक ऐगे तीलु रौतेली धका धे धे
दीवा को अष्टांग करी याल धका धे धे
रण जीति घर आइक गाडुल़ो छतर रे धका धे धे
धका धे धे तीलु रौतेली धका धे धे
पौंची गे तीलु रौतेली टकोली भौन धका धे धे
यख बिद्वा कैंत्युरो मारियाले धका धे धे
तब तीलु पौंची गे सल्ड मादेव धका धे धे
ओ सिंगनी शार्दूला धका धे धे
धका धे धे तीलु रौतेली धका धे धे
येख वख मारी कैकी बौडी गे चौखाटिया देघाट धका धे धे
बिजय मीले पण तीलु घिरेगे धका धे धे
बेल्लू देबकी रणखेतुं मा इखी काम ऐन
इथगा मा शिब्बू पोखरियाल मदद लेक आइगे धका धे धे
अब शार्दूला लड़द पौंची कालिंकाखाळ
सराइंखेत आइगे घमासान जुद्ध ह्व़े धका धे धे
शार्दूला की मार से कैंत्युरा रण छोडि भाजी गेन धका धे धे
रण भूत पितरां कल तर्पण दिंऊला धका धे धे
यख शिब्बू पोखरियाल तर्पण देण लग्ये धका धे धे
सराईखेत नाम तभी से पड़े धका धे धे
यख कौतिक तलवारियों को होलो धका धे धे
ये तें खेलला मरदाना मस्ताना रणवांकुर जवान धका धे धे
सरदार चला तुम रणखेत चला तुम धका धे धे
धका धे धे तीलु रौतेली धका धे धे
ओ रणसिंग्या रणभेरी नगाड़ा बजीगे धका धे धे
ओ शिब्बू ब्वाडा तर्पण करण खैरागढ़ धका धे धे
अब शार्दूला पौंची गे खैरागढ़ धका धे धे
यख जीतू कैंत्युरा मारी , राजुला जै रौतेली अगने बढी गे धका धे धे
रण जीति सिंगनी दुबाटा मा नाण लगे धका धे धे
राजुलात रणचंडी छयी अपणो काम करी नाम धरे गे धका धे धे
कौतिका जाइक खेलणो छयो खेली याला
याद तौंकी जुग जुग रहली धका धे धे
तू साक्षी रैली खाटली के देवी धका धे धे
तू साक्षी रैली स्ल्ड का मादेव धका धे धे
ओ तू साक्षी रैली पंच पाल देव
कालिका की देवी लंगडिया भैरों
ताडासर देव , अमर तीलु, सिंगनी शार्दूला धका धे धे
जब तक भूमि , सूरज आसमान
तीलु रौतेली की तब तक याद रैली
धका धे धे तीलु रौतेली धका धे धे
सन्दर्भ व साभार : डा शिवानन्द नौटियाल , गढ़वाल के लोकनृत्य
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