Samples of Different Dialects of Kumauni Language one of the Indian oldest langauges . Part - 2-3
Presented by Bhishm Kukreti on Internet Medium
भाग - २
हिंदी : उसने क्या किया ?
१- पिठौरागढ़-खास की बोली : वील के कर्छय
२- गंगोलीहाट की बोली: वील कि करी
३- बेरीनाग की बोली : वीमिलि के करी
४-अस्कोट की बोली: उले कि करीछ
५- थल की बोली : उले क्या गरिच्छ
६- लोहाघाट -चम्पावत की बोली : वीले कि कच्छर्य
७- खासपर्जिया बोली: वील के करी
भाग ३
हिंदी : तुमने क्या पढ़ा ?
१- पिठौरागढ़-खास की बोली : तैलू के पड़ छ्य ?
२- गंगोलीहाट की बोली: त्वील कि पड़ो (यहाँ , ड़ो =ड़ + औ ) ?
३- बेरीनाग की बोली : तीमिलि कि की पड़ो (यहाँ , ड़ो =ड़ + औ )
४-अस्कोट की बोली: तुमले की पड़ो (यहाँ , ड़ो =ड़ + औ )
५- थल की बोली : तीले क्या पड़छै
६- लोहाघाट -चम्पावत की बोली : तुमले कि पड़छ ?(ड़ आधा )
७- खासपर्जिया बोली : तुमल के पड़ी
Sources
१- पिठौरागढ़-खास की बोली श्री देव चन्द्र चौधरी, पवदेव, पिठौरागढ़
२- गंगोलीहाट की बोली: कु. मुन्नी पंत, पाली , गंगोलीहाट
३-बेरीनाग की बोली: श्री नरेंद्र नाथ पंत , बेरीनाग , श्री जयदेव पंत , बेरीनाग
४-अस्कोट की बोली: दलजीत पाल, खोलीगौं , अस्कोट
५- थल की बोली: श्री गोपीचंद ठाकुर, बरड़ , थल
६- लोहाघाट -चम्पावत की बोली : श्री प्रताप सिंह अधिकारी, लोहाघाट
७- खासपर्जिया बोली: श्रीमती मुन्नी जोशी, मल्ला जोशीखोल़ा, अल्मोड़ा
Refrence: Dr. Bhavani Datt Upreti . 1976 Kumauni Bhasha Ka Addyayan , Smriti Prakashan, 124 Shahara Bag, Allahabad , UP
Published by Kumauni Samiti
3 B Katra , Allahabad
Copyright@ Dr Bhavani Datt Upreti
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