चुनगेर ,चबोड़्या -चखन्यौर्या -भीष्म कुकरेती
(s =आधी अ = अ , क , का , की , आदि )
घरवळि -तुम से त हमर सुख सयांद नी च।
मि - क्या कार मीन ?
घरवळि -कुछ नि कार वांकी त रूण च।
मि -क्या मतबल ?
घरवळि -बच्चौंन ब्वाल कि बाबा जी ! अचकाल चुनावी मौसम च त नेताओं तैं गाळि शब्द सप्लाई करणो ठेका ले ल्यावो जांसे घौरम एक सोफा सेट त ऐ जांद। पण तुम पर त आदर्श चुनाव संहिता कु डौंड्या नर्सिंग चढ़यूं छौ ।
मि - ह्यां पर , एक सोफा सेटौ बान बोटी बोटी कर दूंगा जन गाळि सप्लाइ करण क्वी भला लेखकुं काम च ?
घरवळि -जब नेता लोग गंदी गंदी गाळि दीणम नि शरमांदन त लिखवारुं तैं भद्दी भद्दी गाळि वाळ अब्यूजिव भाषण सप्लाइ करण मा क्यांक दिक्कत ?
मि -कुज्याण भै ! में से त गाळि दियांद नी च त अब्यूजिव भाषण सप्लाइ कनकै कौर ?
घरवळि -सि चार दिन बिटेन बुलणु छौं कि सोनिया बैणि कुण एक चिट्ठी ही भेज द्यावो। हमर इज्ज्त बढ़ी जाली। पर तुम तैं हमर इज्जत की पोड़ी ही नी च !
मि - अरे पर सुद्दी -मुद्दी किलै चिट्ठी लिखण ?
घरवळि -मि सुद्दी -मुद्दी चिट्ठी लिखणो थुका बुलणु छौं।
मि -तो ?
घरवळि -मि बुनु छौं वाराणसी बिटेन चुनाव टिकेट मांगणो चिट्ठी ल्याखो।
मि - वाराणसी बिटेन चुनाव टिकेट मांगणो चिट्ठी?
घरवळि -हाँ सोनिया बैणि कुण वाराणसी बिटेन चुनाव टिकेट मांगणो चिट्ठी ल्याखो।
मि -पर मि त क्वी राजनीतिज्ञ नि छौं।
घरवळि -त जावेद जाफरी , किरण खेर आदि क्वी राजनीतिज्ञ छन क्या ? नरेंद्र मोदी विरुद्ध चुनाव लड़िल्या तो अफिक अंतर्राष्ट्रीय नेता ह्वे जैल्या।
मि - ह्यां पर चिट्ठी मा क्या जि लिखण ?
घरवळि -पैल त चिट्ठी मा उर्दू शब्द हूण चयेंदन।
मि -उर्दू शब्दुं से नरेंद्र मोदीक विरुद्ध लड़णो क्या संबंध ?
घरवळि -ओहो ! उर्दू से प्रेम माने सेक्युलर हूणो प्रमाण पत्र।
मि - अच्छा ?
घरवळि -हाँ अर नरेंद्र मोदी से लड़न तो एकी नारायण अस्त्र च अर वा च सेक्युलर बाण।
मि -नरेंद्र मोदी तैं घायल करणो गुजरात मॉडल की पोल खोल बि त एक अस्त्र ह्वे सकुद कि ना ?
घरवळि -कना कना केजरीवाल जन घोड़ी खेत ह्वे गेन पर गुजरात इकोनोमी मॉडल कु तोड़ नि लै सकिन। नरेंद्र मोदी तैं केवल अर केवल सेक्युलर अस्त्र ही घायल कौर सकद।
मि - फिर ?
घरवळि -फिर ल्याखो कि तुमन बिन लादिन , अफजल गुरु जन आतंकवाद्युं अग्वाड़ी हमेशा 'जी ' लफ्ज इस्तेमाल कार।
मि -आतंकवाद्यूं तै आदर दीण क्वी भलो काम च ?
घरवळि -जब ईं सदी का महान सेक्युलर नेता दिग्विजय सिंह आतंकवाद्यूं तैं आदर देकि इंटरनेसनल सेक्युलर लीडर की पदवी पाइ सकदन तो तुम बि आतंकवाद्युं तैं सम्मान देकि नरेंद्र मोदीक विरुद्ध खड़ हूण लैक ह्वे सकदा।
मि - कुज्याण !
घरवळि -फिर तुम ल्याखो कि तुमन संस्कृत का विरुद्ध ल्याख याने कमोवेश रूप से संस्कृत तैं गाळि दे।
मि -मीन संस्कृत तैं गाळि नि दे किन्तु यु ब्वाल कि संस्कृत की जगा गढ़वाली अर कुमाउनी भाषा तैं राजभाषा बणन चयेंद।
घरवळि -हाँ तो तुमन संस्कृत कु कड़ा विरोध कार।
मि - संस्कृत कु विरोध से नरेंद्र मोदी का विरुद्ध चुनाव लड़णो क्या संबंध ?
घरवळि -ओहो संस्कृत विरोध माने सेक्युलर हूणो सर्टिफिकेट ! संस्कृत का विरोध कारो तो बस समझी ल्यावो कि तुम असली सेक्युलर ह्वे गेवां।
मि -कुज्याण भै !
घरवळि -फिर ल्याखो कि तुमन हिन्दू धर्म की कुछ किताबुं तीब्र आलोचना कार।
मि - मीन हिन्दू धर्म की आलोचना नि कार किन्तु हिन्दू धर्म का अंध विश्वासुं आलोचना कार।
घरवळि -फिर तुम सोनिया बैणि तैं बतावो कि तुमन कुरान की प्रशंसा कार।
मि -इखमा प्रशंसा की क्या बात ? कुरान का कुछ आयत आज बि काम का छन तो मीन लेखी दे।
घरवळि -ओहो हिन्दू धर्म की किताबुं आलोचना अर कुरान शरीफ की प्रशंसा ही हिंदुस्तान मा सेक्युलरिज्म माने जांद।
मि - नै सेक्युलरिज्म की या गलत परिभाषा च।
घरवळि -तुम ही तो बुलदवां कि मार्केटिंग अर पॉलिटिक्स मा गलत या सही परिभाषा कुछ नि हूंद छवि ही असलियत च अर छवि बणाणो बान कुछ प्रतीकुं आलोचना करण पोड़द अर कुछ प्रतीकुं प्रशंसा करण पोड़द।
मि -हाँ पर !
घरवळि -बस तुम खत मा ल्याखो कि तुम से बड़ो सेक्युलर तो दिग्विजय सिंह बि नि छन। इलै नरेंद्र मोदीका विरुद्ध लड़णो टिकेट दिए जाव।
मि -ह्याँ वराणसी वाळु तैं धर्मनिरपेक्ष नेता नि चयाणु च बल्कि उख साफ़ सफ़ाई , रोड , उद्यम चयाणा छन।
घरवळि -जब वाराणसी वाळु तै यु सब कुछ नि चयाणु च तो तुम किलै वाराणसी विकास की बात करण चाणा छंवां , वारणसी वास्युं तै विकास ही चयाणु हूंद तो डा मुरली मनोहर जोशी तैं वोट दींदा ?
मि - क्या खोट च डा जोशी मा ?
घरवळि -डा जोशी कु ट्रैक रिकॉर्ड च कि सन 1977 बिटेन ऊँन हर चुनाव मा चुनाव क्षेत्र बदल , किलैकि उ अपण क्षेत्र मा चुनाव बाद बार त्यौहारों मा बि नि जादन।
मि -ह्याँ पर नरेंद्र मोदी का विरुद्ध लड़न तो राजनैतिक कद हूण चयेंद , कुछ बड़ो सामाजिक काम कर्युं हूण चयेंद ।
घरवळि -ओहो यदि नरेंद्र मोदी का विरुद्ध सामाजिक कार्य करण ही क्वी पैरामीटर हूंद , पैमाना हूंद तो स्पेंट फ़ोर्स जन रशीद अल्वी की हिम्मत हूंदी सोनिया बैणि तैं चिट्ठी लिखणो ?
मि -मतबल नरेंद्र मोदी तैं घायल करण तो सेक्युलर अस्त्र से ही घायल करण ?
घरवळि -हाँ।
मि - पर फिर हम क्यांक घमंड करदां कि हमारो प्रजातंत्र परिपक्व ह्वे गे ?
अब आप ही सलाह द्यावा कि मी चिट्ठी लेखुं कि ना ?
घरवळि -उ मि नि जाणदु तुम सोनिया बैणि से नरेंद्र मोदी का विरुद्ध लड़णो टिकेट मांगो।
Copyright@ Bhishma Kukreti 1 /4/2014
*कथा , स्थान व नाम काल्पनिक हैं।
[गढ़वाली हास्य -व्यंग्य, सौज सौज मा मजाक से, हौंस,चबोड़,चखन्यौ, सौज सौज मा गंभीर चर्चा ,छ्वीं;- जसपुर निवासी द्वारा जाती असहिष्णुता सम्बंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; ढांगू वालेद्वारा पृथक वादी मानसिकता सम्बन्धी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;गंगासलाण वाले द्वारा भ्रष्टाचार, अनाचार, अत्याचार पर गढ़वाली हास्य व्यंग्य; लैंसडाउन तहसील वाले द्वारा धर्म सम्बन्धी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;पौड़ी गढ़वाल वाले द्वारा वर्ग संघर्ष सम्बंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; उत्तराखंडी द्वारा पर्यावरण संबंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;मध्य हिमालयी लेखक द्वारा विकास संबंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;उत्तरभारतीय लेखक द्वारा पलायन सम्बंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; मुंबई प्रवासी लेखक द्वारा सांस्कृतिक विषयों पर गढ़वाली हास्य व्यंग्य; महाराष्ट्रीय प्रवासी लेखकद्वारा सरकारी प्रशासन संबंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; भारतीय लेखक द्वारा राजनीति विषयक गढ़वाली हास्य व्यंग्य; सांस्कृतिक मुल्य ह्रास पर व्यंग्य , गरीबी समस्या पर व्यंग्य, आम आदमी की परेशानी विषय के व्यंग्य, जातीय भेदभाव विषयक गढ़वाली हास्य व्यंग्य; एशियाई लेखक द्वारा सामाजिक बिडम्बनाओं, पर्यावरण विषयों पर गढ़वाली हास्य व्यंग्य, राजनीति में परिवार वाद -वंशवाद पर गढ़वाली हास्य व्यंग्य; ग्रामीण सिंचाई विषयक गढ़वाली हास्य व्यंग्य, विज्ञान की अवहेलना संबंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य ; ढोंगी धर्म निरपरेक्ष राजनेताओं पर आक्षेप , व्यंग्य , अन्धविश्वास पर चोट करते गढ़वाली हास्य व्यंग्य श्रृंखला जारी ]
*कथा , स्थान व नाम काल्पनिक हैं।
[गढ़वाली हास्य -व्यंग्य, सौज सौज मा मजाक से, हौंस,चबोड़,चखन्यौ, सौज सौज मा गंभीर चर्चा ,छ्वीं;- जसपुर निवासी द्वारा जाती असहिष्णुता सम्बंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; ढांगू वालेद्वारा पृथक वादी मानसिकता सम्बन्धी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;गंगासलाण वाले द्वारा भ्रष्टाचार, अनाचार, अत्याचार पर गढ़वाली हास्य व्यंग्य; लैंसडाउन तहसील वाले द्वारा धर्म सम्बन्धी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;पौड़ी गढ़वाल वाले द्वारा वर्ग संघर्ष सम्बंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; उत्तराखंडी द्वारा पर्यावरण संबंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;मध्य हिमालयी लेखक द्वारा विकास संबंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;उत्तरभारतीय लेखक द्वारा पलायन सम्बंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; मुंबई प्रवासी लेखक द्वारा सांस्कृतिक विषयों पर गढ़वाली हास्य व्यंग्य; महाराष्ट्रीय प्रवासी लेखकद्वारा सरकारी प्रशासन संबंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; भारतीय लेखक द्वारा राजनीति विषयक गढ़वाली हास्य व्यंग्य; सांस्कृतिक मुल्य ह्रास पर व्यंग्य , गरीबी समस्या पर व्यंग्य, आम आदमी की परेशानी विषय के व्यंग्य, जातीय भेदभाव विषयक गढ़वाली हास्य व्यंग्य; एशियाई लेखक द्वारा सामाजिक बिडम्बनाओं, पर्यावरण विषयों पर गढ़वाली हास्य व्यंग्य, राजनीति में परिवार वाद -वंशवाद पर गढ़वाली हास्य व्यंग्य; ग्रामीण सिंचाई विषयक गढ़वाली हास्य व्यंग्य, विज्ञान की अवहेलना संबंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य ; ढोंगी धर्म निरपरेक्ष राजनेताओं पर आक्षेप , व्यंग्य , अन्धविश्वास पर चोट करते गढ़वाली हास्य व्यंग्य श्रृंखला जारी ]
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आपका बहुत बहुत धन्यवाद
Thanks for your comments