हंसोड्या , चुनगेर ,चबोड़्या -चखन्यौर्या -भीष्म कुकरेती
(s =आधी अ = अ , क , का , की , आदि )
लोकसभा चुनाव मुंबई , 24 /4 /2014
ब्याळि मि वोट खतणो yane वोट दीणो ग्यों। जी हां में सरीखा पढयूं -लिख्युं मनिखाकुण मुंबई मा वोट दीण खतण इ च। तबि त इख वोट कम दींदन। यी लोग जु वोट नि दींदन चादन कि यूंक बांठक क्वी हैंक हौगीक ऐ जाव।
भौत साल ह्वे गे छा मीन लोकसभा चुनावु मा वोट नि खौत किलैकि द्वी दैं चुनावी मशीनरी म्यार नाम वोटर लिस्ट मा डाळद बिसर गे अर एक दै मि टूर पर चलि ग्यों ।
मि अर मेरी घरवळि तकरीबन कैजुवल सी अपण भाग्य -विधाता छंटणो वोट दीणो रोड मा ऐवां पर रोड मा हमर स्वागत मा दूर तलक बि कैं बि पपार्टीक कार्यकर्ता नि दिखेन बस एक जगा मा द्वी अलग अलग मेजूं मा अलग अलग पार्टयूँ उदासीन सि कार्यकर्ता बैठ्या छा।
मि पर्ची लीणो एक पार्टीक मेज मा ग्यों त खडु हुयुं स्थानीय कार्यकर्तान बोलि ," आपके यहां तो चुनाव आयोग द्वारा प्रिंटेड पर्ची हमने कल भिजवा दी थी। "
मि हैंक पार्टीक मेज मा ग्यों त वीं पार्टीक स्थानीय कार्यकर्तान बि इनि ब्वाल कि चुनाव आयोग द्वारा प्रेसित पर्ची त पौंछि गे होलि।
समज मा नि आयि कि लोग या टीवी वाळ बुलणा छन कि मोदी वेव या सुनामी चलणि च त फिर इख कार्यकर्ता उदासीन किलै होला ?
तब चुनाव केंद्र मा जांद एक हैंक वोटरन बताइ कि एक पार्टी तैं पूरा भरोसा च कि वीं पार्टीक जीत पक्की च तो कार्यकर्ता पृथ्वी राज चौहान की सेना का तरां युद्ध से पैलि होटल मा बैठिक जीमण -जामण करणा छन। त हैंक पार्टी तैं पूरो भरोसा च कि अबाकी दै वींन नि जितण त कार्यकर्ता दुःख दूर करणो जीमण -जामन करणो होटल जयां छन।
मतलब अबै दैं वोट दे त च पर कार्यकर्ताओं उदासीनता जोगेश्वरी मा दिखे अर यांसे मजा नि आयि।
तब जनता पार्टी की सरकार खतम ह्वे गे छे अर उत्तर -पश्चिम -मध्य भारत की जनता तै पैल बार लग कि यांसे बड़ो धोखा कुछ ह्वे इ नि सकुद।
तब मुंबई मा लोग वोट दीणो आंद छा , तब वोट खतणो शब्द डिक्सनरी मा नि ऐ छौ।
तब हम द्वी झण बण ठणीक वोट दीणो बिल्डिंग से जनि भैर अवां कि गेट पर हि एक पार्टीक कार्यकर्तान म्यार एक बौंळ पकड़ अर हैंक पार्टीक जनानी कार्यकर्तान मेरि घरवळि बौंळ पकड़ अर जब तलक हम कुछ समजदा कि कार्यकर्ता हम तैं अपण अपण पार्टीक मेज का समिण ली गेन। हमारी पर्ची दिए गे अर कार्यकर्ता हम तैं अलग अलग पकड़िक चुनाव केंद्र तक लीगिन। हम तैं कार्यकर्ता इन लिजाणा छा जन बुल्यां गौड़ी तैं क्वी बिवरि मुलेक एक गाँवन हैंक गाँव खदेड़ीक , हांककर लिजाणु ह्वाऊ।
जब तक हम चुनाव केंद्र का पुटुक नि गेवां कार्यकर्ताऊंन हमतै नि छवाड़। सबि वोटरूं ई हाल छा।
यु समय छौ जब उत्तर प्रदेश मा कॉंग्रेस से लोग मुक्ति चाणा छा। तब चुनाव केंद्र दूर दूर हूंद छा। हम विद्यार्थी बि मास्टर रामस्वरूप का समर्थक छया। किन्तु कॉंग्रेस कु उम्मेदवार वीवी शरण की विदेशी शराब की फैक्ट्री छे अर पैसा वाळ छौ। रीठामंडी, भंडारी बाग़ , पथरी बाग़ से कॉंग्रेसी कार्यकर्ता तांगा या कुछ ख़ास लोगुं तैं जीप , कार या टेम्पो से वोटरूं तैं लाणा छा। बिचारा मास्टर रामस्वरूप का कार्यकर्ता कॉलेज का गेट पर बुलणा छा - कॉंगेस की जीप से आवो जावो वोट मास्टर जीको ही देवो।
हम विद्यार्थ्युं तैं वोटर लाण से ज्यादा तांगा , जीप , कार की सवारी करणै पड़ी छे। तो हम कुछ दगड्या रीठामंडी जैक जीप का समणि हल्ला करदा -कॉंग्रेस को वोट दो , कॉंग्रेस को वोट दो अर यांक ऐवज मा जीप ड्राइवर हम तैं जीप की सवारी कु अवसर दींदु छौ। इनि तांगा की सवारी का वास्ता कॉंग्रेस को वोट दो चिल्लाण पड़दो छौ।
हम विद्यार्थ्युं तैं वोटर लाण से ज्यादा तांगा , जीप , कार की सवारी करणै पड़ी छे। तो हम कुछ दगड्या रीठामंडी जैक जीप का समणि हल्ला करदा -कॉंग्रेस को वोट दो , कॉंग्रेस को वोट दो अर यांक ऐवज मा जीप ड्राइवर हम तैं जीप की सवारी कु अवसर दींदु छौ। इनि तांगा की सवारी का वास्ता कॉंग्रेस को वोट दो चिल्लाण पड़दो छौ।
सन पूरी तरह से याद नी च पर इथगा पता च कि तब वन मंत्री जगमोहन सिंह नेगी का जी विरुद्ध कर्मभूमि का संपादक भैरव दत्त धुलिया जी पैलि बार खड़ा ह्वे छा। धूलिया जी पैल बार हारि छा दुसर बार जीति छा।
तब नेता वोटरूं पास कम आंद छा बल्कि नेता याने जगमोहन जी या धूलिया जीक भाषण सुणणो कुछ ख़ास लोग गांवुं से पैदल दस बीस मील जांद छा अर फिर गांव वाळ या क्षेत्र वळु तैं बतांदा छा कि नेता जीन क्या ब्वाल। लोग तब झूठा से झूठा नेता जी तैं बि सच मनिख समझदा छा अर अब सच्चो मनिख मनमोहन सिंह तैं लोग झूठा समझदन जब सच्चा नेता मनमोहन जी बुल्दन कि मोदी लहर छैं इ नी च।
हम बच्चो कुण चुनाव खेल या मनोरंजन का साधन छौ। जब कै पार्टी का कार्यकर्ता गाँव मा ऐक अपण पार्टीक प्रचार करदा छा तो हम वै स्लोगन या कविता गाणा आदि तैं रोज फेरी जन तब तक गान्दा छा जब तक हैंक पार्टीक कार्यकर्ता गाँव मा अपण नारा हम तैं नि सुणै जांद छौ। हरेक नारा हमकुण फ़िल्मी गाणा छौ।
चुनावी पैम्पलेट हम स्कुल्यों कुण एक वरदान छौ। तब पैम्फलेट एक ही साइड छपे जांद छौ अर चुनावी पैम्फलेट हमकुण रफ कॉपी काम आंद छौ . हमर काम छौ , चुनावी पैम्फ़लेटों तै बटोळण जांसे द्वी चार मैना वास्ता गणित का सवाल करणो बान रफ कागज ह्वे जावन .
चुनाव का दिन याने खौळ -म्याळाक दिन । मरद लोग सज -धजीक , धुयाँ कपड़ा अर जनानी बिखोत जन रंगीन धोती , जेवर पैरिक वोट दीणो चुनाव केंद्र जांद छा। कुछ जनानी स्वाळ -पक्वड़ बणैक लिजांदी छे किलैकि दुसर गां बिटेन कैक बेटी , कैक नणद , जड़ज्यु , भूलि बि वोट दीणो आंद छा।
चुनाव केंद्र याने टंकाण स्कुलौ मैदान मा मेला जन माहौल हूंद छौ । मूंगफली अर जलेबी बि बिकदी छे।
ग्वील का नंदा दत्त जी ढोल दमाऊ लेक चुनाव केंद्र आंद छा तो कुछ लोग पंडो बि नाचदा छा। पूरा माहौल खुसी अर त्यौहार का हूंद छौ। तब चुनाव का मतबल ही त्यौहार हूंद छौ।
Copyright@ Bhishma Kukreti 25/4/2014
*कथा , स्थान व नाम काल्पनिक हैं।
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