चुनगेर ,चबोड़्या -चखन्यौर्या -भीष्म कुकरेती
(s =आधी अ = अ , क , का , की , आदि )
वा (फोन मा र )- अबै दैं जितणौ पूरा चांस छन।
वु (मन ही मन मा )- पता नि क्या बुलणि च धौं। अबै दैं हम तैं हारण से भगवान बि नि बचै सकुद।
वा (फोन मा ) -सलेक्सन कमेटी चैन मा च।
वु (मन ही मन मा ) - सलेक्सन कमेटी चैन मा कख च ? सलेक्सन कमेटी मेंबर तनाव मा छन।
वा (फोन मा ) -सलेक्सन कमेटी मेंबर बड़ा इतमिनान मा छन।
वु (मन ही मन मा )- सलेक्सन कमेटी मेंबरुं समज मा नि आणु कि करण क्या च।
वा (फोन मा )-टीम मा आणो पिपड़कार लग्युं च। एक प्लेस का वास्ता सौ सौ तयार छन।
वु(मन ही मन मा ) - इक जौं तैं टिकेट द्याई वू टिकेट वापस करिक भाजपा मा जाणा छन।
वा (फोन मा )-हरेक टीम मेंबर फिनिश करणो तयार बैठ्याँ छन।
वु (मन ही मन मा )- हरेक मेंबर फिनिश हूणो तयार बैठ्याँ छन।
वा (फोन मा ) -हरेक टीम मेंबर एक दुसरै सहायता करणा छन। टीम मा टीम स्प्रिट च।
वु(मन ही मन मा ) - हरेक टीम मेंबर एक दुसर तैं लमडाणो तयार बैठ्याँ छन। स्प्रिट पेक टीम स्प्रिट तोड्याणि च
वा ( फोन मा ) -टीम मा विचार विमर्श हूंद कि प्लान 'A ' नि चौलल तो प्लान 'B' क्या होलु अर प्लान 'C' क्या होलु ।
वु (मन ही मन मा )- टीम मा एक दुसर तैं भतकाणो बान प्लान 'A' बणद , एक हैंक तैं पछाड़नो बान प्लान 'B' बणद अर एक हैंक की मौ उजाड़नो बान प्लान 'C' बणद ।
वा (फोन मा )-ऑपज़िट टीम तैं हराणो बान रणनीति बणाए जांद।
वु (मन ही मन मा )- अपरी टीम तैं हराणो रणनीति बणनि छन।
वा (फोन मा )-सबि रणनीति का हिसाब से खिलणा छन।
वु (मन ही मन मा ) - सबि रणनीति का उल्टा करणा छन ।
वा(फोन ) -Copyright@ C Bhishma Kukreti 5 /4/2014
वा (फोन मा ) - अबै दैं सेमीफाइनल जितणम बि कठिनाई नि ह्वे
वु (मन ही मन मा )- राजस्थान , मध्य परदेश कु सेमीफाइनल त हम हारी गेवां।
वा (फोन मा )-सट्टा बजार मा हमर जितणा चांस पर ही सट्टा लगणु च।
वु (मन ही मन मा )- सट्टा बजार मा हमर हरण पर ही सट्टा लगणु च।
वा (फोन मा )-सटोरिया सबसे सटीक फोरकास्ट करदन याने भविष्यवाणी करदन
वु (मन ही मन मा )- हाँ अर सटोरियोंन भविष्यवाणी कौर याल कि कौंग्रेसौ सुफड़ा साफ़ हूणु च।
वा (फोन मा ) -फ़ाइनल जितण तो डेड स्योर च। अच्छा मि फोन धरद।
वु - तू फोन मा क्यांक छ्वीं लगाणी छे ?
वा -T 20 वर्ल्ड कप की छ्वीं लगाणु छौ।
वु - मीन समज कि तू कॉंग्रेस की बात करणी छे।
वा -सुणो ! अब्याक अबि कॉंग्रेस का टिकट वापस करिक ऐ जावो।
वु- ह्याँ पण अब त नामांकन वापस लीणो तारीख बि चली गे।
वा -नै तुम अबि राजनाथ सिंह जी से बात कारो अर राजयसभा सीट का ऐवज मा कॉंग्रेस छोड़ी द्यावो।
वु - नैतिक दृष्टि से क्या यु ठीक रालो ?
वा -कनो आज नैतिकता याद आणि च ? अर पांच साल पैल जब भाजपा छोड़िक कॉंग्रेस मा भर्ती ह्वे छा तब नैतिकता कख जयीं छे।
वु - ठीक च मी राजनाथ सिंह जीक दगड़ निगोशिएट करद !
*कथा , स्थान व नाम काल्पनिक हैं।
[गढ़वाली हास्य -व्यंग्य, सौज सौज मा मजाक से, हौंस,चबोड़,चखन्यौ, सौज सौज मा गंभीर चर्चा ,छ्वीं;- जसपुर निवासी द्वारा जाती असहिष्णुता सम्बंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; ढांगू वालेद्वारा पृथक वादी मानसिकता सम्बन्धी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;गंगासलाण वाले द्वारा भ्रष्टाचार, अनाचार, अत्याचार पर गढ़वाली हास्य व्यंग्य; लैंसडाउन तहसील वाले द्वारा धर्म सम्बन्धी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;पौड़ी गढ़वाल वाले द्वारा वर्ग संघर्ष सम्बंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; उत्तराखंडी द्वारा पर्यावरण संबंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;मध्य हिमालयी लेखक द्वारा विकास संबंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;उत्तरभारतीय लेखक द्वारा पलायन सम्बंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; मुंबई प्रवासी लेखक द्वारा सांस्कृतिक विषयों पर गढ़वाली हास्य व्यंग्य; महाराष्ट्रीय प्रवासी लेखकद्वारा सरकारी प्रशासन संबंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; भारतीय लेखक द्वारा राजनीति विषयक गढ़वाली हास्य व्यंग्य; सांस्कृतिक मुल्य ह्रास पर व्यंग्य , गरीबी समस्या पर व्यंग्य, आम आदमी की परेशानी विषय के व्यंग्य, जातीय भेदभाव विषयक गढ़वाली हास्य व्यंग्य; एशियाई लेखक द्वारा सामाजिक बिडम्बनाओं, पर्यावरण विषयों पर गढ़वाली हास्य व्यंग्य, राजनीति में परिवार वाद -वंशवाद पर गढ़वाली हास्य व्यंग्य; ग्रामीण सिंचाई विषयक गढ़वाली हास्य व्यंग्य, विज्ञान की अवहेलना संबंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य ; ढोंगी धर्म निरपरेक्ष राजनेताओं पर आक्षेप , व्यंग्य , अन्धविश्वास पर चोट करते गढ़वाली हास्य व्यंग्य, राजनेताओं द्वारा अभद्र गाली पर हास्य -व्यंग्य श्रृंखला जारी ]
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