हंसोड्या , चुनगेर ,चबोड़्या -चखन्यौर्या -भीष्म कुकरेती
(s =आधी अ = अ , क , का , की , आदि )
अचकाल चुनावी गर्मी मा अर्ध श्रृंगारिक चकलस चलणि छन शहजादा अर शहजादी यशोदाबेन अर स्नूपगेट की छ्वीं बड़ी रसीली मिजाज मा जनता तै सुणाना छन त मौत सौदागर का परम हितैसी योग गुरु हनीमून का उद्धरणों से श्रृंगार रस पैदा करणा छन अर वेटिंग इन डिपुटी मिनिस्टर कॉंग्रेस तैं धमकी दीणु च कि यदि कॉंग्रेसी चुप नि होला त कॉंग्रेसी नेताओं की रखैलुं नाम ट्वीटरे जाल याने इंटरनेट मा नेताओं का रखैलूँ नाम प्रचारित करे जाल।
जब राजनैतिक दिवालियापन ऐ इ ग्यायि त देस की जनता का ध्यान असली मुद्दों से भटकाणो बान, जनता तैं अळजाणो बान हिन्दुस्तानी नेता इन कुकर्म करणा छन।
जख बहस का केंद्र हूण चयाणु छौ कि क्या कारण च कि वियतनाम देसन 45 भारतीय दवै कंपन्यूँ दवैऊं पर रोक किलै लगाइ त ऊख कॉंग्रेस अर भाजपा बेकार , खन्नु खरपट पर बहस करणा छन।
वियतनाम द्वारा भारतीय फार्मेस्युटिकल कंपन्यूँ मेडिसिन्स पर रोक चिंता कु विषय च , चुनावी चिंतन का विषय च। ना कि यशोदा बेन पर चक्क्लस।
वियतनाम द्वारा इंडियन ड्रग्स बैन करण हमर एक्सपोर्ट इंस्पेक्सन , ड्रग एनालिसिस, ड्रग्स पास करण जन सवालों पर सवाल उठांद। . भारत कु निर्यात , भारत कु कॉमर्स , भारत मा हेल्थ स्टैंडर्ड जन विषयुं पर चुनावी सभाओं मा चिंतन हूण चयेणु च।
वियतनामान यूँ 45 भारतीय कंपन्यूँ पर नोट टु स्टैण्डर्ड क्वालिटी (NSQ ) कु बड़ो अभियोग लगाइ याने कि यूं भारतीय कंपन्यूँ दवा दोयम क्वालिटी का छन।
या रोक बतांदी कि भारत देस निर्यात मा बि असावधानी बरतदु। जख हमर शीर्षस्थ नेतृत्व तैं चिंतित हूण चयेणुं छौ ऊख सिरमौरी नेता श्रृंगार रस से लत -पत कविता गाणा छन। जख इन जयुं बित्युं नेताओं तैं एक अंज्वळि पाणि मा डूब जाण छौ यी नेता रति कालीन कवितौं मा लीन छन।
वियतनाम द्वारा यी बताण कि भारतीय दवा नोट टु स्टैण्डर्ड क्वालिटी (NSQ )निर्माण करणा छन यू बथाणु च कि Drug Controller General of India (DCGI ) सियुं च अर यी कंपनी दोयम स्टैंडर्ड /क्वालिटी की दवै बणैक भारतीयों स्वास्थ्य से खूनी खिलवाड़ करणा छन। सिरमौरी नेताऊँ तैं यां पर बहस करण छे कि भारत मा क्वालिटी ड्रग्स कनकै निर्मित हो तो दिमाग से दिवालिया शीर्षस्थ नेतृत्व ड्रग्स क्वालिटी पर बहस करणै जगा एक दुसरो पूठ पर कथगा गू च पर चर्चा करण मा व्यस्त छन। यूँ कुर्सी का चोरुं तैं पड़ीं बि नी च कि जनता खराब गुणवत्ता की दवाओं से हौर बि बीमार हूणी च। यी बेईमान , बदमाश , बदचलन , बदखोर नेता तो दोयम दवा बणाण वळि कंपन्यूँ से चंदा लेकि कुकरलीला करणा छन याने असली मुद्दा छोड़िक कुकरूं तरां एक दुसर पर भुकणा छन अर यूं लुच्चा , लफंगा नेताओं , लालची नेताओं कुकुरलीला का मध्य अति चिंताजनक स्थिति पर कैक बि ध्यान नी जाणु च।
Drug Controller General of India (DCGI ) तैं जबाब दीण पोड़ल कि आखिर यी कंपनी दोयम स्टैंडर्ड की दवा निर्माण कनकै करणा छन ?
यूं बदमाश दवा कंपन्यूं तैं क्या पुछण यि त अंडर द टेबल नेताओं अर अधिकार्युं से डील करिक भारतीयों स्वास्थ्य से खुलेआम खिलवाड़ करणा छन।
अब त जनता तैं ही इन अंहिसावादी डंडा की रचना करण पोड़ल जु यूँ बदमाश नेताओं , अधिकार्युं अर यूं कंपन्यूँ मालिकों की ऐसी तैसी कार।
जनता ही यूँ चोरुं ,डाकु , लुच्चों , लफंगों की बदमाशी दूर सकद।
Copyright@ Bhishma Kukreti 27/4/2014
*कथा , स्थान व नाम काल्पनिक हैं।
[गढ़वाली हास्य -व्यंग्य, सौज सौज मा मजाक से, हौंस,चबोड़,चखन्यौ, सौज सौज मा गंभीर चर्चा ,छ्वीं;- जसपुर निवासी द्वारा जाती असहिष्णुता सम्बंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; ढांगू वालेद्वारा पृथक वादी मानसिकता सम्बन्धी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;गंगासलाण वाले द्वारा भ्रष्टाचार, अनाचार, अत्याचार पर गढ़वाली हास्य व्यंग्य; लैंसडाउन तहसील वाले द्वारा धर्म सम्बन्धी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;पौड़ी गढ़वाल वाले द्वारा वर्ग संघर्ष सम्बंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; उत्तराखंडी द्वारा पर्यावरण संबंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;मध्य हिमालयी लेखक द्वारा विकास संबंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;उत्तरभारतीय लेखक द्वारा पलायन सम्बंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; मुंबई प्रवासी लेखक द्वारा सांस्कृतिक विषयों पर गढ़वाली हास्य व्यंग्य; महाराष्ट्रीय प्रवासी लेखकद्वारा सरकारी प्रशासन संबंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; भारतीय लेखक द्वारा राजनीति विषयक गढ़वाली हास्य व्यंग्य; सांस्कृतिक मुल्य ह्रास पर व्यंग्य , गरीबी समस्या पर व्यंग्य, आम आदमी की परेशानी विषय के व्यंग्य, जातीय भेदभाव विषयक गढ़वाली हास्य व्यंग्य; एशियाई लेखक द्वारा सामाजिक बिडम्बनाओं, पर्यावरण विषयों पर गढ़वाली हास्य व्यंग्य, राजनीति में परिवार वाद -वंशवाद पर गढ़वाली हास्य व्यंग्य; ग्रामीण सिंचाई विषयक गढ़वाली हास्य व्यंग्य, विज्ञान की अवहेलना संबंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य ; ढोंगी धर्म निरपरेक्ष राजनेताओं पर आक्षेप , व्यंग्य , अन्धविश्वास पर चोट करते गढ़वाली हास्य व्यंग्य, राजनेताओं द्वारा अभद्र गाली पर हास्य -व्यंग्य श्रृंखला जारी ]
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